आखिर कौन था इटली का मोहम्मद शहाबुद्दीन?

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आज हम आपको इटली के मोहम्मद शहाबुद्दीन के बारे में जानकारी देने वाले है! मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम आज भी जब बिहार में लिया जाता है तो लोगों के जेहन में वो खौफ भर जाता है। बिहार के बाहुबली सांसद के नाम पर वैसे तो कई जुर्म दर्ज थे, लेकिन तेजाब कांड ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। शहाबुद्दीन के नाम से भी लोग कांपने लगे थे। सिवान का तेजाब कांड राज्य के बड़े अपराधों में से एक है। एक बूढ़े पिता के दो बेटों को तेजाब से जलाकर मार दिया गया था। साल 2004 की बात है। सिवान में रहने वाले चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण कर लिया गया। बदमाशों ने गिरीश और सतीश को तेजाब से नहला कर मार डाला, तीसरा सबसे छोटा बेटा राजीव किसी तरह बचने में कामयाब हो गया। राजीव अपने भाइयों के साथ हुए अत्याचार का इकलौता गवाह था, लेकिन साल 2015 में राजीव की हत्या कर दी गई। सीवान के व्यवसायी चंदा बाबू के तीनों बेटों को मार दिया गया और इस खौफनाक तेजाब कांड के पीछे था शहाबुद्दीन।

आप सोच रहे होंगे आज शहाबुद्दीन का जिक्र क्यों आ गया। तेजाब कांड में मामले में बाद में शहाबुद्दीन को सजा हो गई थी, लेकिन कोरोना के दौरान कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई। खैर आज शहाबुद्दीन का जिक्र इटली की वजह से हुआ। इटली में भी था एक शहाबुद्दीन। नाम बेशक शहाबुद्दीन न हो, लेकिन उसने भी मोहम्मद शहाबुद्दीन की तरह ही ग्यारह साल के एक लड़के को तेजाब में डुबोकर मौत दी।

इटली का सबसे बड़ा ड्रग माफिया जिसे तलाशने में पुलिस को 30 साल लग गए। इटली के इस शहाबुद्दीन का नाम था मेटेओ मेसिना डिनारो। शहाबुद्दीन की तरह ही इसकी भी कस्टडी में आज मौत हो गई। ये कोमा में चला गया था। इसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ये नहीं बचा। अब जान लीजिए इस ड्रग माफिया को हम शहाबुद्दीन क्यों कह रहे हैं। इस दरिंदे के जुर्म भी शहाबुद्दीन की तरह ही खौफनाक हैं।

इसपर दस हत्याओं का आरोप है जिनमें कई पुलिसवाले शामिल हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दर्दनाक और खौफनाक है एक पुलिसवाले के बेटे की हत्या। हत्या भी ऐसी कि रूह कांप जाए। पुलिसवाले के 11 साल के बेटे का अपहरण करके उसे दो साल तक अपनी कैद में रखा। 2 साल तक उस बच्चे को ये यातनाएं देता रहा और फिर दो साल बाद बच्चे को तेजाब में डुबोकर मार डाला।

आखिर क्या कसूर था सिर्फ 11 साल के बच्चे का। दरअसल उसके पिता इस ड्रग डीलर के खिलाफ गवाही देने वाले थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे चंदा बाबू के बेटों को शहाबुद्दीन ने तेजाब से मारा डाला इसने भी उस बच्चे को मौत दे दी। इस ड्रग डीलर ने एक बार धमकी दी थी कि ये इटली के सारे कब्रिस्तानों में लाशों की ऐसी लाइन लगा देगा कि जगह ही नहीं रहेगी। बता दें कि जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की शनिवार को दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। महानिदेशक कारा संदीप गोयल ने बताया कि दिल्ली जेल के कैदी मोहम्मद शहाबुद्दीन की मृत्यु के बारे में डीडीयू अस्पताल से सूचना मिली है। शहाबुद्दीन कोविड-19 से संक्रमित था और 20 अप्रैल को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कारागार अधिकारियों ने बताया कि शहाबुद्दीन को दो-तीन दिन पहले अस्पताल के सघन निगरानी कक्ष में भर्ती कराया गया था।

तिहाड़ जेल प्रशासन को बिहार के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने का पता तब लगा, जब 20 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। बीमारी के लक्षणों को देखते हुए कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही शहाबुद्दीन को तुरंत तिहाड़ जेल के चिकित्सकों की निगरानी में दे दिया गया। इसके बाद भी शहाबुद्दीन की हालत नहीं सुधरी और उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। शुक्रवार से ही शहाबुद्दीन की तबीयत और बिगड़ने लगी। शनिवार को इलाज के दौरान ही शहाबुद्दीन की मौत हो गई।

साल 2004 में पेशे से व्यवसायी चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का बदमाशों ने अपहरण कर लिया। बदमाशों ने गिरीश और सतीश को तेजाब से नहला कर मार दिया था। जबकि इस मामले में चश्मदीद राजीव किसी तरह बदमाशों की गिरफ्त से अपनी जान बचाकर भाग निकला। बाद में चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज कराया। राजीव अपने भाइयों की तेजाब डालकर हुई हत्या के मामले में गवाह बना। लेकिन 2015 में शहर के डीएवी मोड़ पर उसकी भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी। इस घटना के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया था। राजीव की हत्या के लिए के लिए शहाबुद्दीन और उसके बेटे पर मामला दर्ज कराया गया।