आखिर कौन था संसद हमले का मास्टरमाइंड?

0
131

आज हम आपको संसद हमले के मास्टरमाइंड के बारे में बताने जा रहे हैं! संसद सुरक्षा चूक के मामले में द‍िल्‍ली पुल‍िस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। उसने इसके मास्‍टरमाइंड ललित मोहन झा को भी ग‍िरफ्तार कर लिया है। ललित मोहन झा देर रात खुद ही थाने आ गया। चार अन्‍य आरोप‍ियों के ख‍िलाफ पुल‍िस ने आतंकवाद निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। घटना का मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा फरार चल रहा था। उसे पकड़ने के लिए कई स्थानों पर दबिश डाली गई थी। यूएपीए के तहत दर्ज मामले गैर जमानती होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं। सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान दो और लोगों की भूमिका भी सामने आई है। सभी आरोपियों ने सुनियोजित साजिश के तहत सबकुछ किया। विशाल शर्मा उर्फ विक्की अब भी हिरासत में है। आरोपी संसद पहुंचने से पहले गुरुग्राम में उसके घर पर ही रुके थे। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की चिकित्सीय जांच आधी रात को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने की। इनमें सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे और नीलम देवी शामिल हैं।

चारों आरोपियों से डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी फोर्सेज डीएसएफ के चाणक्यपुरी स्थित कार्यालय में पूछताछ की गई। शुरुआत में नीलम और अमोल को संसद मार्ग थाने ले जाया गया और बाद में उन्हें डीएसएफ कार्यालय ले जाया गया। सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘कैन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने कैन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए। सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई।इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेष प्रकोष्ठ की जांच में दो संगठनों के नाम भी सामने आए हैं। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी जांच टीम को एक ही जवाब दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि उन्होंने पहले से ही तैयारी कर रखी थी कि पकड़े जाने पर पुलिस उनसे पूछताछ करेगी तो उन्हें क्या जवाब देना है।’ बुधवार की घटना को लेकर आठ सुरक्षाकर्मियों को आज निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ललित को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है, जो पेशे से शिक्षक है और उसे सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है।

ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे। ऐसा कृत्य करना चाहते थे जिससे देश का ध्यान उन पर जाए। ललित कोलकाता का निवासी है। उन्होंने बताया कि सभी छह लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे। ललित, सागर और मनोरंजन करीब एक साल पहले मैसूर में मिले थे, जहां उन्होंने संसद में घुसने की साजिश रची थी। बाद में उन्होंने नीलम और अमोल को भी साजिश में शामिल कर लिया। पुलिस ने बुधवार को कहा था कि आरोपियों ने सुनियोजित, समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साजिश के जरिए संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई। अधिकारियों के मुताबिक, ‘पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे किसान आंदोलन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से परेशान थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।’

उन्होंने बताया कि उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आठ कर्मियों को निलंबित कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को निलंबित किए गए लोगों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र के रूप में हुई है। निलंबित किए गए पुलिसकर्मी संसद भवन की सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्ति पर थे तथा उनका काम आगंतुकों और मीडियाकर्मियों की जांच करना था। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा,ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे। ऐसा कृत्य करना चाहते थे जिससे देश का ध्यान उन पर जाए। ललित कोलकाता का निवासी है।  ‘ये सुरक्षाकर्मी संसद की सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्ति पर थे, लेकिन उनका कैडर नियंत्रण प्राधिकार वह संगठन है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि लोकसभा सचिवालय।’