यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर आतंकवादियों का इलाज क्या है? पहले ताज होटल तो अब मास्को? ऐसी सोच आखिर कब तक? सुबह-सुबह टीवी खोलते ही मॉस्को में आतंकी हमले की खबर आ रही थी। हमले में 60 से अधिक लोगों के मारे जाने और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की बात कही जा रही थी। इसके साथ ही मॉस्को के कंसर्ट हॉल की जो सुलगती हुई तस्वीरें सामने आईं, उसने मुंबई में ताज होटल पर हुए आतंकी हमले की यादें ताजा कर दीं। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। मॉस्को हो या मुंबई, अमेरिका हो या ब्रिटेन इन हमलों से उस देश की सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में सवाल उठने लगते हैं। साथ एक बड़ा सवाल और भी है कि आखिर ये आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब कैसे हो जाते हैं। आतंकी हमलों से प्रभावित होने वालों में वैश्विक शक्ति अमेरिका, रूस, ब्रिटेन से लेकर यूरोपीय देश भी शामिल है। आखिर क्यों नहीं इन आतंकियों पर लगाम लग पा रही है। अल कायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा से लेकर हिजबुल मुजाहिदीन तक। बस इन आतंकी सगंठनों का नाम ही बदलता है। ये लोग एक के बाद दुनिया में अपनी मौजूदगी दर्शाते रहते हैं। सवाल है कि तमाम टेक्नॉलजी, रिसोर्स और सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आखिर कैसे ये आतंकी बेखौफ होकर इस तरह के हमलों को अंजाम दे पाते हैं। ऐसा लगता है कि इन आतंकियों के सामने दुनिया के ताकतवर देश भी लाचार नजर आते हैं। ये पहली बार नहीं है कि इस तरह के भीषण आतंकी हमले में लोगों को जान गंवानी पड़ी हो। पिछले दो दशक में कई हमलों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आता है कि आखिर आतंक का दर्द दे रहे इन कसाइयों का फाइनल इलाज क्या है? रूस की राजधानी मॉस्को में आतंकी हमले में 60 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 100 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। रूस के मीडिया संस्थानों में आई खबरों के मुताबिक रूसी राजधानी के पश्चिमी क्षेत्र स्थित क्रोकस सिटी हॉल में गोलीबारी हुई। कई अन्य रूसी मीडिया संस्थानों ने गोलीबारी की सूचना दी और कहा कि गोलीबारी के कारण संबंधित स्थल पर स्थित एक मॉल में आग लग गई। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में इमारत के ऊपर काले धुएं का बड़ा गुबार उठता दिख रहा है। यह हमला तब हुआ जब क्रोकस सिटी हॉल में प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड ‘पिकनिक’ के एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। इस हॉल में 6,000 से अधिक लोग बैठ सकते हैं।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने शहर को दहला दिया था। देश की आर्थिक नगरी पर हुए इस हमले से भारत समेत पूरी दुनिया सन्न रह गई थी। इस आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं 300 से लोग ज्यादा घायल हुए थे। 10 आतंकियों ने 60 घंटे तक शहर को बंधक बना लिया था। आतंकियों ने ताज होटल और ओबरॉय ट्राइडेंट होटल पर भी हमला किया था। आतंकियों ने ताज होटल में 31 लोगों को गोली मार दी थी। चार दिन तक चले ऑपरेशन के बाद एनएसजी ने होटल में घुसे चारों आतंकियों को ढेर कर दिया था। पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोइबा के आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था। ये लोग समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे थे। आतंकियों ने होटल के साथ ही सीएसटी स्टेशन और लियोपोल्ड कैफे पर भी हमला किया था। बाद में एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था। मुकदमे के बाद उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी।
स्पेन के मैड्रिड में हुआ आतंकी हमला बड़े आतंकी हमलों में से एक हैं। आतंकियों ने 11 मार्च 2004 की सुबह मैड्रिड में कम्यूटर ट्रेनों को निशाना बनाकर एक के बाद एक चार ट्रेनों में ब्लास्ट किया था। इन हमलों में 191 लोग मारे गए थे। वहीं 1,800 से अधिक घायल हुए थे। स्पेन के आम चुनाव से ठीक तीन दिन पहले हुए इन हमलों को राजनीति से भी जोड़कर देखा गया था। स्पेनिश सरकार और स्पेनिश मीडिया दोनों ने तुरंत बम विस्फोटों के लिए ईटीए को जिम्मेदार ठहराया था। ईटीए एक बास्क अलगाववादी संगठन है। वह करीब तीन दशक से अधिक के हिंसा में 800 से अधिक लोगों की जान ले लोगों की जान ले चुका है। बाद में पुलिस की जांच इस्लामी आतंकवादी समूह अल-कायदा पर केंद्रित होने लगी थी।
साल 2015 में फ्रांस के पेरिस 13 नवंबर 2015 की शाम को आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में कम से कम 130 लोग मारे गए और 350 से अधिक घायल हो गए थे। आईएसआईएस ने ही इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। आतंकियों ने इस हमले में थिएटर, कॉन्सर्ट हॉल, दो रेस्ट्रॉ के साथ ही स्टेडियम को निशाना बनाया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह फ्रांस पर सबसे घातक हमला था। बाद में इस मामले में आईएसआईएस से जुड़े 20 आतंकियों को सजा सुनाई गई थी। हमले के मुख्य आरोपी अब्दे सलाम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
7 जुलाई 2005 की सुबह लंदन एक के बाद एक तीन धमाकों से दहल गया था। लंदन के ट्रांजिट सिस्टम पर अटैक किया गया था। सुबह 8:50 बजे लंदन में अंडरग्राउंड तीन ट्रेनों में विस्फोट हुए थे। इस हमले में करीब 50 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा एक टैविस्टॉक स्क्वायर में एक बस के ऊपरी डेक पर बम विस्फोट हुआ। चार हमलों में 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। हमले को अंजाम देने वाले चारों हमलावर जांच में ब्रिटिश नागरिक निकले थे। हमले की सुबह, तीन हमलावर संदिग्ध बम बनाने वाली ‘फैक्टरी’ की साइट लीड्स से ल्यूटन की ओर गए, जहां वे चौथे हमलावर से मिले थे।