बीजेपी की पहली लिस्ट एक संदेश छोड़कर गई है.. आज हम आपको उसी के बारे में जानकारी देने वाले है.. लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ हो लेकिन बीजेपी समेत दूसरे सियासी दल रणनीतिक तैयारी में जुटे हैं। खास बात ये है कि केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी ने कांग्रेस समेत दूसरे दलों को चौंकाते हुए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी। इस लिस्ट के लिए बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति को मैराथन बैठक हुई। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अलग-अलग राज्यों के कुल 195 कैंडिडेट्स का नाम घोषित किया गया। हालांकि, उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में शामिल भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने 24 घंटे बाद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। बीजेपी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। भले ही पवन सिंह चुनाव लड़ने से मना कर चुके हों लेकिन बीजेपी ने उम्मीदवारों के सेलेक्शन कई बातों पर ध्यान दिया है। बीजेपी की पहली लिस्ट पर गौर करें तो पार्टी आलाकमान ने उम्मीदवारों के चुनाव में जीत को प्राथमिकता दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में बीजेपी के लिए 370 सीटों पर जीत का टारगेट सेट किया। पार्टी नेतृत्व भी इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहता। यही वजह है कि पार्टी ने 195 उम्मीदवारों की लिस्ट में 20 फीसदी मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए हैं। अकेले दिल्ली की 5 सीटों पर घोषित उम्मीदवारों में 4 के टिकट काटे गए हैं। इसके अलावा विवादित बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में आए सांसदों को भी झटका लगा है। मौजूदा सांसदों में से करीब 20 फीसदी को खराब प्रदर्शन और जीत की कम संभावनाओं के चलते टिकट नहीं दिया गया है।
दिल्ली की बात करें तो यहां लोकसभा की 7 सीटें हैं। आगामी चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन का ऐलान किया है। ऐसे मुकाबला और दिलचस्प हो गया। बदले सियासी हालात को देखते हुए पार्टी ने दिल्ली में, पांच में से चार मौजूदा सांसदों को बदल दिया है। पूर्वी दिल्ली से क्रिकेटर से नेता बने गौतम गंभीर, जिन्होंने इस बार खुद ही चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। उधर सिंगर हंस राज हंस को भी उम्मीदवार नहीं बनाया गया। मीनाक्षी लेखी का टिकट कटने से जरूरी कुछ लोगों को आश्चर्य लगा, लेकिन उनकी जगह लेने वाली बांसुरी स्वराज एक राजनीतिक खानदान से आती हैं। वो सुषमा स्वराज की बेटी हैं। उन्हें टिकट मिलना जरूर पीएम मोदी के परिवारवाद की राजनीति के रुख के खिलाफ जाती है।
अपने पिता की विरासत और मोदी लहर के दम पर दो बार सांसद रहे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा भी इस दौरान कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए। विवादित बयानों की वजह से उन्हें भी बीजेपी की लिस्ट में जगह नहीं मिली। लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे करने वाले और स्वास्थ्य मंत्रालय से हटाए गए हर्षवर्धन को भी टिकट से वंचित कर दिया गया है। इसी के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा भी कर दी। वहीं सांसद दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने के कारण प्रमुख गुर्जर नेता रमेश बिधूड़ी का भी टिकट इस बार कट गया। दिल्ली में बीजेपी ने केवल मनोज तिवारी पर फिर से भरोसा जताया और सांसद रहते हुए एक बार चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है।
विवादित बयानों के चलते भले ही दिल्ली में सांसदों के टिकट कटे हों लेकिन यूपी में ऐसा कुछ भी देखने को मिला। इससे ऐसा लगता है कि पार्टी का पूरा फोकस जीत के गणित पर है। यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व जातिगत वोटों पर प्रभाव के चलते साक्षी महाराज और साध्वी निरंजन ज्योति को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। इनके अलावा अजय मिश्रा टेनी को किसानों के विरोध प्रदर्शन में उनके बेटे की कथित संलिप्तता के बावजूद मजबूत उम्मीदवारी के चलते खीरी से फिर टिकट दिया गया है। दूसरी ओर, 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल सीट से उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। पिछली बार उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया था। टिकट कटने वालों में पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का भी नाम है। उन्होंने अपनी हजारीबाग सीट से दावेदारी को लेकर पहले ही पीछे हटने का क्लियर मैसेज कर दिया था।
मशहूर हस्तियों में, भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह, जो शुरू में पूर्वी उत्तर प्रदेश से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मैदान में उतारा। हालांकि, अब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया। हालांकि, एक अन्य लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ एक बार फिर आजमगढ़ सीट दावेदारी करते नजर आएंगे। बीजेपी ने अलग-अलग पार्टियों से आए दिग्गजों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें ज्योति मिर्धा का नाम शामिल है जो कांग्रेस छोड़कर आई हैं। कांग्रेस से आए कृपाशंकर सिंह, गीता कोड़ा, अनिल एंटनी को भी टिकट मिला है। वहीं बीएसपी से आए रितेश पांडे और टीएमसी छोड़कर बीजेपी में आए सौमेंदु अधिकारी का भी नाम पार्टी की पहली लिस्ट में शामिल है। लोकसभा में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए, बीजेपी ने कुछ प्रमुख राज्यसभा सदस्यों को भी उम्मीदवार बनाया है। इनमें केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और वी मुरलीधरन प्रमुख हैं, जो केरल से चुनाव लड़ेंगे।