आखिर यूसीसी आने से क्या फर्क पड़ेगा?

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आज हम आपको बताएंगे कि यूपीसी आने से क्या फर्क पड़ेगा! जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UCC पर बोला है, सोशल मीडिया पर #UniformCivilCode ट्रेंड कर रहा है। न्यूज चैनलों के स्टूडियो में डिबेट हो रही है। विश्लेषण हो रहा है कि यह कितना जरूरी है और इससे क्या कुछ बदल जाएगा। इन सबके बीच एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है जिसे देखकर आप सिर पकड़ लेंगे। जी हां, इसमें एक शख्स कहता है कि जो भी कानून बने, पहले आम जनता को शिक्षित किया जाए कि देखिए आपके लिए ये चीज है। वह आगे कहते हैं, ‘जैसे UCC ड्रेस का है मतलब एक ही जैसा ड्रेस पहनेंगे। जब आएगा तो… अगर मान लीजिए धोती-कुर्ता हमको भी थोपा जाएगा तो हम क्या धोती-कुर्ता पहनेंगे?’ वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स ने यूसीसी में पहले शब्द यूनिफॉर्म का मतलब ड्रेस समझा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जब मुस्लिम समाज के एक शख्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने यूनिफॉर्म यानी पहनावे की बात करनी शुरू कर दी। 

जबकि समान नागरिक संहिता का लोगों के पहनावे से कोई ताल्लुक नहीं है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखने के बाद कई लोगों ने लिखा कि ये ज्ञान कहां से आ रहा है, इसमें एक शख्स कहता है कि जो भी कानून बने, पहले आम जनता को शिक्षित किया जाए कि देखिए आपके लिए ये चीज है। वह आगे कहते हैं, ‘जैसे UCC ड्रेस का है मतलब एक ही जैसा ड्रेस पहनेंगे। जब आएगा तो… अगर मान लीजिए धोती-कुर्ता हमको भी थोपा जाएगा तो हम क्या धोती-कुर्ता पहनेंगे?’ वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स ने यूसीसी में पहले शब्द यूनिफॉर्म का मतलब ड्रेस समझा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जब मुस्लिम समाज के एक शख्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने यूनिफॉर्म यानी पहनावे की बात करनी शुरू कर दी। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि UCC का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए पर्सनल लॉ को एकसमान बनाना है। इसमें धार्मिक, लैंगिक या जातीय भेदभाव नहीं होगा।इसमें एक शख्स कहता है कि जो भी कानून बने, पहले आम जनता को शिक्षित किया जाए कि देखिए आपके लिए ये चीज है। वह आगे कहते हैं, ‘जैसे UCC ड्रेस का है मतलब एक ही जैसा ड्रेस पहनेंगे। जब आएगा तो… अगर मान लीजिए धोती-कुर्ता हमको भी थोपा जाएगा तो हम क्या धोती-कुर्ता पहनेंगे?’ वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स ने यूसीसी में पहले शब्द यूनिफॉर्म का मतलब ड्रेस समझा है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जब मुस्लिम समाज के एक शख्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने यूनिफॉर्म यानी पहनावे की बात करनी शुरू कर दी।  दरअसल, देश में अभी शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के मामलों में समुदायों के अपने-अपने कानून हैं। पीएम ने पिछले दिनों यही कहा था कि एक ही परिवार में दो लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते।इसमें एक शख्स कहता है कि जो भी कानून बने, पहले आम जनता को शिक्षित किया जाए कि देखिए आपके लिए ये चीज है। वह आगे कहते हैं, ‘जैसे UCC ड्रेस का है मतलब एक ही जैसा ड्रेस पहनेंगे। जब आएगा तो… अगर मान लीजिए धोती-कुर्ता हमको भी थोपा जाएगा तो हम क्या धोती-कुर्ता पहनेंगे?’ वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स ने यूसीसी में पहले शब्द यूनिफॉर्म का मतलब ड्रेस समझा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जब मुस्लिम समाज के एक शख्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने यूनिफॉर्म यानी पहनावे की बात करनी शुरू कर दी।  ऐसी दोहरी व्यवस्था से घर कैसे चल पाएगा? को कैंप लगाकर लोगों को शिक्षित करना होगा। हालांकि कुछ लोगों ने इस पर मौज भी ली है। कुछ ने इसे ‘व्हाट्सएप ज्ञान’ कहा है। हालांकि यह साफ नहीं है कि वीडियो कब का है।

सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि UCC का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए पर्सनल लॉ को एकसमान बनाना है।इसमें एक शख्स कहता है कि जो भी कानून बने, पहले आम जनता को शिक्षित किया जाए कि देखिए आपके लिए ये चीज है। वह आगे कहते हैं, ‘जैसे UCC ड्रेस का है मतलब एक ही जैसा ड्रेस पहनेंगे। जब आएगा तो… अगर मान लीजिए धोती-कुर्ता हमको भी थोपा जाएगा तो हम क्या धोती-कुर्ता पहनेंगे?’ वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स ने यूसीसी में पहले शब्द यूनिफॉर्म का मतलब ड्रेस समझा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जब मुस्लिम समाज के एक शख्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने यूनिफॉर्म यानी पहनावे की बात करनी शुरू कर दी।  इसमें धार्मिक, लैंगिक या जातीय भेदभाव नहीं होगा। दरअसल, देश में अभी शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के मामलों में समुदायों के अपने-अपने कानून हैं। पीएम ने पिछले दिनों यही कहा था कि एक ही परिवार में दो लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। ऐसी दोहरी व्यवस्था से घर कैसे चल पाएगा?