Sunday, September 8, 2024
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आखिर क्यों और कैसे हो रही है पाकिस्तान में हत्याएं?

वर्तमान में पाकिस्तान में हत्याएं लगातार होती ही जा रही है! पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या करने के लिए भारत सरकार ने आदेश दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ इस पूरे हत्या को अंजाम दे रही है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कंट्रोल करते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत उन लोगों को निशाना बना रहा है, जिसे वह दुश्मन मानता है। गार्जियन की रिपोर्ट में दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों के साथ इंटरव्यू और पाकिस्तानी जांचकर्ताओं की ओर से शेयर किए गए डॉक्यूमेंट्स का जिक्र है। रिपोर्ट कहती है कि 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साहसी दृष्टिकोण अपनाया। दावे के मुताबिक 2020 से अब तक 20 आतंकियों की हत्या अज्ञात हमलावरों की ओर से की गई है। गार्जियन की रिपोर्ट देखकर पाकिस्तानी मीडिया गदगद हो गया है। जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘द गार्जियन की रिपोर्ट पाकिस्तान के दावों को और अधिक बल देती है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने पाकिस्तान की धरती पर हत्याओं के आदेश दिए।’

जियो ने अपनी रिपोर्ट में रॉ को कुख्यात जासूसी एजेंसी बताया। इसके साथ ही कहा कि पुलवामा हमले के बाद से ही भारत ने इन हत्याओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। जियो ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान के अलावा भारत खालिस्तान समर्थकों को भी निशाना बनाता है। जियो ने कहा कि भारतीय एजेंट्स ने कई पाकिस्तानियों को हत्या करने के लिए पैसे भी दिए। रिपोर्ट कहती है कि भारत हमला होने से पहले ही आतंकियों को मार रहा था। लेकिन अब रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठने का सबसे बड़ा कारण है कि इसे पूरी तरह पाकिस्तान के दस्तावेजों और खुफिया एजेंसी के आधार पर लिखा गया है। वहीं इस रिपोर्ट में कई तथ्यात्मक गलतियों को भी लोगों ने दिखाया है, जिससे पता चलता है कि इतने प्रतिष्ठित अखबार ने जल्दबाजी में इस रिपोर्ट को छाप दिया। डिफेंस एक्सपर्ट अभिषेक अय्यर मित्रा ने सवाल उठाते हुए लिखा कि रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मरा हुआ लिख दिया गया, जो कि गलत है। यह दावा किया जाता है कि मार्च 2022 के दौरान कराची में गोलीबारी को अंजाम देने के लिए अफगानिस्तान से लोगों को को बड़ी रकम दी गई थी। इस हमले के बाद वो वहां से गायब हो गए और बॉर्डर पार गए थे। हालांकि बाद में उन्हें पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया था।बाद में द गार्जियन ने इसे सुधारा। वहीं आतंकी रियाज अहमद की फोटो भी गलत लगाई गई थी। भारत सरकार ने भी इस रिपोर्ट को नकारते हुए, ‘झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार’ बताया है।

बता दे कि दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के अनुसार, विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ साजिश करने वालों को निशाना बनाने की यह प्रक्रिया खुफिया मिशनों से प्रभावित थी, जिसमें मोसाद और केजीबी के साथ समानताएं थीं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इन दावों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। रिपोर्ट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले बयान को दोहराया गया है जिसमें उन्होंने कहा था विदेश में हुईं टारगेट किलिंग भारत सरकार की नीति के अनुरूप नहीं हैं। पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि ये हत्याएं भारतीय खुफिया स्लीपर सेल द्वारा की गई थीं, जो मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं, हत्याओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय अपराधियों या जिहादियों को झूठे बहाने से नियुक्त करती थीं। गार्जियन की रिपोर्ट में जाहिद अखुंड की हत्या का जिक्र है, जिसे जहूर मिस्त्री के नाम से जाना जाता है। जहूर घोषित आतंकवादी है, जिसने एयर इंडिया का एक विमान हाईजैक किया था। इसके साथ ही कहा कि पुलवामा हमले के बाद से ही भारत ने इन हत्याओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। जियो ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान के अलावा भारत खालिस्तान समर्थकों को भी निशाना बनाता है।गार्जियन के अनुसार, पाकिस्तान के दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि रॉ के एक एजेंट पर कई महीनों तक अखुंड के ठिकाने और गतिविधियों पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए फंडिंग देने का आरोप है। यह दावा किया जाता है कि मार्च 2022 के दौरान कराची में गोलीबारी को अंजाम देने के लिए अफगानिस्तान से लोगों को को बड़ी रकम दी गई थी। इस हमले के बाद वो वहां से गायब हो गए और बॉर्डर पार गए थे। हालांकि बाद में उन्हें पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया था।

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