आज हम आपको बताएंगे कि संसद पर हमला करने वाले लोग आखिर कौन थे! देश की संसद में अफरा-तफरी मचाकर दुनियाभर का ध्यान खींचने में सफल रहे युवकों के एक समूह के बारे में जानकारियां जैसे-जैसे बाहर आ रही हीं, वैसे-वैसे हैरानी का स्तर भी बढ़ रहा है। लोकसभा में गदर काटने वाले सागर शर्मा और मनोरंजन डी के साथ-साथ संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे अमोल और नीलम से प्रारंभिक पूछताछ में होश उड़ाने वाली बातें सामने आई हैं। पता चला है कि देश की संसद में घुसकर कथित क्रांति करने की साजिश एक साल से चल रही थी। इन षडयंत्रकारियों के एक हैंडलर का भी पता चला है जिसका नाम ललित झा है। इसने अपने इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट डाला था, ‘भारत को कुछ चाहिए तो वह है एक बम।’ इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने ही देश और देशवासियों के खिलाफ कितना जहर भरा है ललित झा जैसे लोगों में। खैर, आइए जानते हैं कि ललित झा की अगुवाई में सिरफिरों की इस टीम ने कैसे सालभर तक साजिश रची। संसद को अपनी नफरती नीयत का निशाना बनाने के लिए इन्होंने कब-कब रेकी की। फिर कैसे देश के चार राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार और हरियाणा से दिल्ली पहुंचकर इन षडयंत्रकारियों ने आखिरी इंतजाम किया और साजिश को अंजाम तक पहुंचा दिया। अब तक की पूछताछ के आधार पर जो कहानी बनती है, वो ये है कि लोकसभा में घुसने के आरोप में गिरफ्तार चार लोगों में से एक ने कथित तौर पर दो बार संसद की रेकी की थी। पहली बार मानसून सत्र के दौरान और दूसरी बार हाल ही में 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के दौरान, जब नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह और उसके साथी भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े थे। जांच में आगे यह भी पता चला कि इस समूह के वामपंथी चरमपंथी समूहों से संबंध हो सकते हैं।
34 साल का मनोरंजन डी कर्नाटक का रहने वाला है और उसने जुलाई-अगस्त में एक विजिटर पास पर लोकसभा का दौरा किया था। लखनऊ निवासी अपने साथी सागर शर्मा के साथ वह लोकसभा में तभी दबोच लिया गया जब दोनों गैलरी में कूद गए और लाल-पीले रंग का धुआं छोड़ने वाले गैस कैनिस्टर खोल दिए। गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोगों में एक हरियाणा की नीलम कौर उर्फ नीलम आजाद 42 वर्ष की है जबकि 22 वर्षीय अमोल शिंदे महाराष्ट्र का रहने वाला है। नीलम 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में खूब सक्रिय भूमिका निभाई थी।
इन सबका हैंडलर ललित झा बिहार का रहने वाला है। उसने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल में खुद को टीचर बताया है। वहीं, इस समूह का एक और बंदा विक्रम उर्फ विक्की गुरुग्राम का निवासी है। ये तो हुआ सिरफिरे समूह के एक-एक सदस्य का परिचय। ध्यान रहे कि ये किरदार वो हैं जिनकी पहचान हो चुकी है, पर्दे के पीछे और कितने जहरीलों की फौज है, यह तो धीरे-धीरे सामने आएगा। बहरहाल, अब जानते हैं इनकी मिलीभगत और षडयंत्र की पूरी कहानी। ये सिरफिरे फेसबुक ग्रुप ‘भगत सिंह फैन क्लब’ का हिस्सा हैं। इनके बीच फोन पर हुई बातचीत कॉल डिटेल के विश्लेषण और उनकी शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि आरोपी लगभग एक साल से एक-दूसरे के संपर्क में थे और कुछ महीने पहले मैसूरु में भी मिले थे। आरोपियों में से कम से कम एक ने बजट सत्र के दौरान संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। सूत्रों ने बताया कि तब उन्हें पता चला कि सुरक्षाकर्मी आगंतुकों से उनके जूते उतारने या उनकी जांच नहीं करते हैं। बस क्या था, बना ली संसद में गदर मचाकर देश-दुनिया को दहलाने की साजिश।
जब प्लानिंग को अंजाम देने का फैसला हुआ तो सभी ने एक जगह जुटने की ठानी। तय हुआ कि विक्की के घर पर मिला जाए। सागर शर्मा 10 दिसंबर को लखनऊ से दिल्ली पहुंचा और महाराष्ट्र के अमोल शिंदे और हिसार से नीलम कौर भी आए। वो सभी एक मेट्रो स्टेशन पर मिले और अपने सहयोगी विक्रम उर्फ विक्की के गुरुग्राम स्थित घर गए। वर्षीय अमोल शिंदे महाराष्ट्र का रहने वाला है। नीलम 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में खूब सक्रिय भूमिका निभाई थी।नई दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया कि उनके साथ मनोरंजन डी शामिल हुए, जिन्होंने दिल्ली के लिए उड़ान भरी और मुख्य साजिशकर्ता ललित सुबह के समय शामिल हुए। वो सभी सोमवार को दिल्ली आए।