Tuesday, March 11, 2025
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आखिर क्या है दाऊद इब्राहिम की लाडली बहन की कहानी?

आज हम आपको दाऊद इब्राहिम की लाडली बहन की कहानी सुनाने जा रहे है! दाऊद इब्राहिम को सालों से पुलिस, इंटरपोल, खुफिया एजेसिंयों के लिए एक पहेली बना हुआ है। न सिर्फ भारत बल्कि कई देशों की पुलिस इस अंडरवर्ल्ड डॉन की तलाश रही है, लेकिन इसका कुछ अता-पता ही नहीं। सालों पहले मुंबई का ये डॉन दुबई फरार हो गया था, लेकिन मुंबई में रह गई थी इसकी लाडली बहन हसीना पारकर। दाऊद की इब्राहिम के भाई बहनों में सातवें नंबर पर थी वो, लेकिन दाऊद के दिल के सबसे करीब। हर भाई का सपना होता है कि उसकी बहन खुश रहे। हर भाई अपनी बहन को बहुत प्यार करता है। दाऊद इब्राहिम ने भी किया, लेकिन बहन के प्यार उसने मुंबई में जो खून की नदिया बहाई उसे किसी भी कीमत पर सही नहीं कहा जा सकता। दाऊद ने बचपन से ही हसीना पारकर को बाकी भाई-बहनों के मुकाबले ज्यादा प्यार करता था। वो दाऊद से 4 साल छोटी थी, लेकिन सोच बिल्कुल अपने भाई की तरह।

अस्सी के दशक के अंत तक दाऊद मुंबई छोड़कर दुबई फरार हो चुका था, लेकिन मुंबई में दाऊद के टेरर को बरकरार रखा था इसकी डॉन की बहन ने। हसीना पारकर की शादी महज 14 साल की उम्र में हो गई थी। मुंबई के ही एक होटल व्यापारी इस्माल इब्राहिम पारकर से दाऊद ने अपनी बहन की शादी करवाई। साल 1973 में दोनों की धूमधाम से शादी हुई। हसीना और इस्मायल पारकर के 3 बच्चे हुए। दो बेटे और एक बेटी। साल 1991 में हसीना पारकर के पति की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या के पीछे मुंबई के एक डॉन अरुण गवली के गुंडों का हाथ था। दयानंद पुजारी नाम का गवली के शूटर पर इस हत्या के आरोप लगे, लेकिन वो हत्या के बाद फरार हो गया। हसीना पारकर उस वक्त महज 30 साल की थी। अपनी छोटी बहन के लिए दाऊद ने खुशियां चुनी थी, लेकिन बेहद कम उम्र में ही वो विधवा हो चुकी थी। दाऊद इब्राहिम इस बात को कभी नहीं पचा पाया।

जब इस्मायल पारकर की हत्या हुई उसके कई सा पहले ही दाऊद दुबई भाग चुका था, लेकिन इस हत्या के बाद दाऊद ने मुंबई में कत्ले आम शुरू कर दिया। अरुण गवली के गैंग के कई शूटर्स को दाऊद ने मरवा दिया। इस्मायल की दो कातिलों को भी दाऊद गैंग ने मौत दी। इस हत्या के बाद मुंबई में गैंगवार बेहद भयानक रूप ले चुकी थी। गवली गैंग के लोगों को दाऊद के गुर्गे मार रहे थे, तो गवली गैंग भी मौका मिलते ही बदला ले रहा था। पति की हत्या के बाद दाऊद इब्राहिम की बहन भी जंग के मैदान में कूद चुकी थी।

धीरे-धीरे दाऊद के गैंग में हसीना की जगह मजबूत होती चली गई। दाऊद दुबई में था, लेकिन हसीना मुंबई में दाऊद के गैंग को संभाल रही थी। सीधे तौर पर हसीना पारकर किसी जुर्म में शामिल नहीं हुई, बता दे कि गवली के शूटर पर इस हत्या के आरोप लगे, लेकिन वो हत्या के बाद फरार हो गया। हसीना पारकर उस वक्त महज 30 साल की थी। अपनी छोटी बहन के लिए दाऊद ने खुशियां चुनी थी, लेकिन बेहद कम उम्र में ही वो विधवा हो चुकी थी। दाऊद इब्राहिम इस बात को कभी नहीं पचा पाया। लेकिन गैंग की कमान पूरी तरह से उसके हाथ में थी। दाऊद अपनी बहन पर आंख बंद करके भरोसा करता था। दाऊद के गुर्गे मुंबई में हसीना पारकर को ही रिपोर्ट करते थे। दक्षिण मुंबई में हसीना गॉडमदर के नाम से फेमस हो चुकी थी। उसकी मर्जी के बिना वहां पत्ता भी नहीं हिलता था।

हसीना पारकर दक्षिण मुंबई के बिल्डर से वसूली करती थी। दक्षिण मुंबई में जो भी इमारतें बनती उसका कुछ हिस्सा हसीना के खाते में जाता था। इसके अलावा केबल के धंधे में भी हसीना का गैंग काम करता था। दाऊद का साथ हसीना पारकर के साथ हमेशा रहा। वो फोन पर दाऊद से संपर्क में थी। दाऊद की बहन होने की वजह से अंडरवर्ल्ड में हसीना का एक अलग रुतबा था। हसीना के काम में उसके दोनों बेटे भी उसका साथ देते थे। हसीना के दो बेटों में से बड़े बेटे दानिश की मौत साल 2006 में रोड एक्सीडेंट में हो गई थी, जबकि छोटा बेटा अलीशाह अपनी मां के साथ ही काम करता था। साल 2014 में 51 साल की उम्र में हसीना पारकर की भी मौत हो गई। दाऊद की इस लाडली बहन की मौत हार्टअटैक से हुई थी।

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