आज हम आपको आईएस आतंकी शाहनवाज आलम के बारे में जानकारी देने वाले हैं! भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त आईएसआईएस से जुड़े गिरोह की जांच से खुलासा हुआ है कि मालदीव की एक रहस्यमयी महिला ने गिरफ्तार आतंकवादी मोहम्मद शाहनवाज का ब्रेन वॉश किया था। सूत्रों का कहना है कि वह महिला शाहनवाज की हैंडलर थी और उसने शाहनवाज को इराक-सीरिया सीमा के पास मौजूद कुख्यात आईएसआईएस शरणार्थी शिविर अल-हवल कैंप को दान देने के लिए भी उकसाया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की जांच से पता चला है कि शाहनवाज ने गूगल पे के जरिए केरल में एक शिक्षक के माध्यम से 1.4 लाख रुपये का दान दिया था। यह रकम कथित तौर पर अपराध से अर्जित धन माल-ए-गनीमत थी। सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियां मालदीवी महिला के बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही हैं। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, माइनिंग इंजीनियर से आईएस आतंकवादी बने शाहनवाज टेलीग्राम चैनल ‘केज्ड पर्ल’ पर इस महिला के संपर्क में आया था। यह महिला चैनल की एडमिन थी और दावा करती थी कि वह शिविर में रहने वाली महिलाओं के लिए आर्थिक मदद जुटाने का अभियान चला रही है। शुरुआती बातचीत शिविर के लिए दान के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसके बाद महिला ने बताया कि वह 2015 में सीरिया भाग गई थी। पुलिस की जांच रिपोर्ट में लिखा है, ‘उसने शाहनवाज को अपने भाई का व्हॉट्सएप कॉन्टैक्ट मालदीव मोबाइल नंबर दिया। शक है कि यह शिविर, जो इस्लामिक स्टेट के लिए आतंकवादियों की आपूर्ति का स्रोत बन गया है, संभवतः भारत से और भी भर्ती कर रहा है। शिविर के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण करना असंभव है और आईएसआईएस अपनी वफादार महिला सैनिकों की मदद से एक अच्छे जीवन का झांसा या धमकियां देकर नए लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।शाहनवाज ने उससे संपर्क किया और अल-हवल कैंप में पैसे भेजने के तरीकों के बारे में पूछा, जिसके बाद उसे केरल में एक शिक्षक का संपर्क दिया गया।’
पुलिस का कहना है कि शाहनवाज ने गूगल पे का इस्तेमाल करके शिक्षक को पैसे भेजे और दो हफ्ते बाद मालदीवी महिला ने बताया कि पैसे मिल गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक महीने बाद उसने केरल के कॉन्टैक्ट के जरिए उसी महिला को फिर 40 हजार रुपये भेजे। शाहनवाज ने पैसे भेजने के लिए अपनी पत्नी बसंती पटेल के खाते का इस्तेमाल किया। पुलिस दस्तावेज में लिखा है, ‘ट्रांसफर के बाद शाहनवाज का टेलीग्राम के जरिए ही आईएस से जुड़े लोगों कासिम खुरासानी कश्मीरी, हुजैफा और काशिफ अफगानी से राब्ता करवाया गया। कुछ समय बाद हुजैफा और कासिम खुरासानी की आईडी बैन हो गई, लेकिन वह काशिफ के संपर्क में रहा और भारत में आईएस के विस्तार पर चर्चा करता रहा।’ शाहनवाज के अल-हवल कैंप से संपर्क ने सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया है। उन्हें शक है कि यह शिविर, जो इस्लामिक स्टेट के लिए आतंकवादियों की आपूर्ति का स्रोत बन गया है, संभवतः भारत से और भी भर्ती कर रहा है। शिविर के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण करना असंभव है और आईएसआईएस अपनी वफादार महिला सैनिकों की मदद से एक अच्छे जीवन का झांसा या धमकियां देकर नए लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।
इराक से आई खबरों के मुताबिक, अमेरिकी सरकार इस बात से परेशान है कि किस तेजी से यह शिविर इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के रिश्तेदारों को शामिल करने और आतंकवादी समूह के प्रति वफादार व्यक्तियों को तैयार करने का अड्डा बन गया है। विशेष सेल के निगरानी आधारित ऑपरेशन और उत्तर भारत में 200 से अधिक जगहों पर छापेमारी के सिलसिले में शाहनवाज की गिरफ्तारी सितंबर में हुई थी।बातचीत शिविर के लिए दान के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसके बाद महिला ने बताया कि वह 2015 में सीरिया भाग गई थी। पुलिस की जांच रिपोर्ट में लिखा है, ‘उसने शाहनवाज को अपने भाई का व्हॉट्सएप कॉन्टैक्ट मालदीव मोबाइल नंबर दिया। शाहनवाज ने उससे संपर्क किया और अल-हवल कैंप में पैसे भेजने के तरीकों के बारे में पूछा, आईएसआईएस अपनी वफादार महिला सैनिकों की मदद से एक अच्छे जीवन का झांसा या धमकियां देकर नए लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।जिसके बाद उसे केरल में एक शिक्षक का संपर्क दिया गया।’ उसे दो साथियों, अरशद वारसी और मोहम्मद रिजवान अशरफ के साथ पकड़ा गया था। ये दोनों भी इंजीनियर हैं। ये तीनों पूरे देश में बम विस्फोट करने के अंतिम चरण में थे और दिल्ली, मुंबई, गुजरात, अयोध्या समेत कई स्थानों की रैकी कर चुके थे।