केरल से एक और चौका देने वाली खबर सामने आई है! केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच एंथ्रेक्स का प्रकोप सामने आया है। केरल के अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में एंथ्रेक्स के प्रकोप के कारण कई जंगली सूअरों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी।स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअर में एंथ्रेक्स की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। जॉर्ज ने एक बयान में कहा, “अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअरों की सामूहिक मौत हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग ने जांच की। एंथ्रेक्स संक्रमण के मामले की पुष्टि करने के लिए इनके नमूनों का परीक्षण किया गया।”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एंथ्रेक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है। यह मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया और आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जंगली सूअर के शवों को निकालने और दफनाने गए लोगों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें आवश्यक निवारक उपचार भी दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यदि जंगली सूअर सहित जानवर सामूहिक रूप से मरते हुए पाए जाते हैं, तो विशेष देखभाल की जानी चाहिए। साथ ही लोगों से ऐसी जगहों पर नहीं जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने लोगों से यह भी अनुरोध किया कि यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो वे अधिकारियों को सूचित करें।
केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है और लोगों को मास्क पहनने और टीका लगवाने जैसी सावधानियां बरतने की जरूरत है क्योंकि इस वायरस के साथ जीने की आदत डालना जरूरी है। वीणा जॉर्ज ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए हमेशा लॉकडाउन और अन्य प्रकार के प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते, इसलिए वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग और नियमों का पालन करना चाहिए।केरल में मंगलवार को कोविड-19 के चार हजार से अधिक नए मामले सामने आए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को लेकर लोगों को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित रूप से बैठक आयोजित करके मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने, साफ-सफाई का ध्यान रखने और टीकाकरण कराने समेत अन्य नियमों का पालन करने की अपील की।
गौरतलब है कि एंथ्रेक्स मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जीवाणु है, जो आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जंगली सूअर के शवों को निकालने और दफनाने गए लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. विभाग ने बताया कि उन्हें आवश्यक निवारक उपचार भी दिया जा रहा है. अगर इन लोगों में एंथ्रेक्स का संक्रमण पाया जाता है तो फिर उसके और ज्यादा फैलने की आशंका हो सकती है!
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यदि जंगली सूअर सहित अन्य जानवर सामूहिक रूप से मरते हुए पाए जाएंगे तो विशेष देखभाल की आवश्यकता होगी. उन्होंने लोगों से ऐसी जगहों पर नहीं जाने के लिए कहा है, जहां पर कोई जानवर संदिग्ध रूप से मरा पाया गया है. इससे लोगों में एंथ्रेक्स का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है. एंथ्रेक्स बहुत तेजी से पशुओं से मनुष्यों और मनुष्यों से पशुओं में फैल सकता है!
29 जून (भाषा) केरल के अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में एंथ्रेक्स संक्रमण के प्रकोप के कारण कई जंगली सूअरों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअरों में एंथ्रेक्स की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
जॉर्ज ने एक बयान में कहा, ‘‘अथिराप्पिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअरों की मौत होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग ने जांच शुरू की तथा एंथ्रेक्स संक्रमण की पुष्टि करने के लिए इनके नमूनों का परीक्षण किया गया।’’
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एंथ्रेक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है।
एंथ्रेक्स मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जीवाणु है जो आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जंगली सूअर के शवों को निकालने और दफनाने गए लोगों के स्वास्थ्य पर नज़र रखी जा रही है।
विभाग ने बताया कि उन्हें आवश्यक निवारक उपचार भी दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यदि जंगली सूअर सहित अन्य जानवर सामूहिक रूप से मरते हुए पाए जाएंगे तो विशेष देखभाल की आवश्यकता होगी। उन्होंने लोगों से ऐसी जगहों पर नहीं जाने के लिए कहा है।
उन्होंने लोगों से यह भी अनुरोध किया कि यदि ऐसा कोई मामला उनके समक्ष आता है तो वे तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।