यह सवाल उठना लाजिमी है कि 1 साल बाद भी गुड्डू बमबाज-शाइस्ता नहीं मिल पाए हैं! 15 अप्रैल 2023 का दिन प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम दिन के तौर पर दर्ज है। आज के दिन ऐसा कांड हुआ, जो पहले कभी देखने को नहीं मिला। रात के पहर में पुलिस कस्टडी में एक पूर्व सांसद और एक पूर्व विधायक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाहुबली अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके छोटे भाई अशरफ (Ashraf) को गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस घटना से हड़कंप की स्थिति हो गई। आज उस घटना को एक साल बीत गया है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक के उल्टे दिन शुरू हो गए थे। उस कांड में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को भी मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया था। सीसीटीवी में बम फेंकते हुए दिखाई पड़ा गुड्डू मुस्लिम भी अतीक का खास गुर्गा था। अशरफ की पत्नी जैनब की भूमिका भी पाई गई। ये सभी आज तक फरार है। घटना के एक साल बाद भी कई सवाल मौजूं बने हुए हैं। अपराध से राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने वाले अतीक अहमद का सिक्का प्रयागराज सहित पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के दर्जनों जिलों में चलता था। वह गुजरात के साबरमती जेल में सजा काट रहा था। उसका छोटा भाई अशरफ बरेली जेल में सजायाफ्ता था। इस बीच 24 फरवरी को प्रयागराज में दिनदहाड़े वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई। अतीक के बेटे असद के साथ आए शूटर्स ने पूरी प्लानिंग के साथ गोली और बम मारकर उमेश को मौत के घाट उतार दिया। यही मामला अतीक के पूरे परिवार के लिए काल साबित हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को जवाब देते हुए भरे सदन में माफिया को मिट्टी में मिला डालने का ऐलान कर दिया। पुलिस-प्रशासन ऐक्टिव हो गया। पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी माफिया अतीक के बेटे असद अहमद और साथी गुलाम को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया था। 3 अन्य आरोपियों का अलग-अलग जगह एनकाउंटर हो चुका है। लेकिन, इस घटना में सबसे अधिक चर्चित हुआ गुड्डू बमबाज। वह कांड के दौरान झोले से बम निकाल कर लगातार बरसता दिखाई पड़ रहा था। गुड्डू मुस्लिम को लेकर तमाम किस्से गढ़े गए। सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक खास बवाल मचा। तमाम कहानियां निकलकर सामने आईं।
पिछले साल 24 फरवरी को की घटना को अंजाम देने के फरार बमबाज के गिरेबां तक यूपी पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। गुड्डू मुस्लिम के साथ-साथ घटना को अंजाम दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाली माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस लगातार उमेश पाल के कातिलों को ढूंढ निकालने के दावे करती है, लेकिन गिरफ्तारी की कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है। वहीं अशरफ की पत्नी जैनब भी इनामी है और अभी तक चंगुल से बाहर है। इस घटना के एक साल के बाद भी पुलिस के हाथ खाली ही हैं। पुलिस अब भी सवालों पर जांच जारी होने की बात कर रही है। कोई ठोस जानकारी किसी भी स्तर से नहीं मिल पा रही है। उमेश पाल मर्डर के बाद भी सवाल वही है, आखिर गुड्डू मुस्लिम कहां गया? इस सवाल का जवाब न तो प्रयागराज पुलिस के पास है। न ही उमेश पाल केस की जांच करने वाली एसआईटी ही इस संबंध में कोई जवाब दे पा रही है। यूपी एसटीएफ की ओर से मामले की जांच के क्रम में देश के कई इलाकों में छापे मारे गए।
बमबाज गुड्डू मुस्लिम की तलाश के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, मुंबई, नागपुर में छिपे होने की बात सामने आई। यूपी के मेरठ, श्रावस्ती से लेकर झांसी तक छापे मारे गए। लेकिन, गुड्डू मुस्लिम को पकड़ने में पुलिस कामयाब नहीं हुई। प्रयागराज पुलिस की ओर से उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। इसी तरह से शाइस्ता परवीन को भी पकड़ने में पुलिस कामयाब नहीं हो पाई है। शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल के शूटरों को पनाह देने और हत्याकांड की प्लानिंग का आरोप लगा है। शाइस्ता को पकड़ने के लिए प्रयागराज पुलिस की ओर से 26 फरवरी से ही कार्रवाई शुरू हो गई। लेकिन, माफिया अतीक की पत्नी प्रयागराज में ऐसे गुम हुई कि पुलिस के खोजे नहीं मिल पा रही है।
माफिया सरगना की पत्नी का जाल इतना बड़ा है कि उस तक पहुंच पाना यूपी पुलिस के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। यूपी पुलिस इस मामले में आरोपी अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा तक नहीं पहुंच पाई है। 13 अप्रैल को असद अहमद के एनकाउंर और 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उम्मीद की जा रही थी कि शाइस्ता और जैनब सामने आएंगे। दोनों बाहर नहीं आए। पुलिस इसके बाद से अब तक हवा में ही हाथ-पांव मारती नजर आ रही है। कातिलों तक पहुंचने के लिए एक साल के बाद भी पुलिस की तमाम कोशिश विफल रही है।