आज हम आपको मुख्तार अंसारी की कहानी बताने वाले हैं! जेल होगी वो आम अपराधियों के लिए, उसके लिए तो वो सुविधाओं से भरा एक नया घर था। पुलिसवाले उसके पहरेदार थे, जेलर का कमरा उसका बेडरूम था। बात हो रही है मुख्तार अंसारी के बेटे मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की। अब्बास कहने को तो जेल में बंद हैं, लेकिन उन्हें जेल के अंदर ही दी जा रही थीं सारी सुविधाएं। सोना, चांदी, पैसा, फोन, चैंटिंग और पत्नी ये सबकुछ था वहां जिसको जेल कहा जा रहा था। जब भी हम जेल की बात करते हैं तो हमारे जेहन में एक काल कोठरी याद आती है, जहां अपराधी को उसके जुर्म की सजा भुगतने के लिए डाला जाता है। जहां बिना परमिशन न तो जेल के दरवाजे खुलते हैं और न ही किसी को मिलने की इजाजत होती है, लेकिन बड़े नामों के साथ जेल की तस्वीर भी बदल जाती है। एमएलए अब्बास अंसारी चित्रकूट की जेल में काफी समय से सजा काट रहे हैं। जाहिर सी बात है जुर्म किए हैं इसलिए सजा काट रहे हैं, लेकिन एमएलए साहब को जेल में भी मिल रहा था वीवीआईपी ट्रीटमेंट। अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अपने ड्राइवर नियाज के साथ रोज सुबह 11 बजे जेल में आ जाती थी और फिर जेल के ही कमरे में दोनों की मुलाकात होती। रोज करीब 4-5 घंटे निखत अपने पति के साथ जेल में बिताती। जेल के अधिकारी और कर्मचारी बकायदा उनके मिलने का इंतजाम करते।
कल जब एसपी और डीएम ने चित्रकूठ जेल में छापा मारा तो जेल के अंदर काली हकीकत सामने आई। सामने आया जेल अंदर बना अब्बास अंसारी का साम्राज्य। कैसे जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की बहू अपने पति से मिलने बेरोक टोक आ जा रही थी ये साफ हो चुका था। जेल अधिकारियों और जेलकर्मियों को पैसे और दूसरी चीजों का लालच दिया जाता था। इस लालच की वजह से न सिर्फ उन्होंने अपना मुंह बंद कर लिया था बल्कि उनके मिलने के सारे इंतजाम भी वही करते थे। जेल के बाहर बकायदा एमएलए साहब की प्रिवेसी के लिए पहरा भी दिया जाता था।
जैसे ही जेल में छापा मारा गया अधिकारियों ने डीएम और एसपी को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। इस बीच अब्बास अंसारी उस कमरे से निकलकर वापस अपनी कोठरी में आ गए। सामने आया जेल अंदर बना अब्बास अंसारी का साम्राज्य। कैसे जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की बहू अपने पति से मिलने बेरोक टोक आ जा रही थी ये साफ हो चुका था। जेल अधिकारियों और जेलकर्मियों को पैसे और दूसरी चीजों का लालच दिया जाता था। इस लालच की वजह से न सिर्फ उन्होंने अपना मुंह बंद कर लिया था बल्कि उनके मिलने के सारे इंतजाम भी वही करते थे। जेल के बाहर बकायदा एमएलए साहब की प्रिवेसी के लिए पहरा भी दिया जाता था।जब जेलर के रूम में रेड हुई तो अंदर सिर्फ निकहत बैठी हुईं थीं। निकहत के पास के पास कोई परमिशन नहीं थी। उसके पास से दो मोबाइल, दो सोने की अंगूठी, सोने की चेन, 2 नोज पिन, 21 हजार रुपये और कुछ विदेशी करंसी रियाल बरामद हुई है। जेलकर्मियों ने बताया कि वो काफी दिनों से रोज यहां आकर अपने पति से मुलाकात करती थी। यहीं से अब्बास अंसारी अपने गुर्गों से बात करते थे। पैसों के लेने-देन को लेकर भी जेल के अंदर ही चर्चा की जाती थी। जब निकहत से उनका मोबाइल मांगा गया तो उन्होंने तुरंत उसमें से कुछ चीजें डिलीट कर दीं।
इतना ही नहीं ये लोग जेलर के कमरे में ही रच रहे थे एक साजिश। इस प्लान के तहत जल्द ही अब्बास अंसारी जेल से फरार होने वाले थे।सामने आया जेल अंदर बना अब्बास अंसारी का साम्राज्य। कैसे जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की बहू अपने पति से मिलने बेरोक टोक आ जा रही थी ये साफ हो चुका था। जेल अधिकारियों और जेलकर्मियों को पैसे और दूसरी चीजों का लालच दिया जाता था। इस लालच की वजह से न सिर्फ उन्होंने अपना मुंह बंद कर लिया था बल्कि उनके मिलने के सारे इंतजाम भी वही करते थे। जेल के बाहर बकायदा एमएलए साहब की प्रिवेसी के लिए पहरा भी दिया जाता था। जेल अधिकारियों और जेल कर्मियों की मदद लेकर जल्द से जल्द ये प्लान को पूरा करना चाह रहे थे। सोचिए जेल के अंदर ये सब कुछ चल रहा था, लेकिन दिखाने के लिए अब्बास अंसारी सजा काट रहे थे। आखिर ये कैसी सजा? अब्बास अंसारी पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं, लेकिन जेल अधिकारियों को इससे क्या। अब्बास अंसारी, निकहत, जेल सुपरीटेंडेंट और कुछ जेलकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।