आखिर क्या है प्रधानमंत्री सोलर स्कीम? जिसके तहत करोड़ घरों को मिलेगा सौर ऊर्जा का फायदा?

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हाल ही में प्रधानमंत्री रूफटॉप सोलर स्कीम लॉन्च हो गई है…. जिसके तहत करोड़ घरों को सौर ऊर्जा का फायदा मिलने वाला है… इसी के साथ बिजली के बिलों में भी ₹300 तक की बचत होने वाली है…. लेकिन सवाल यह कि आखिर इससे आम जनता को क्या फायदा होगा और इस योजना में अप्लाई कैसे कर सकते हैं? तो आज हम आपको इस योजना से जुड़े हर सवाल का जवाब देने वाले हैं, आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ नाम से एक योजना शुरू की जिसके लिए ₹75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस योजना के तहत, 1 करोड़ परिवारों को अपने घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद मिलेगी, जिससे बिजली बिल को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। तो आज हम आपको इसी योजना के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं…. सबसे पहला सवाल जो उठना है, वह यह कि आखिर इससे आम जनता को क्या फायदा होगा? तो बता दे कि छत पर सौर पैनल लगाने से घरों को कई फायदे होंगे। यूजर को हर महीने 300 यूनिट तक की मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे छत की क्षमता और खपत के आधार पर सालाना ₹15,000 से ₹18,000 तक की बचत होगी। ग्रामीण इलाकों में घर, खासकर बिजली के दो-तीन पहिया वाहनों/कारों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाकर पैसे भी कमा सकते हैं।

सवाल नंबर दो, कि आखिर इस योजना में कौन-कौन अप्लाई कर सकता है? उसकी योग्यता क्या है? तो आपको बता दे कि इस योजना का फायदा सभी घर ले सकते हैं, लेकिन सब्सिडी सिर्फ 3 किलोवाट kW या 3,000 वाट क्षमता तक के छत सौर संयंत्रों के लिए ही मिलेगी। आप (पीएम सूर्य घर योजना की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको छत के हिसाब से लगने वाले सौर संयंत्र की उपयुक्त क्षमता और उससे होने वाले फायदों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।

सवाल नंबर 3, कि आखिर सब्सिडी कैसे पाई जा सकती है? तो बता दे कि सब्सिडी पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। छत पर लगने वाले सौर पैनल ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत बने होने चाहिए। पैनल लगाने का काम सरकारी मान्यता प्राप्त विक्रेता जिनकी सूची वेबसाइट पर दी गई है से ही कराना होगा। सब्सिडी पाने के लिए बैटरी स्टोरेज की अनुमति नहीं है। सरकारी सब्सिडी सिर्फ 3 किलोवाट क्षमता तक के छत सौर संयंत्रों के लिए ही उपलब्ध है। सब्सिडी की दरें कुछ इस प्रकार से रहेंगी।  2 किलोवाट क्षमता तक के संयंत्रों के लिए – 60% तथा 2 और 3 किलोवाट क्षमता के बीच के संयंत्रों के लिए – 40% अधिकतम सब्सिडी राशि होगी…. यानी 1 किलोवाट क्षमता – ₹30000, 2 किलोवाट क्षमता – ₹60000, 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता – ₹78000

यह सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में तब जमा की जाएगी, जब छत पर पैनल लगा दिए जाएंगे और सरकारी अधिकारियों द्वारा जांच पूरी कर ली जाएगी। इसी के साथ सवाल नंबर 4, कि क्या उपयोगकर्ता को कुछ भुगतान करना पड़ सकता है? तो आपको बता दे कि यूजर्स को कम से कम 40% खर्च का भुगतान करना होगा। ये वो राशि है जो सब्सिडी मिलने के बाद बचती है। केंद्र सरकार की बिजली कंपनियों को छोटे घरों खासकर पीएम आवास योजना के तहत बने घरों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए छत पर सौर संयंत्र लगाने का काम सौंपा जा सकता है। ये उन परिवारों के लिए होगा जो शुरुआती निवेश करने में असमर्थ हैं। ऐसी स्थिति में सब्सिडी बिजली कंपनी को दी जाएगी, जो शुरुआती निवेश भी करेगी। यूजर शुरुआती निवेश के लिए रियायती दरों पर ऋण भी ले सकते हैं।

आखरी सवाल यह कि किस तरह के सोलर पैनल लगाने चाहिए तथा उनकी संख्या कितनी हो सकती है? तो आपको बता दे कि आप दो तरह के सौर पैनल लगा सकते हैं – मोनोफेशियल या बाईफेशियल पैनल। इन दोनों में से कोई भी पैनल चुनते समय उनकी Efficiency Rating पर जरूर ध्यान देना चाहिए। यही वह रेटिंग है जो बताती है कि कितनी मात्रा में सूर्य की रोशनी ऊर्जा में बदली जा रही है। दोनों तरह के पैनलों की औसत आयु 25 साल है, लेकिन इसके बाद भी ये कम मात्रा में बिजली बनाते रहते हैं। यही नहीं 1 किलोवाट क्षमता के ज्यादातर छत सौर संयंत्रों में 3 से 4 सौर पैनल लगाए जाते हैं, जिनमें से हर एक पैनल 250 से 330 वाट का होता है। अगर आप हाई-एफिशिएंसी वाले पैनल चुनते हैं, तो आपको उतनी ही बिजली बनाने के लिए कम पैनलों की जरूरत पड़ेगी। वहीं, छत पर लगने वाले सौर संयंत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए पैनलों की संख्या भी बढ़ाई जाती है। तो यह थे, प्रधानमंत्री रूफटॉप सोलर स्कीम से जुड़े सवाल और उनके हर जवाब!