आखिर विपक्ष के INDIA के बारे में क्या सोचता है देश?

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हाल ही में विपक्ष के INDIA के बारे में देश का सुझाव सामने आया है! सर्वे एजेंसी सी-वोटर की तरफ से किए गए एक स्पेशल सर्वे से पता चलता है कि देश की करीब आधी आबादी की राय है कि विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ लड़ने के लिए 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का ‘इंडिया’ के रूप में ब्रांडिंग सही कदम है। सीवोटर सर्वे के दौरान पूछा गया सवाल था- क्या विपक्ष का अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखने का फैसला सही है या गलत? कुल मिलाकर, 48.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि यह सही फैसला है, जबकि 38.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि यह गलत है। सर्वे में सैंपल साइज 2,664 था। विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले और एनडीए का समर्थन करने वाले उत्तरदाताओं के बीच इस मुद्दे पर मतभेद साफ दिखाई दिया। विपक्षी दलों का समर्थन करने वालों में से पांच में से तीन उत्तरदाताओं का कहना है कि यह सही फैसला है। विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले लगभग 30 फीसदी लोगों की राय थी कि यह एक गलत फैसला है।

एनडीए समर्थकों के बहुमत 53 फीसदी का कहना है कि यह गलत फैसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से लड़ने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने के लिए नेताओं की कई महीनों से बातचीत चल रही थी। आपसी सहमति बनाने के लिए लंबी बातचीत चली, क्योंकि इनमें से कई विपक्षी दल कुछ राज्यों में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं।

उदाहरण के लिए, AAP और कांग्रेस दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी प्रतिद्वंद्वी हैं। इसी तरह, कांग्रेस और वामपंथी दल केरल में प्रतिद्वंद्वी हैं, जबकि वे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ गठबंधन के रूप में लड़ते हैं। संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक पटना में हुई थी, जिसमें 16 पार्टियां शामिल हुई थीं। हाल ही में बेंगलुरु में हुए पुनर्मिलन में 26 पार्टियां जुट गईं। इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और एनडीए के विकल्प के रूप में I.N.D.I.A.यानी इंडियन नैशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस शब्द गढ़ा गया।संयुक्त विपक्ष की तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित होने वाली है। विपक्षी दलों का प्राथमिक उद्देश्य करीब 400 लोकसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार खड़ा करना है, ताकि विपक्ष के वोट बंट न पाएं।

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में अब बमुश्किल 9-10 महीने का वक्त है। सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। सियासी बिसात बिछने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी और उसके गठबंधन एनडीए की नजर केंद्र की सत्ता में हैटट्रिक लगाने पर है। दूसरी तरफ, ज्यादातर विपक्षी दल आपसी मतभेद, विपरीत विचारधारा और विरोधाभासों को भुलाकर एकजुट हो चुके हैं। इंडियन नैशनल डिवेलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस I.N.D.I.A. नाम से नया गठबंधन भी बना लिया है। रणनीति ये है कि विपक्ष के वोटों का बंटवारा रोकने के लिए बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार खड़ा किया जाए। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से कम से कम 450 सीटों पर I.N.D.I.A. की तरफ से एक उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश है। इसे जमीन पर उतारने और अंतिम रूप देने के लिए 11 सदस्यों की एक कमिटी बनाई जाएगी।

वैसे तो विपक्षी एकजुटता की काट के लिए बीजेपी भी एनडीए का कुनबा बढ़ा रही है। मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्ष के 26 दलों की जुटान हुई तो दिल्ली में एनडीए के बैनर तले 39 दलों की। लेकिन एनडीए और विपक्ष के I.N.D.I.A. में एक बड़ा फर्क है। एनडीए में ज्यादातर छोटे-छोटे दल हैं। दिल्ली में उसकी मीटिंग में जो 39 पार्टियां शामिल हुईं, उनमें से 25 तो ऐसी हैं जिनका लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है। दूसरी ओर विपक्ष के I.N.D.I.A. में ज्यादातर बड़े क्षेत्रीय दल शामिल हैं। उन दलों के नेताओं में कुछ मुख्यमंत्री हैं तो कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भी। हालांकि, बेंगलुरु में जुटे 26 विपक्षी दलों में से 10 ऐसे हैं जिनका लोकसभा में कोई सांसद नहीं है। विपक्ष के राष्ट्रीय महागठबंधन पर नजर डालने पर 2024 के लिए बीजेपी की राह बहुत मुश्किल दिखती है। कांग्रेस के साथ-साथ ममता बनर्जी, नीतीश, लालू, केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गज एकजुट हैं। हर सीट पर एक उम्मीदवार की रणनीति है तब तो 2024 मुट्ठी में होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। कागजों में भले ही विपक्ष का गठबंधन काफी मजबूत दिख रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।

2019 में जिन 224 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को करीब 50 प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले, उनमें गुजरात की सभी 26 सीटें, दिल्ली की सभी 7, मध्य प्रदेश की 25, राजस्थान की 23, यूपी की 40, कर्नाटक की 20, बिहार की 14 और हरियाणा की 9 सीटें, छत्तीसगढ़ की 6, उत्तराखंड की 5, हिमाचल की 6 सीटें शामिल थीं। 8 सीटें तो ऐसी थीं जहां बीजेपी उम्मीदवारों ने 70 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी। ये सीटें हैं- मुंबई नॉर्थ, भीलवाड़ा, नवसारी, सूरत, फरीदाबाद, वडोदरा, कांगड़ा और करनाल।