हाल ही में इंदौर में कई बवाल सामने आए हैं! इंदौर में रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक 25 वर्षीय युवक को भीड़ बेरहमी से पीट रही थी। यह घटना बाणगंगा थाना क्षेत्र के गोविंद नगर कॉलोनी की थी। वायरल वीडियो में मार खा रहे युवक की पहचान तस्लीम के रूप में हुई, जो कि यूपी के हरदोई जिले का रहने वाला है। वह चूड़ी बेचने के लिए हिंदू नाम का इस्तेमाल करता था। उसके पास से दो आधार कार्ड मिले हैं, जिस पर अलग-अलग नाम हैं। रविवार शाम तक युवक की तरफ से पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई थी। वीडियो वायरल होते ही एमपी में सियासी तापमान बढ़ गया। कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी से लेकर दिग्विजय सिंह तक ने वीडियो को शेयर कर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया। इसके बाद रविवार देर रात इंदौर में एक समुदाय के लोगों ने सेंट्रल कोतवाली थाने का घेराव किया। घंटों तक कोतवाली के बाहर खड़े होकर लोग प्रदर्शन करते रहे और पुलिस अधिकारी थाने के अंदर कैद रहे। इस दौरान बड़े अधिकारी वहां पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इंदौर मामले को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा था। रात में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने थाने से हटा दिया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इंदौर कलेक्टर को नोटिस भेजकर पूरे मामले पर जवाब मांगा। वहीं, सोमवार को थाने का घेराव करने वाले 28 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। साथ ही तस्लीम की पिटाई करने वाले लोगों की पहचान भी वायरल वीडियो के आधार पर हो गई है। इंदौर एसपी आशुतोष बारगी ने सोमवार को बताया कि पिटाई करने वाले लोगों पर आईपीसी की 14 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें से दो आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरे आरोपी को ग्वालियर से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।
चूड़ी वाले की पिटाई को लेकर लोग आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस बीच मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आ गया, जिससे और सियासी भूचाल आ गया। नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में सोमवार को कहा कि हिंदू बनकर पीड़ित चूड़ी बेचने का काम कर रहा था। उसके पास से दो आधार कार्ड मिले हैं। गृह विभाग की रिपोर्ट यहीं है। सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री के बयान के बाद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह का एक बयान आया। उन्होंने कहा कि इंदौर में रविवार को सेंट्रल कोतवाली थाने के घेराव में एसडीपीआई और पीएफआई का हाथ है। पुलिस ने तीन पीएफआई सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये लोग भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया पर गलत संदेश प्रसारित करने वाले लोगों पर नजर रख रहे हैं।
वहीं, इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इंदौर कलेक्टर को नोटिस भेजा। साथ ही कलेक्टर से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है कि तस्लीम की पिटाई करने वाले लोगों पर क्या कार्रवाई हुई। इसके बाद प्रदेश की राजनीति और गरम हो गई है। इस मामले में नया मोड़ सोमवार की रात और आ गई। सोमवार की रात इंदौर पुलिस ने पीड़ित तस्लीम के ऊपर भी पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। तस्लीम के खिलाफ एक 13 वर्षीय बच्ची ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया। बच्ची का आरोप था कि चूड़ी पहनाने के दौरान उसने गलत हरकत की है। पुलिस ने उसी रात कहा था कि मामले की जांच के बाद इस केस में तस्लीम की गिरफ्तारी हो सकती है।
वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी मैदान में कूद गए। उन्होंने एमपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि कथित चूड़ी वाले तस्लीम को एक उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने उसके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर लिया गया। तस्लीम का जुर्म यह है कि वह वो मुसलमान होने के बावजूद चुपचाप लिंच नहीं हुआ। उसको लूटने और मारने वाले अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए। प्रदेश के गृह मंत्री भी खुल कर अपराधियों के खिलाफ बहाने बना रहे हैं। चुनी हुई सरकारों और उग्रवादी भीड़ों में कोई फर्क नहीं रहा।
इंदौर की घटना को लेकर मंगलवार को हिंदू जागरण मंच ने शहर में महाज्ञापन सौंपा है। सैकड़ों की संख्या में हिंदू जागरण मंच के लोग नारेबाजी करते हुए इंदौर डीआईजी के ऑफिस पहुंचे। यहां पहुंचकर उनलोगों ने एक ज्ञापन सौंपा है। साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। हिंदू जागरण मंच ने कहा कि इंदौर में हाल के दिनों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं।
मंगलवार की रात छेड़छाड़ के मामले में आरोपी तस्लीम को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उसे बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी। इसके बाद रिमांड पर भी ले सकती है। वहीं, यूपी के हरदोई में उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि फर्जी आधार कार्ड मामले में भी इंदौर पुलिस उसके खिलाफ केस दर्ज कर सकती है।