आखिर भारतीय एप्स से क्या चाहता है गूगल?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर गूगल भारतीय एप्स से क्या चाहता है! गूगल के अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप हटाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सरकार ने इस संबंध में गूगल और संबंधित स्टार्टअप को बैठक के लिए अगले सप्ताह बुलाया है। आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। गूगल ने अपने प्ले स्टोर का इस्तेमाल करने की पॉलिसी में बदलाव किए थे। इसके चलते गूगल ने सर्विस चार्जेस को 11 फीसदी से बढ़ा कर 26 फीसदी कर दिया था। इसके बाद गूगल ने सर्विस चार्ज ना देने वाली कंपनियों पर ऐक्शन के तहत उन्हें प्ले स्टोर से हटाने का फैसला लिया था। इससे पहले देश की एंटीट्रस्ट अथॉरिटी ने पुराना सिस्टम खत्म करने का आदेश दिया था।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर गूगल ने कहा था कि कई जानी-मानी फर्म और कंपनियों ने उनकी बिलिंग के नियमों का उल्लंघन किया है। गूगल ने बताया था कि कुछ कंपनियां बिक्री पर लागू होने वाले सर्विस चार्ज नहीं दे रहीं हैं। गूगल ने पहले ही इन एप्स को लेकर कह दिया था कि वो इन्हें प्ले स्टोर से हटाने में जरा भी संकोच नहीं करेगा। Shaadi.com, Matrimony.com, Bharat Matrimony, Naukri.com, 99acres, Kuku FM, Stage, Alt Balaji’s (Altt), QuackQuack

भारत मैट्रिमोनी.कॉम के फाउंडर मुरुगवेल जानकीरमन ने गूगल के इस कदम को भारतीय इंटरनेट का काला दिन बताया। उन्होंने बताया कि उनके एप्स एक-एक करके डिलीट किए जा रहे हैं। वहीं, शादी.कॉम के संस्‍थापक अनुपम मित्‍तल ने कहा, आज भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन है। गूगल ने अपने ऐप स्टोर से प्रमुख ऐप्स को हटा दिया है। यह और बात है कि भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। गूगल के झूठे नैरेटिव और दुस्साहस से पता चलता है कि उसे भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है। यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है। इस लगान को रोका जाना चाहिए! QuackQuack के संस्‍थापक और सीईओ रवि मित्‍तल ने कहा कि गूगल की ओर से ऐप को बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक हटाने से हैरानी है। कोर्ट में मामला पेंडिंग होने के बावजूद गूगल की कठोर रणनीति के कारण हमारे पास उनकी मनमानी नीतियों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।

मामले को लेकर IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का भी बयान सामने आया है। मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने डेवलपर्स से बात की है। अगले हफ्ते उनके साथ मीटिंग है। उनका कहना है कि भारतीय स्टार्टअप्स को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इसे लेकर उन्होंने पहले ही गूगल और ऐप डेवलपर्स जिन ऐप को हटाया गया है को कॉल कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस तरह से ऐप हटाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। बता दें कि भारत मैट्रिमोनी.कॉम के फाउंडर मुरुगवेल जानकीरमन ने गूगल के इस कदम को भारतीय इंटरनेट का काला दिन बताया। उन्होंने बताया कि उनके एप्स एक-एक करके डिलीट किए जा रहे हैं। वहीं, शादी.कॉम के संस्‍थापक अनुपम मित्‍तल ने कहा, आज भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन है। गूगल ने अपने ऐप स्टोर से प्रमुख ऐप्स को हटा दिया है। यह और बात है कि भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। गूगल के झूठे नैरेटिव और दुस्साहस से पता चलता है कि उसे भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है। यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है। इस लगान को रोका जाना चाहिए! QuackQuack के संस्‍थापक और सीईओ रवि मित्‍तल ने कहा कि गूगल की ओर से ऐप को बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक हटाने से हैरानी है। कोर्ट में मामला पेंडिंग होने के बावजूद गूगल की कठोर रणनीति के कारण हमारे पास उनकी मनमानी नीतियों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।इस लगान को रोका जाना चाहिए! QuackQuack के संस्‍थापक और सीईओ रवि मित्‍तल ने कहा कि गूगल की ओर से ऐप को बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक हटाने से हैरानी है। कोर्ट में मामला पेंडिंग होने के बावजूद गूगल की कठोर रणनीति के कारण हमारे पास उनकी मनमानी नीतियों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।