हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनकी सुरक्षा की कैटेगरी बढ़ाकर ‘जेड प्लस’ कर दी गई है। राज्यपाल खान के खिलाफ केरल के कोल्लम जिले में शनिवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनके ऐसा करने पर खान अपने वाहन से बाहर निकले। फिर प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क किनारे एक दुकान के सामने बैठ गए। इस घटना के बाद ही उनकी सिक्योरिटी बढ़ाने का फैसला लिया गया। लेकिन इसी बीच यह सवाल उठा कि आखिर यह VVIP सिक्योरिटी क्या होती है? (Z, Z+, Y+) इन सिक्योरिटी को ऐसी कैटिगरीज कैसे मिलती है…? तो आज हम आपको इन्हीं संदर्भ में जानकारी देने वाले हैं!
आपको बता दें कि देश में सरकार द्वारा कुछ लोगों को सुरक्षा दी जाती है। ये सुरक्षा उन लोगों को दी जाती है, जिन्हें किसी तरह का खतरा होता है। सुरक्षा एजेंसी व्यक्ति की जान के खतरे को देखती हैं और उसके आधार पर सुरक्षा दी जाती है। भारत में आमतौर पर पांच तरह की वीवीआईपी सुरक्षा दी जाती हैं। ये हैं Z+, Z, Y+, Y और X श्रेणी की सुरक्षा। बता दे कि यह सभी श्रेणियां इनकी सिक्योरिटी लेवल और कैपेबिलिटी के अनुसार दी जाती है…. बात अगर Z+ सिक्योरिटी की करें तो भारत में Z+ सुरक्षा सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा मानी जातती है। Z+ सुरक्षा में संबंधिक व्यक्ति के पास 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी समेत 55 ट्रेंड जवान तैनात किए जाते हैं। ये सभी कमांडो 24 घंटे व्यक्ति के चारों तरफ पैनी नजर रखते हैं। सुरक्षा में लगा हर एक कमांडो मार्शल आर्ट का स्पेशलिस्ट होता है। इसके साथ ही इस जत्थे में आधुनिक हथियार भी होते हैं। भारत में Z+ सुरक्षा पाने वालों में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एवं अंबानी परिवार समेत कई बड़े चेहरे शामिल हैं।वहीं Z+ के बाद सबसे सुरक्षित सिक्योरिटी में Z सुरक्षा का नाम आता है। ये Z+ से थोड़ी अलग है। इसमें संबंधित व्यक्ति के आसपास 6 से 6 NSG कमांडो और पुलिस कर्मियों समेत 22 जवान तैनात रहते हैं। ये सुरक्षा दिल्ली पुलिस, ITBP या सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दी जाती है। भारत में बाबा रामदेव समेत कई अभिनेताओं और नेताओं के पास ये सुरक्षा है। Z सिक्योरिटी के बाद Y+ सुरक्षा का नाम आता है। इस सुरक्षा घेरे में 11 सुरक्षा कर्मी शामिल होते हैं। इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ शामिल होता है। इसके साथ ही इस जत्थे में पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं। उपेंद्र कुशवाहा को सरकार ने यही सुरक्षा प्रदान की है। वहीं बात Y श्रेणी की करे तो Y श्रेणी की सुरक्षा में 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 8 जवानों का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है। इसमें सुरक्षा के रूप में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) भी प्रदान किया जाता है। भारत में इस श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। अब बात X श्रेणी की.. तो बता दें कि X श्रेणी की सुरक्षा में संबंधित व्यक्ति के साथ 2 सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाता है। यह सुरक्षा पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर द्वारा प्रदान की जाती है। भारत में काफी संख्या में लोगों को इस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है।
आइए अब आपको बताते हैं कि इन सभी VIPs को यह सिक्योरिटी कौन देता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में वीवीआईपी लोगों को कई सुरक्षा एजेंसी द्वारा सिक्योरिटी दी जाती है। इसमें SPG, NSG, ITBP और CRPF जैसी एजेंसी शामिल हैं। इस सुरक्षा को लेने के लिए सरकार को एप्लीकेशन देनी होती है, इसके बाद खुफिया एजेंसी व्यक्ति को होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं और उसके बाद ही सुरक्षा तय की जाती है। गृह सचिव और डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी तय करती है कि किस व्यक्ति को कौन सी सुरक्षा दी जाए। यही नहीं आपको बता दें कि Z+ सुरक्षा पर एक व्यक्ति पर महीने में 40 से 45 लाख रुपये का खर्च आता है। इस सुरक्षा का खर्च केंद्रीय गृह मंत्रालय उठाता है। हालांकि, अंबानी परिवार का उदाहरण लें तो वही इसका खर्च उठाता है। बता दें कि प्रधानमंत्री को मिलने वाले एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के बाद Z+ सुरक्षा दूसरा सबसे सख्त कवर माना जाता है। खैर, आपको इन समस्त सुरक्षाओं के बारे में जानकर कैसा लगा, अपना जवाब हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर दीजिएगा!