आज हम आपको लखीमपुर खीरी का खूनी कांड बताने जा रहे हैं! 3 अक्टूबर 2021 की तारीख। दिन रविवार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के दौरे पर थे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लखीमपुर खीरी के सुदूर इलाके तिकुनिया में पहुंचे थे। यहां तक सबकुछ सामान्य था। लेकिन दोपहर के बाद यहां कुछ ही देर के अंदर हिंसा की आंच भड़की, जिसके लखीमपुर से लेकर नई दिल्ली तक कोहराम मचा दिया। इसके बाद लखीमपुर से 60 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा के पास तिकुनिया का नाम पूरे देशभर में चर्चा में आ गया। इसके साथ ही स्थानीय सांसद और देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्र मोनू का नाम भी हर किसी की जुबान पर आ गया। किसानों के प्रदर्शन के बीच हिंसा और मौत का तांडव मच गया। अब ढाई साल के बाद एक बार फिर से उस कांड पर बात होने लगी है। इस बार वजह है- लखीमपुर से बीजेपी की तरफ से फिर से अजय मिश्र को फिर से बनाया जाना। स्थानीय किसानों ने इसे जख्म पर नमक छिड़कना करार दिया है। देश में किसान आंदोलन चल रहा था। सिख आबादी वाले लखीमपुर के तराई इलाके में भी किसान प्रदर्शन कर रहे थे। सितंबर महीने में अजय मिश्रा टेनी ने मंच से किसानों को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी थी। किसानों में टेनी के इस बयान को लेकर गुस्सा था। इस बीच डेप्युटी सीएम 3 अक्टूबर को तिकुनिया कांड वाले दिन लखीमपुर के दौरे पर थे। उन्हें सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था। इसके बाद वह दंगल कार्यक्रम में विजेताओं को सम्मानित करने तिकुनिया के लिए रवाना हुए। बगल में बनवीरपुर सांसद अजय टेनी का पैतृक गांव है। उनके मंत्री बनने के बाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन था, जिसमें खुद डेप्युटी सीएम अतिथि बनकर पहुंच रहे थे।
किसानों ने केशव प्रसाद मौर्य का विरोध करने और उन्हें काला झंडा दिखाने के लिए रास्ता रोककर घेराव की तैयारी कर ली। इसी बीच 3 गाड़ियों का एक काफिला गुजरा और कई किसानों को कुचलते हुए भागने की कोशिश की। इसमें 4 किसानों की मौत हो गई। इस दौरान भड़की किसानों की भीड़ ने भी प्रतिहिंसा में काफिले की गाड़ी को आग लगाई और एक आरोपी को मौत के घाट उतार दिया।
दोपहर में हिंसा के बाद सियासत भी गरमा गई। विपक्षी नेताओं और किसान नेताओं ने लखीमपुर कूच का ऐलान कर दिया। सीएम योगी भी गोरखपुर का दौरा छोड़कर वापस राजधानी लखनऊ लौट आए। प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई और उन्हें मौके पर भेजा गया। इस घटना के बाद से तरह तरह के वीडियो सामने आने लगे और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे का नाम उछलने लगा। आरोप लगा कि जिस जीप ने कुचला, उसमें आशीष मिश्रा मौजूद थे। लेकिन मंत्री और उनके बेटे की तरफ से सफाई आई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसी तरह सीतापुर के हरगांव तक पहुंचने में कामयाब रहीं। लेकिन प्रशासन ने उन्हें तीखी बहस के बाद हिरासत में ले लिया। भाकियू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों और सरकार के बीच पीड़ित परिजन को 45 लाख, 1 सरकारी नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी पर समझौता हो गया। 5 अक्टूबर को राहुल गांधी दिल्ली से लखीमपुर खीरी के लिए निकले और प्रियंका गांधी के साथ पीड़ित परिवारों से मिले।
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और सात तारीख को सुनवाई का दिन मुकर्रर किया और उसी दिन सभी दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई। सपा, बसपा, शिरोमणि अकाली दल, टीएमसी से लेकर अलग अलग दल के नेता मौके पर पहुंचे और गृहराज्यमंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनके इस्तीफे का मांग करने लगे। पूरे राजनीतिक भूचाल के बीच गृह राज्यमंत्री आशीष मिश्रा टेनी अपने बेटे को निर्दोष ही बताते रहे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यूपी सरकार को फटकार के बाद 9 अक्टूबर के दिन आशीष मिश्रा टेनी ने चेहरे पर रुमाल बांधकर कोर्ट में सरेंडर कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 के आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देने के अपने पहले के आदेश को बढ़ा दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ को 26 सितंबर 2023 के बाद मुकदमे की स्थिति से संबंधित कोई रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं मिली। मामले को स्थगित करते हुए, पीठ जिसमें न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी शामिल थे, ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को ट्रायल कोर्ट से स्थिति रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कहा और इस बीच, अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का आदेश दिया।
वहीं लखीमपुर में भी किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेस और प्रेस नोट रिलीज कर अजय मिश्र के टिकट पर विरोध जताया है। तिकोनिया कांड में मृतक नक्षत्र सिंह के पुत्र जगदीप ने कहा कि भाजपा बार-बार हमारे जख्म कुरेद देती है। सूची जारी होते ही किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने विडियो जारी करते हुए कहा था कि सरकार ने किसानों के जले पर नमक छिड़क दिया है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने भी विरोध जताते हुए कहा कि अभी तक हमारा विरोध अजय मिश्र की बर्खास्तगी को लेकर था। पर भाजपा ने फिर से टिकट दे कर हमारी भावनाओं से खेला है। किसानों ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अजय मिश्र का टिकट काटने की अपील की है।