Wednesday, December 4, 2024
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आखिर क्या है मोनिका यादव मर्डर की मिस्ट्री?

आज हम आपको मोनिका यादव मर्डर की मिस्ट्री की कहानी सुनाने जा रहे हैं! 8 सितंबर 2021, वो तारीख जब दिल्ली पुलिस की 28 साल की पूर्व कांस्टेबल मोनिका यादव की हत्या हुई। वजह थी हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा से शादी करने से मना कर देना। मोनिका यादव मर्डर केस को भले ही दो साल पूरे हो गए हैं, लेकिन ये अभी भी दिल्ली के बड़े अपराधों को जिक्र होता है, तो ये केस जरूर ध्यान में आता है। इस वारदात से पूरी दिल्ली सहम गई थी। हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा पहले मोनिका को दिल्ली के मुखमेलपुर के सुनसान इलाके में ले गया और उसे कई थप्पड़ मारे। सनकी पुलिसकर्मी का इतने पर भी मन नहीं भरा और उसने मोनिका को 25-30 मीटर की ऊंचाई से नाले में फेंक दिया। मोनिका बुरी तरह जख्मी हो गई, लेकिन उसकी जान बच गई। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। सनकी हेड कांस्टेबल तब तक नहीं माना, जब तक उसने मोनिका की जान नहीं ले ली। जानकारी के अनुसार, नाले में फेंकने पर मोनिका बच गई। उसने बचने के लिए राणा को धमकी दी कि वो पुलिस को सबकुछ बता देगी। फिर क्या था, राणा के दिमाग पर पहले से खून सवार था। वो खुद भी नाले में उतर गया और मोनिका का गला घोंट दिया। इसके बाद मोनिका के शव को छिपाने के लिए उसे नाले के अंदर धकेल दिया। शव ऊपर न आए इसके लिए उसे पत्थरों से ढक दिया। पिछले साल जब इस मर्डर केस का खुलासा हुआ, तो हर कोई हैरान रह गया। मोनिका मर्डर केस की पूरी कहानी 30 पेज की चार्जशीट में लिखी हुई है। इसे मोनिका की हत्या के तीन महीने बाद पिछले साल 26 दिसंबर को दिल्ली की अदालत में दाखिल किया गया।

दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा मोनिका की हत्या के बाद उसके परिवार को गुमराह करता रहा। उसने मोनिका के परिवार को ये भरोसा दिलाया कि वो अरविंद नाम के शख्स के साथ भाग गई और उसी से शादी कर ली। राणा मोनिका के मर्डर का राज दो साल तक छिपाता रहा। मोनिका के घरवालों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2021 में वो मोनिका के पीजी में गई थीं, लेकिन वो वहां नहीं मिलीं। पुलिस जांच में पता चला कि मोनिका दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में काम करते हुए राणा से मिली थी। मोनिका दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। वो सितंबर 2021 में UPSC की तैयारी करने के लिए दिल्ली आई थी। यहां उसकी मुलाकात राणा से हुई। राणा पहले से शादीशुदा था। वो मोनिका को पसंद करने लगा। उसने मोनिका के रहने का इंतजाम किया और कोचिंग सेंटर में भी एडमिशन करवाया। राणा मोनिका पर शादी के लिए दवाब बना रहा था, लेकिन वो अपनी तैयारी पर फोकस करना चाहती थी।

वारदात वाले दिन राणा ने मोनिका को उसके पीजी से पिक किया और उसे दिल्ली के मुखर्जी नगर के एक मॉल में ले गया। वो लगातार उसपर शादी के लिए दवाब बना रहा था, लेकिन मोनिका अपने फैसले पर अडिग थी। मोनिका के बार-बार इनकार से राणा को गुस्सा आ गया। फिर वो उसे सनसान रास्ते पर ले गया और मारपीट करने लगा। इसके बाद उसने मोनिका को नाले में फेंक दिया और जब वो वहां भी बच गई तो गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। राणा ने चालाकी से मोनिका का शव भी नाले में एक पत्थर से छिपा दिया। दो साल तक इस हत्याकांड की किसी को कानोकान खबर नहीं हुई। राणा मोनिका के परिवार से झूठ बोलता रहा कि वो अरविंद नाम के लड़के के साथ भाग गई है। लेकिन जब परिवार को शक हुआ तो पुलिस ने जांच शुरू की। दो साल बाद मोनिका के अवशेष नाले में मिले। पुलिस ने उन अवशेषों के डीएनए को मोनिका की मां के DNA से मिलाया, जिससे इस बात का खुलासा हुआ कि मोनिका की हत्या हुई है।

मोनिका का हत्यारा हेड कांस्टेबल राणा दो साल तक उसके परिवार को गुमराह करता रहा। उसने मोनिका के परिवार को फर्जी कॉल किए और खुद को अरविंद बताया। उसने कहा कि मोनिका ने अरविंद से शादी कर ली है। लेकिन परिवार को शक हुआ, जब उन्हें केवल अरविंद के नाम से फोन और मैसेज आए, लेकिन बेटी का कभी कॉल नहीं आया। परिवार ने पुलिस से इस मामले में मदद मांगी। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड खंगाले और राणा के साले रोविन तक पहुंची। रोविन ने कबूल किया उसने राणा के कहने पर मोनिका के परिवार को कॉल किए। इसके बाद पुलिस ने राणा को गिरफ्तार किया।

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