आखिर क्या है बिहार एमएलसी इलेक्शन की गणित?

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आज हम आपको बिहार एमएलसी इलेक्शन की गणित समझाने जा रहे हैं! एनडीए से बिहार विधान परिषद का कौन प्रतिनिधित्व करेगा? ये सवाल रणनीतिकारों के सामने अभी भी अनुतरित हैं। कहा जा रहा है कि फिलहाल एनडीए सातवें उम्मीदवार को बिहार विधान परिषद भेजे जाने के जुगाड़ में जुटी हुई है। इसके अलावा भी कई पेच फंसे हुए हैं, जिसे सुलझाए बिना घोषणा कर देना एनडीए के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। जिन 11 सदस्यों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं, उनमें नीतीश कुमार, राबड़ी देवी, सैयद शाहनवाज हुसैन, प्रेमचंद्र मिश्रा, संजय झा, संतोष कुमार सुमन, मंगल पाण्डेय, खालिद अनवर, रामचंद्र पूर्वे, रामेश्वर महतो और संजय पासवान का नाम शामिल है। एनडीए के पास 6 और महागठबंधन के हिस्से में 5 सीटें हैं। एनडीए के रणनीतिकार अभी इस जुगाड़ में लगे हुए हैं कि कुछ और विधायक एनडीए में आ जाएं तो सातवें उम्मीदवार को भेजा जाना संभव हो सके। अभी महागठबंधन से सात विधायक टूट कर एनडीए आए हैं। अभी आठवें विधायक के रूप में नीतू सिंह जुड़ते-जुड़ते रह गईं।

समीकरण ये है कि अभी एक उम्मीदवार को विधान परिषद में भेजने के लिए 20.16 यानी 21 विधायक की जरूरत है। इन विधायकों के जरिए 6 उम्मीदवार को बिहार विधान परिषद भेजने के बाद भी कई विधायक शेष रह जाते हैं। ऐसे में दो स्थिति एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकती है। एक तो ये कि माले एमएलसी चुनाव में भाग नहीं ले। ऐसा गर हुआ तो एक एमएलसी बनाने के लिए 20 विधायक की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में एनडीए को सातवें उम्मीदवार को एमएलसी बनाने में सफलता मिल सकती है। दूसरा पेच तो सामाजिक समीकरण के तुष्टिकरण का है। रणनीतिकार चाहते हैं कि एमएलसी उम्मीदवार के चयन के लिए तय सूची ऐसी हो जो सभी जातियों को भागीदारी देते दिखे। पार्टी के विधायकों की संख्या के अनुसार भाजपा को चार सीटें मिलनी तय हैं। भाजपा एक सीट हम को देने जा रही है इसकी घोषणा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में भाजपा की ओर से तीन नेता ही विधान पार्षद बनेंगे।

काफी मंथन के बाद राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की उपस्थिति में कई नामों पर विचार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार सूची को शॉर्ट लिस्ट करते हुए ओबीसी से चार, राजपूत-ब्राह्मण से चार, और दलित से भी चार उम्मीदवारों के प्रस्ताव भेजे गए है। लेकिन सूत्र बताते है कि इन नाम पर अभी आलाकमान की मुहर नहीं लगी है। बिहार विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 4 मार्च से शुरू होगी। 11 मार्च अंतिम तारीख है। 21 मार्च को विधानसभा में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। 5 बजे से उसी दिन गिनती होगी।

जेडीयू सूत्रों की माने तो यहां कोई पेच नहीं फंस रहा। विधायकों की संख्या के अनुसार जदयू को दो सीट मिलने जा रही है। एक सीट तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम सुरक्षित है। दूसरे सीट पर किसी मुस्लिम या महिला को भेजने की तैयारी है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संजय झा, रामेश्वर महतो और खालिद अंसारी के टर्म पूरे हो होने वाले हैं। संजय झा को राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसी चर्चा है कि रामेश्वर महतो का टिकट इस बार कट गया है। सेक्युलरिज्म के नाम पर एक सीट मुस्लिम को जाएगा। खालिद अनवर के दूसरे टर्म की उम्मीद 50:50 है। संभव है किसी मुस्लिम या कोई महिला चेहरा भेजा जाए। पार्टी के विधायकों की संख्या के अनुसार, बीजेपी को चार सीटें मिलनी तय है। भाजपा एक सीट हम को देने जा रही है, इसकी घोषणा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में बीजेपी की ओर से तीन नेता ही विधान पार्षद बनेंगे। पार्टी में विधान परिषद के तौर पर कई नाम चर्चा में हैं। भाजपा के भीतर सक्रिय हुई नई टीम के भीतर किसे भेजे और न भेजें , इसे लेकर भारी लोचा है। भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की उपस्थिति में लगभग 40 से ज्यादा नामों की सूची पर विचार हुआ।

कहा जा रहा है कि इस सूची को लेकर बीएल संतोष काफी नाराज हुए। उन्होंने कहा कि सामाजिक समीकरण पर कोई काम नहीं किया गया है। चुनाव सामने है और सामाजिक समीकरण को संतुलित करने का कोई प्रयास ही नहीं हुआ है। और फिर इस बैठक में जातिगत समीकरण को लेकर बात हुई। वैश्य से धर्मशिला गुप्ता राज्यसभा जा चुकी हैं। इसलिए सूची से वैश्य नाम हटा। इसी तरह फिर सूची से कुशवाहा और भूमिहार के नामों को हटाया गया कि इस जाति से डिप्टी सीएम बना दिए गए हैं। अब सवर्ण में राजपूत और ब्राह्मण से नामों का चयन करें। ओबीसी से छूट गई जाति से आने वाले नामों का चयन करें और दलित से भी उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएं। जानकारी के अनुसार, उन 40 से अधिक नामों की सूची को शॉर्ट लिस्ट करते हुए कुल 12 नामों का चयन किया गया है। इनमें दलित, राजपूत और कुर्मी से चार चार नामों की सूची बनाई गई। अब इन नामों पर केंद्रीय नेतृत्व विचार कर तीन नाम तय करेगी जो विधान परिषद जाएंगे।