Monday, December 23, 2024
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आखिर क्या है भारत का नया प्रोजेक्ट कुश?

आज हम आपको भारत के नए प्रोजेक्ट कुश के बारे में बताने जा रहे हैं! इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। दुश्मन के हवाई हमलों को पल में ध्वस्त करने वाले इस सिस्टम ने दुनिया के देशों का ध्यान खींचा है। अब भारत भी एक ऐसे ही मिशन की तैयारी में जुट गया है। भारत स्वदेशी तकनीक से विकसित और दुश्मन की हर छोटी सी छोटी हरकत को भांपने की क्षमता से लैस लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को बना रहा है। भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संगठन इस मिसाइल का निर्माण प्रोजेक्ट कुश के तहत करने वाला है। अगर सब सही रहा तो 2028-29 में इसे सेना में शामिल किया जा सकता है। एक सूत्र ने बताया कि ये मिसाइल रूस के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम जितना ही ताकतवर होगा। गौरतलब है कि रूस के S-400 सिस्टम को हाल ही में वायुसेना ने शामिल किया है। यह लॉन्ग रेंज सर्विलांस, फायर कंट्रोल रेडार और अलग-अलग तरह की इंटरसेप्टर मिसाइलों से लैस होगा, जिनकी मदद से यह 150 किमी, 250 किमी और 350 किमी तक की दूरी पर यानी यह सिस्टम तीन स्तरों पर दुश्मन के स्टेल्थ लड़ाकू विमानों, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और गाइडेड वेपन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगा।

प्रोजेक्ट कुश के तहत बनने वाले इस देसी मिसाइल सिस्टम के पास स्टेल्थ फाइटर्स, एयरक्राफ्ट, ड्रोन्स, क्रूज मिसाइल को तहस-नहस करने की क्षमता है। ये सिस्टम 350 किलोमीटर दूर तक मार कर सकता है। DRDO ने प्रोजेक्ट कुश को तेज कर दिया है। LR-SAM मिसाइल लंबी दूरी का सर्विलांस और फायर कंट्रोल रडार से लैस होगा। इस मिसाइल में अलग-अलग तरह के इंटरसेप्टर लगे रहेंगे और यह 150 किलोमीटर, 250 किलोमीटर और 350 किलोमीटर की रेंज में अपने निशाने को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता है। DRDO के अनुसार ये सिस्टम हाई स्पीड टारगेट्स के खिलाफ और लो रडार क्रॉस सिस्टम को भी भेदने में सक्षम है।

गौरतलब है कि इजरायला का आयरन डोम 70 किलोमीटर के घेरे में ही दुश्मन रॉकेट को इंटरसेप्ट कर पाता है। आयरन डोम एक साथ कई मिसाइलों को गिराने में 90% एक्युरेसी रखता है। इस सिस्टम को अमेरिका और इजरायल ने मिलकर बनाया है। पहली बार 2011 में इसका इस्तेमाल किया गया था, तब हमास की मिसाइल को इसने नष्ट किया था। भारतीय सिस्टम में काउंटर-स्टेल्थ क्षमता होगी, यानी यह रेडार से बचकर आ रही चीजों को भी खोज कर उन्हें नष्ट करेगा, जो इजरायली आयरन डोम नहीं कर सकता। बता दें कि भारत का सुरक्षा कवच अब और मजबूत होने जा रहा है, इसके लिए भारत एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है जो दुश्मन के हर हमले को नाकाम कर देगा. चीन हो या पाकिस्तान कोई भी इसे भेद नहीं पाएगा. खास बात ये है कि ये एयर डिफेंस सिस्टम इजराइल के आयरन डोम से बहुत बेहतर होगा. ये अमेरिका के पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम और रूस के S-400 को भी टक्कर देगा!

भारत अभी तक अपने एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रूस के S-400 पर निर्भर है, लेकिन अब भारत ने अपना खुद का स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम बनाने की योजना बना ली है. यह जिम्मेदारी डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान विकास संगठन संभाल रहा है. यह जो एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है, उसे ही प्रोजेक्ट कुश नाम दिया गया है. जो लंबी दूरी से भारत की तरफ आने वाले हर खतरे को हवा में ही ट्रैक कर उसे नष्ट कर देगा! प्रोजेक्ट कुश भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम होगा, इसके तहत डीआरडीओ लॉग रेंज की सरफेस टू एयर मिसाइल यानी LR-SAM तैयार कर रहा है, इनकी रेंज अलग-अलग होगी, जो 150, 250 और 350 किमी तक दुश्मन की हरकत को ट्रैक कर उस तरफ से आ रहे हर हमले को नाकाम कर देगी. अभी भारत के पास S-400 एयर सिस्टम है जो रूस से लिया गया है!

यदि दुश्मन की ओर से किसी प्रकार की हरकत की जाती है तो भारत की वायु रक्षा प्रणाली उसे ट्रैक कर लेगी और टारगेट से कई किलोमीटर पहले ही हवा में उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए भारत का यह नया कवच लांग रेंज सर्फेस जो एयर मिसाइल दागेगा, ताकि दुश्मन को हवा में ही खत्म कर दिया जाए. यह तीन स्तरीय प्रणाली होगी, जिसकी सबसे कम रेंज 150 किमी होगी, मध्यम रेंज 250 किमी और अधिकतम रेंज 350 किलो! भारत ने सबसे पहले 2018 में रूस के साथ S-400 की डील की थी, उस वक्त भारत ने 5 S-400 40 हजार करोड़ रुपये में खरीदे थे, अब तक भारत को रूस की ओर से इसके तीन स्क्वाड्रन दिए जा चुके हैं, इनमें से ज्यादातर चीन सीमा पर तैनात हैं. खास बात ये है कि चीन भी भारत की तरह रूस से ही S-400 खरीदता है. उसके पास अपना एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन वह इससे कम प्रभावी है!

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