हाल ही में चीन के कई मंत्री गुमशुदा हो चुके हैं! ऐसे परिदृश्य की कल्पना करें जहां एक लोकतांत्रिक राष्ट्र का विदेश मंत्री बिना किसी स्पष्टीकरण के अचानक लोगों की नजरों से ओझल हो जाए। इसके अलावा, रक्षा मंत्री भी सार्वजनिक मंच पर काफी चमक-धमक के साथ मौजूदगी के बाद गायब हो जाते हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ भी ऐसा ही होता है। चीन में जून-अगस्त 2023 के बीच उच्च स्तर के छू-मंतर हुए। चीन के विदेश मंत्री किन गैंग जून 2023 में गायब हो गए, पीपल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के रॉकेट फोर्स कमांडर जनरल ली युचाओ और डिप्टी जू झोंगबो जून 2023 में जबकि रक्षा मंत्री ली शांगफू अगस्त 2023 में गायब हो गए। चीन में रॉकेट फोर्स कमांडर पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों की देखरेख करता है। ये सभी ‘वफादार’ थे, जिन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2022 में पूरे चीन में लॉकडाउन के बीच पांच साल में एक बार होने वाली पार्टी कांग्रेस में बड़ी धूमधाम से चुना था। शी ने कांग्रेस में केवल दो कार्यकाल के अलिखित, अनौपचारिक राजनीतिक प्रोटोकॉल को भी तोड़ दिया और पार्टी के महासचिव, अध्यक्ष और केंद्रीय सैन्य आयोग सीएमसी के अध्यक्ष के रूप में तीसरा कार्यकाल ग्रहण किया जो दुर्लभ मामला है। शी को सत्ता में बनाए रखने के लिए ‘तेज हवाओं, अस्थिर पानी और यहां तक कि खतरनाक तूफान’ की दलील गढ़ी गई। इसने चीन की घरेलू और बाहरी चिंताओं को उजागर किया।
लेकिन चीन उच्चस्तरीय गुमशुदगी पर चुप्पी साधे रहा। 24 अक्टूबर को सरकारी टेलिवीजन चैनल सीसीटीवी की घोषणा हुई कि उन्हें पद से हटा दिया गया है। तब तक वेबसाइट पर विदेश मंत्री की प्रोफाइल को संक्षेप में बहाल कर दिया गया था। इससे पहले, चीन के अनुभवी राजनयिक और पूर्ववर्ती 70 वर्षीय वांग यी ने विदेश मंत्री के रूप में किन की जगह ली थी। मार्च 2023 में किन राज्य पार्षद के रूप में नियुक्त, एक कैबिनेट स्तर का पद, अन्य मंत्रियों की तुलना में एक उच्च पद, ली एक राज्य पार्षद और सीएमसी के सदस्य भी की नियुक्ति और बर्खास्तगी, जनरल ली और उनके डिप्टी राषट्रपति शी जिनपिंग के इस कार्यकाल में आ रहे तेज उतार-चढ़ाव के बारे में बहुतकुछ कहते हैं।
एक युवा उभरता सितारा और शी का शिष्य 57 वर्षीय किन एक ‘प्रिंसलिंग’ पार्टी में माता-पिता/दादा-दादी था, जो शी जो खुद एक प्रिंसलिंग हैं के तहत चीन की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में कम योगदान देने वाला एक गुट था। किन को 2021 में अमेरिका में राजदूत के रूप में तैनात किया गया था। वो एक कट्टरपंथी और स्पष्टवादी राजनयिक के रूप में जाने जाते थे। 65 वर्षीय रक्षा मंत्री ली एक प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, जिन्होंने पीएलए जिंचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में काम किया था। ली एक क्रांतिकारी पृष्ठभूमि से हैं उनके पिता रेड लिबरेशन आर्मी रेलवे के एक अधिकारी थे। ली की नियुक्ति ने सुर्खियां बटोरीं क्योंकि वो रूस के हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से लड़ाकू विमान और उपकरणों की खरीद को लेकर 2018 से अमेरिकी प्रतिबंध सूची में शामिल थे।
जनरल ली (रॉकेट फोर्स कमांडर) की फील्ड असेसमेंट रिपोर्ट्स में दूसरे ली पर लांछन लगाया गया है। चीन की राजनीतिक व्यवस्था की अपार अपारदर्शिता से अटकलों के बाजार को गरम रखने का खूब मौका मिलता है। विदेश मंत्री बनने के लिए किन ने वरिष्ठों को दरकिनार किया। वो अमेरिकी विशेषज्ञ नहीं थे। कोई अफेयर बर्खास्तगी का कारण नहीं हो सकता और उनका पतन बताता है कि जिनपिंग के काल में राजनीतिक साजिश का दौर चरम पर है। संबंधों, पारिवारिक पृष्ठभूमि और वंशावली के बावजूद चीन में शीर्ष स्तर के टॉप पोस्ट पर आसीन होना चीनी राजनीति के ‘अस्थिर पानी’ की ओर ध्यान आकर्षित करता है। अमेरिका से प्रतिबंधित रक्षा मंत्री ली के जाने के और भी कई कारण हो सकते हैं- लगातार सैन्य भ्रष्टाचार या सत्ता पर काबू पाने की आवश्यकता, जैसा कि माओ ने कहा था, सत्ता बंदूक की नली से निकलती है। शी के इस कदम को अमेरिका-चीन संबंधों में आई खटास को दूर करने के लिहाज से भी देखा जा सकता है क्योंकि ली अमेरिकी प्रतिबंध सूची में हैं।
किन का व्यक्तिगत अविवेक और दूसरों का भ्रष्टाचार/कमियों जैसी गड़बड़ियां रातोरात तो पैदा नहीं हो सकती हैं, इसलिए ये बातें चीनी खुफिया एजेंसियोंकी नजर से बची तो नहीं होंगी या नहीं बचना चाहिए। कोविड-19 से बाहर निकलने को लेकर मचे घमासान ने ‘शी के दशक’ की चमक को कुछ हद तक कम कर दिया; गड़बड़ नियुक्तियों और नतीजतन बर्खास्तगी से पता चलता है कि शी उतने अजेय नहीं हो सकते हैं। चीन में राजनीतिक भाग्य के उत्थान और पतन में प्रतिस्पर्धी ताकतें खेल रही हैं। व्याख्या जो भी हो, इन घटनाक्रमों से सर्वशक्तिमान शी के लिए की छवि को बट्टा जरूर लगेगा।