आज हम आपको स्पाइसजेट के अधिकारियों का कारनामा बताने जा रहे हैं! कम किराये वाली एयरलाइन स्पाइसजेट एक बार फिर से चर्चा है। चर्चा की वजह कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की धोखाधड़ी है। आरोप है कि कंपनी के कुछ सीनियर आफिसर्स ने एयरलाइन की शिड्युल्ड फ्लाइट्स को कैंसिल कर उस विमान से चार्टर फ्लाइट ऑपरेट किया। पता चला कि ये अधिकारी मार्केट में चल रही प्राइस से कम पर चार्टर बुकिंग कर रहे थे। इससे कंपनी को तो नुकसान हुआ ही, इसके ग्राहकों को भी अंतिम समय में भारी असुविधा का समाना करना पड़ा। इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ऑडिट में इन अधिकारियों की कारगुजारी का पता चला। जांच में पाया गया कि अधिकारी बाजार दर से भी कम कीमत पर चार्टर फ्लाइट बुक कर रहे थे। ऐसा करने के लिए वे एजेंटों से कमीशन ले रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इस सिलिसले में एयरलाइन ने तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, और बिक्री और राजस्व प्रबंधन जैसे अपने वाणिज्यिक विभाग पर नियंत्रण कड़ा कर रही है।
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया कि कंपनी में किसी घोटाले का पता चला है। उनका कहना था “क्वेरी में साझा की गई जानकारी गलत और भ्रामक है”। हालांकि, मंगलवार को एक बयान में, एयरलाइन ने कहा कि रणनीतिक पुनर्गठन के हिस्से के रूप में, वाणिज्यिक टीम के कई सदस्यों ने तत्काल प्रभाव से कंपनी छोड़ दी है। मंगलवार को बाजार खुलने के बाद तुरंत यह बयान आया था। और इसके बाद बीएसई पर एयरलाइन के शेयर 8.90% गिरकर ₹55.19 पर बंद हुए थे। आज भी कंपनी का शेयर करीब पांच फभ्सदी गिर कर 52 रुपये 65 पैसे पर ट्रेड कर रहा था।
एविएशन इंडस्ट्री में दो तरह के फ्लाइट होते हैं। एक तो शिड्यूल जिसका टाइम टेबल सरकार अनुमोदित करती है। दूसरा चार्टर फ्लाइट। मतलब कि किसी ने पूरे हवाई जहाज को रिजर्व कर लिया है। यह अनिर्धारित उड़ानें हैं जो ग्राहकों के एक समूह की विशिष्ट मांग पर संचालित की जाती हैं। आमतौर पर चार्टर फ्लाइट महंगी होती है। यह ऐसा ही होता है कि आप बस में सवारी बन कर जाने के बजाय अपनी बारात के लिए बस रिजर्व कर लें तो वह महंगा पड़ता है। COVID के दौरान चार्टर फ्लाइट एविएशन कंपनियों के रेवेन्यू का एक प्रमुख स्रोत बन गया क्योंकि लोगों ने भीड़-भाड़ से दूर रह कर ट्रेवल करना पसंद किया था। साल 2022-23 के दौरान स्पाइसजेट ने 1568 चार्टर फ्लाइट ऑपरेट किया था, जिनमें दो लाख 48 हजार से भी ज्यादा पैसेंजर्स ने ट्रेवल किया था।
ऑडिट के बाद, एयरलाइन ने पाया स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटी को बताया “एयरलाइंस अपनी आगे की बुकिंग forward bookings का विश्लेषण करती हैं। यदि उन्हें पता चलता है कि एक निश्चित उड़ान संचालन की निर्धारित लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो उन उड़ानों को पर्याप्त समय और ग्राहकों को मुआवजे के साथ रद्द कर दिया जाता है। लेकिन यह तो मामला ही अलग था। उन्होंने बताया “चार्टर उड़ानें बाजार दर से आधी कीमत पर बेची गईं। यदि निर्धारित उड़ानें संचालित की जातीं तो कंपनी को अधिक कमाई होती।” उक्त अधिकारी ने बताया, एयरलाइन ने यह भी पाया कि कुछ अधिकारी कम कीमत पर चार्टर फ्लाइट बेचने के लिए एजेंटों से कमीशन खा रहे थे। जाहिर है कि यह रकम कंपनी के अकाउंट में नहीं जा रही थी बल्कि संबंधित कर्मचारियों की जेब में जा रही थी। कंपनी के ही एक अन्य अधिकारी ने बताया “निर्धारित उड़ानों को रद्द करना और उसके बजाय चार्टर का संचालन करना एक बहुत ही खराब प्रथा है। न केवल आप ग्राहक को असुविधा पहुंचा रहे हैं, बल्कि आपको पैसे खोने का भी खतरा है क्योंकि यात्रा की तारीख के करीब ट्रैफिक बढ़ जाता है जब टिकट अधिक कीमत पर बेचे जा सकते हैं।” कंपनी के एक दूसरे अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
स्पाइसजेट ने हाल ही में लगभग ₹1,000 करोड़ जुटाए हैं और नकदी संकट से निपटने के लिए एक बड़े पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है। इसने स्रोत पर कर कटौती टीडीएस, वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी, भविष्य निधि पीएफ और विक्रेताओं को भुगतान जैसे वैधानिक भुगतान में चूक की है।
एयरलाइन ने अपने बेड़े के आकार में दो-तिहाई की कमी के बाद, अब पैसे बचाने के लिए अपने लगभग 15% कर्मचारियों को हटाने का भी फैसला किया है। उसे इन उपायों से प्रति वर्ष लगभग ₹100 करोड़ बचाने की उम्मीद है। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि निवेश की घोषणा के बाद, प्रमोटर अजय सिंह कंपनी के साथ और अधिक जुड़ गए हैं और हर विभाग के प्रदर्शन की जांच कर रहे हैं।