आज हम आपको बाइबैक ऑफर के बारे में जानकारी देने वाले हैं! इस साल अब तक 60 फीसदी तक टूट चुके पेटीएम के शेयर ने आज निवेशकों के चेहरे पर खुशी ला दी है। पेटीएम के शेयर में आज सुबह से ही तेजी देखने को मिल रही है। दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर यह शेयर 7.20 फीसदी या 36.60 रुपये उछलकर 545 रुपये पर ट्रेड करता दिखा। शेयर में इस उछाल के पीछे वजह हैं, कंपनी का बायबैक ऑफर लाने पर विचार करना। देश के फिनटेक दिग्गज पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिडेट ने गुरुवार को कहा कि वह बायबैक ऑफर पर विचार कर रही है। अगले हफ्ते मंगलवार यानी 13 दिसंबर को कंपनी के बोर्ड की बैठक होनी है। इस बैठक में शेयर बायबैक का फैसला हो सकता है। पेटीएम ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, ’13 दिसंबर को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक होनी है। इसमें कंपनी के पुर्णतया चुकता इक्विटी शेयरों के बायबैक के प्रस्ताव पर विचार होगा। मैनेजमेंट को विश्वास है कि बायबैक ऑफर शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होगा।’ अगर इस बायबैक को मंजूरी मिलती है, तो यह लिस्टिंग के बाद से कंपनी का पहला बायबैक ऑफर होगा। कंपनी ने बताया कि उसके पास 9182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है।
बायबैक ऑफर को शेयर परचेज ऑफर भी कहते हैं। यह एक ऐसी कॉर्पोरेट गतिविधि है, जिसमें कोई कंपनी अपने शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदती है। आमतौर पर कंपनियां करंट मार्केट प्राइस से उच्च कीमत पर शेयर बायबैक करती हैं। बायबैक भी दो तरह के होते हैं। टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर। कोई भी कंपनी कई सारे कारणों से बायबैक ऑफर ला सकती है। आमतौर पर कंपनी के प्रमोटर्स अपनी शेयर होल्डिंग बढ़ाने के लिए बायबैक ऑफर लाते हैं। लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा नहीं दिखता। पेटीएम एक नई कंपनी है और हाल ही में मार्केट में लिस्ट हुई है। जब कंपनी के पास एक्स्ट्रा नकदी होती है, तो भी वह बायबैक का फैसला लेती है। पेटीएम के मामले में यह कारण भी सही नहीं बैठता। कंपनियां टेकओवर से बचने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती है, लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा भी नहीं है। कंपनियां अर्निंग पर शेयर (EPS) बढ़ाने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती हैं। पेटीएम के मामले में यह कारण भी ठीक नहीं बैठता।
कंपनियां कई बार अपने शेयर प्राइस को सपोर्ट करने के लिए बायबैक ऑफर लाती हैं। पेटीएम का शेयर इस साल अब तक 60 फीसदी टूट चुका है।टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर। कोई भी कंपनी कई सारे कारणों से बायबैक ऑफर ला सकती है। आमतौर पर कंपनी के प्रमोटर्स अपनी शेयर होल्डिंग बढ़ाने के लिए बायबैक ऑफर लाते हैं। लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा नहीं दिखता। पेटीएम एक नई कंपनी है और हाल ही में मार्केट में लिस्ट हुई है। जब कंपनी के पास एक्स्ट्रा नकदी होती है, तो भी वह बायबैक का फैसला लेती है। पेटीएम के मामले में यह कारण भी सही नहीं बैठता। कंपनियां टेकओवर से बचने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती है, लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा भी नहीं है। कंपनियां अर्निंग पर शेयर (EPS) बढ़ाने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती हैं। पेटीएम के मामले में यह कारण भी ठीक नहीं बैठता। इसलिए पेटीएम के लिए यह कारण सही बैठता है। साथ ही कंपनियां अपने शेयरधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती है। पेटीएम के मामले में यह उचित कारण है। कंपनी ने कहा भी है कि बायबैक ऑफर से शेयरधारकों को फायदा होगा।
पेटीएम का आईपीओ प्राइस 2150 रुपये था। यह स्टॉक एक्सचेंज पर 10 फीसदी डिस्काउंट पर 1950 रुपये पर लिस्ट हुआ। इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट दिखी।टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर। कोई भी कंपनी कई सारे कारणों से बायबैक ऑफर ला सकती है। आमतौर पर कंपनी के प्रमोटर्स अपनी शेयर होल्डिंग बढ़ाने के लिए बायबैक ऑफर लाते हैं। लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा नहीं दिखता। पेटीएम एक नई कंपनी है और हाल ही में मार्केट में लिस्ट हुई है। जब कंपनी के पास एक्स्ट्रा नकदी होती है, तो भी वह बायबैक का फैसला लेती है। पेटीएम के मामले में यह कारण भी सही नहीं बैठता। कंपनियां टेकओवर से बचने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती है, लेकिन पेटीएम के मामले में ऐसा भी नहीं है। कंपनियां अर्निंग पर शेयर (EPS) बढ़ाने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती हैं। पेटीएम के मामले में यह कारण भी ठीक नहीं बैठता। शेयर का 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 439.60 रुपये है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पेटीएम ने 440 से 500 रुपये के बीच अपना बॉटम तैयार किया है। पिछले कई सेशंस से इस शेयर में तेजी देखने को मिल रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, आने वाले समय में इस शेयर में 1285 रुपये तक जाने की क्षमता है।