आखिर क्या है लोकसभा चुनावों को लेकर हाजीपुर के लोगों की राय?

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आज हम आपको बताएंगे कि हाजीपुर के लोगों की लोकसभा चुनावों को लेकर क्या राय है! पशुपति पारस 50 कार्यकर्ता का नाम नहीं बता पाएंगे। वे सिर्फ दलाल कार्यकर्ताओं के नाम बता पाएंगे। ये कहना है हाजीपुर के एक आम नागरिक का। उनका मानना है कि चिराग पासवान अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए हाजीपुर का विकास करेंगे। पशुपति पारस रामविलास पासवान का नाम मिट्टी में मिला रहे हैं। हम आपको आगे भी लोगों की राय बताएंगे सबसे पहले समझते हैं आखिर ये मामला क्या है। हुआ यूं कि चिराग पासवान एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन गए हैं। चिराग ने एनडीए में एंट्री होते ही अपने लिए लोकसभा की छह सीटें और एक राज्यसभा सीट पर दावा ठोक दिया है। चाचा पहले से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। वे हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का दावा ठोक रहे हैं। उधर, चिराग भी हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए कमर कस चुके हैं। ऐसे में एनडीए के चाणक्य यानी अमित शाह समझ नहीं पा रहे हैं कि चाचा-भतीजे की लड़ाई को कैसे सुलझाया जाए? हाजीपुर समरणहालय परिसर में खड़े श्रीराज पासवान पशुपति कुमार पारस के समर्थक हैं। श्रीराज पासवान बताते हैं कि पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहिए। श्रीराज ने कहा कि पशुपति पारस सच्चा आदमी हैं। जो बोलते हैं वो करते हैं। पारस बोले तो समझिए पत्थर की लकीर है। दोनों एक साथ नहीं आएंगे। अभी हम नहीं कह सकते हैं कि साथ में हैं। काम बहुत किए हैं। हम लोग पशुपति पारस के साथ है। चिराग से ज्यादा वोट है पशुपति पारस का। श्रीराज पासवान ने चाचा-भतीजे को एक मंच पर आने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि अभी आगे देखिए क्या होता है। श्रीराज ने ये भी कहा कि हाजीपुर में विकास का काम जिस तरह पारस कर रहे हैं आने वाले दिनों में उन्हें ही सांसद बनना चाहिए।

वहां मौजूद कुमार भास्कर का कहना है कि वे अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलेंगे। चिराग पासवान बेहतर नेता हैं। चिराग पासवान युवा हैं। उनके पिताजी का हाजीपुर में बहुत कुछ किया हुआ है। कुछ वो अपने पिता के रास्ते पर चलते ही हैं चिराग पासवान। अभी तक यहीं देखा गया है कि बाप ने किया है तो बेटा भी करेगा। इसलिए चिराग पासवान एक बेहतर नेता हैं। कुमार भास्कर का साफ कहना है कि चिराग पासवान हाजीपुर में विकास की गंगा बहाएंगे और अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे। परिसर में मौजूद एक स्थानीय वोटर ने कहा कि पशुपति पारस बेरोजगार थे। रामविलास पासवान ने हाजीपुर से नॉमिनेशन कराकर यहां से उन्हें यहां से विजयी बना दिया। रामविलास पासवान ने ऐलान किया था कि मैं हाजीपुर से चुनाव नहीं लड़ूंगा। वो राज्यसभा चले गए थे। पशुपति कुमार पारस चुनाव हार चुके थे। चिराग पासवान माननीय सांसद बन चुके थे। पारस बेरोजगार थे। बेहतर सांसद सिर्फ और सिर्फ चिराग पासवान होंगे। पशुपति पारस ने धोखा देने का काम किया है।

अवधेश सिंह ने एक बार फिर वहां की चर्चा में कूदते हुए कहा कि चिराग पासवान ने हाजीपुर का सांसद नहीं रहते हुए भी काम किया। चिराग पासवान इतिहास रच रहे हैं। पशुपति पारस के साथ है। चिराग से ज्यादा वोट है पशुपति पारस का। श्रीराज पासवान ने चाचा-भतीजे को एक मंच पर आने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि अभी आगे देखिए क्या होता है। श्रीराज ने ये भी कहा कि हाजीपुर में विकास का काम जिस तरह पारस कर रहे हैं आने वाले दिनों में उन्हें ही सांसद बनना चाहिए।हाजीपुर की जनता ने चिराग पासवान को अपना नेता मान लिया है। पशुपति कुमार पारस के समर्थकों ने कहा कि ये समय बताएगा कि जनता किसको पसंद करती है। वहां मौजूद देवेंद्र राय जो एक आरटीआई कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान हों और बिहार के युवा नेता तेजस्वी यादव इनके पास जनता के लिए थोड़ा भी समय नहीं है। देवेंद्र राय ने दोनों की आलोचना करते हुए कहा कि ये दोनों युवा नेता कार्यकर्ता अलग रहते हैं। कुल मिलाकर एनबीटी से हुई बातचीत में लोगों ने चिराग पासवान का खुलकर समर्थन किया। लोगों का मानना है कि चिराग पासवान ही हाजीपुर से सांसद बनें। चिराग पासवान को यहां की जनता पसंद करती है। पशुपति पारस को ये सीट छोड़ देनी चाहिए। फिलहाल, अब गेंद एनडीए के पाले में चली गई है। किस नेता को कितनी सीट और कहां-कहां से सीट मिलती है।