दिल्ली में फिर से पटाखे बैन कर दिए गए हैं! दिवाली से पहले राजधानी में एक बार फिर पटाखों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। पटाखे बनाने, रखने, बेचने और चलाने पर दिल्ली सरकार ने पूरी तरह रोक लगाई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सर्दी में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए यह रोक लगाई गई है। ऑनलाइन मार्केटिंग प्लैटफॉर्म पर भी पटाखों की डिलिवरी दिल्ली में नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पटाखों को लेकर डीपीसीसी दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी के साथ सभी संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली के साथ एनसीआर में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। क्योंकि एनसीआर में पटाखों का असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है। सर्दियों के दौरान राजधानी में प्रदूषण का असर बढ़ जाता है। इस साल जनवरी से अगस्त तक राजधानी का एक्यूआई काफी कम रहा है। अब अक्टूबर से मौसम बदलने लगेगा। तापमान कम होंगे और नमी बढ़ जाएगी। इसकी वजह से प्रदूषण भी बढ़ेगा।राय ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखों के निर्माण और बेचने की इजाजत दी थी। लेकिन इसके बाद 2019 में प्रदूषण को देखते हुए 1 दिसंबर 2020 को एनजीटी ने सभी तरह के पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद डीपीसीसी ने 2021 में पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था। 2022 में भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया और इस साल भी सभी तरह के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।
दिवाली के अवसर पर पटाखे चलाने पर दिल्ली में प्रतिबंध लगाने का विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विरोध किया है। उनका कहना है कि ग्रीन पटाखे की खरीद-फरोख्त और इसे चलाने पर रोक नहीं होना चाहिए। दिवाली का त्योहार सिर्फ उत्सव ही नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा त्योहार है। बिधूड़ी के अनुसार पिछले तीन साल से दिल्ली सरकार ने पटाखे चलाने पर रोक लगा रही है। सरकार का तर्क है कि पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है। लेकिन, ग्रीन पटाखों से तो पल्यूशन भी नहीं होता। ऐसे में सरकार ग्रीन पटाखों पर क्यों रोक लगा रही है। इस साल 12 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। सरकार उस दिन निश्चित कुछ घंटों के दौरान पटाखे चलाने की अनुमति दे सकती है। एकतरफा रोक से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हो सकती है। इसके अलावा जो लोग पटाखों का कारोबार करते हैं, उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
प्रदूषण ‘सीजन’ शुरू होने से पहले विंटर एक्शन प्लान को लेकर मंगलवार को एनवायरनमेंटल एक्सपर्ट मीट का आयोजन होगा। इसमें एक्सपर्ट विंटर एक्शन प्लान को लेकर अपने सुझाव देंगे। इसमें 24 संस्थाओं के एक्सपर्ट शामिल होंगे। बता दें कि इसके बाद 2019 में प्रदूषण को देखते हुए 1 दिसंबर 2020 को एनजीटी ने सभी तरह के पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद डीपीसीसी ने 2021 में पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था। 2022 में भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया और इस साल भी सभी तरह के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। इसमें सीएसई, काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर, इंटरनैशनल काउंसिल फॉर क्लीन ट्रांसपोर्टेशन, आरएमआई इंडिया, एनवायरनमेंट डिफेंस फंड, यूएनईपी, आईआईटी दिल्ली और कानपुर, एएसएआर सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर, एयर पल्यूशन एक्शन ग्रुप, टेरी, क्लाईमेट ग्रुप, क्लाईमेट ट्रेंड, केयर फॉर एयर, क्लाइमेट वर्क फाउंडेशन, शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, ओआरएफ, सीएसटीईपी, डब्ल्यूआरआई, जीआईजेड, इंडिया, आई फॉरेस्ट, सी 40, एपिक इंडिया और क्लीन एयर एशिया समेत अन्य शामिल हैं।
इसके बाद 14 सितंबर को सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर विंटर एक्शन प्लान के लिए पटाखों को लेकर डीपीसीसी दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी के साथ सभी संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली के साथ एनसीआर में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। क्योंकि एनसीआर में पटाखों का असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है। सर्दियों के दौरान राजधानी में प्रदूषण का असर बढ़ जाता है। इस साल जनवरी से अगस्त तक राजधानी का एक्यूआई काफी कम रहा है। अब अक्टूबर से मौसम बदलने लगेगा। तापमान कम होंगे और नमी बढ़ जाएगी। इसकी वजह से प्रदूषण भी बढ़ेगा।राय ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखों के निर्माण और बेचने की इजाजत दी थी। लेकिन इसके बाद 2019 में प्रदूषण को देखते हुए 1 दिसंबर 2020 को एनजीटी ने सभी तरह के पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद डीपीसीसी ने 2021 में पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था। फोकस बिंदुओं पर संयुक्त कार्ययोजना तैयार की जाएगी।