वर्तमान में स्पीड पोस्ट के जरिए भी साइबर क्राइम किए जा रहे हैं! स्पीड पोस्ट का इस्तेमाल अक्सर लोग आज भी करते हैं। कीमती सामान अपनों को पहुंचाना हो या फिर कोई ऑफिशियल मेल भेजनी हो स्पीड पोस्ट पर लोगों का भरोसा रहता है, लेकिन अब ये जानकर चौंक जाएंगे कि स्पीड पोस्ट पर भी जालसाजों ने कब्जा कर लिया है। जी हां साइबर क्रिमिनल्स अब आपको स्पीड पोस्ट से भी लूट सकते हैं। वाराणसी में एक प्रोफेसर के साथ ऐसी ही चौंकाने वाली घटना हुई। आईआईटी बीएचयू से रिटायर प्रोफेसर डॉ. तिलक राज मानखंड ने कुछ जरूरी कागजात स्पीड पोस्ट के जरिए भेजे थे। वो इंटरनेट पर जाकर अपनी स्पीड पोस्ट का स्टेटस चेक करना चाह रहे थे। डॉक्टर तिलक ने स्पीड पोस्ट को ओपन किया तो उसमें एक नंबर दिया गया था। डॉक्टर तिलक ने उस नंबर पर फोन किया। वो जानना चाह रहे थे कि उनकी पोस्ट कब तक पहुंचेगी।
स्पीड पोस्ट क्वेरी के दौरान दूसरी तरफ से जिसने फोन उठाया उसने कहा कि आपकी स्पीड पोस्ट तब आगे बढ़ेगी जब आप 3 रुपये की पेमेंट करेंगे। डॉक्टर तिलक को लगा कि ये शायद प्रोसेस हो और फिर उन्होंने एक लिंक जो दूसरी तरफ से भेजा गया उसपर 3 रुपये की पेमेंट कर दी। तिलक को लगा अब शायद उनकी स्पीड पोस्ट पहुंच जाए, लेकिन 3 दिन बाद उनके साथ एक बेहद हैरान करने वाली घटना हुई। डॉक्टर तिलक के बैंक अकाउंट से 94 हजार रुपये खाली हो गए। दरअसल वो साइबर क्रिमिनल्स के जाल में फंस चुके थे थे। इंटरनेट पर जब उन्होंने अपनी स्पीड पोस्ट ट्रैक की तो साइट उन्होंने खोली वो फर्जी थी और जो नंबर उसमें लिखे गए थे वो उन्हीं जालसाजों के थे। नंबर पर फोन किया गया तो इसी गैंग के लोगों ने वो फोन उठाया और फिर स्पीड पोस्ट को जल्दी करवाने के बहाने 3 रुपये मांगे। बस लिंक में पेमेंट होते ही उस अकाउंट से पूरे पैसे कट गए।
अब जान लीजिए ये होता कैसे है। दरअसल ये साइबर क्रिमिनल्स स्पीड पोस्ट की साइट की तरह ही एक फर्जी साइट बनाकर बैठे हुए थे। ये साइट हुबहु ओरिजनल साइट की तरह ही थी। जरूरी कागजात स्पीड पोस्ट के जरिए भेजे थे। वो इंटरनेट पर जाकर अपनी स्पीड पोस्ट का स्टेटस चेक करना चाह रहे थे। डॉक्टर तिलक ने स्पीड पोस्ट को ओपन किया तो उसमें एक नंबर दिया गया था। डॉक्टर तिलक ने उस नंबर पर फोन किया। वो जानना चाह रहे थे कि उनकी पोस्ट कब तक पहुंचेगी।बस उसमें लिखे गए नंबर और लिंक हर चीज फर्जी थी। ये सिर्फ स्पीड पोस्ट ही नहीं दूसरी साइट्स की भी डुप्लिकेट साइट बनाकर लोगों को ठगते हैं। आप जैसे ही इंटरनेट पर किसी भी साइट को देखने के लिए जाएंगे, आपको उससे मिलती जुलती दूसरी साइट भी मिल जाएगी। वो देखने बिल्कुल सेम लगेगी जिससे पहचान करना मुश्किल हो जाए। अगर एक बार आप नकली साइट में चले गए तो समझो डॉक्टर तिलक की तरह ही इनके जाल में फंस गए।
अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो तुरंत मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में करें या फिर लोकल पुलिस को भी आप सूचना दे सकते हैं। लगा कि ये शायद प्रोसेस हो और फिर उन्होंने एक लिंक जो दूसरी तरफ से भेजा गया उसपर 3 रुपये की पेमेंट कर दी। तिलक को लगा अब शायद उनकी स्पीड पोस्ट पहुंच जाए, लेकिन 3 दिन बाद उनके साथ एक बेहद हैरान करने वाली घटना हुई। डॉक्टर तिलक के बैंक अकाउंट से 94 हजार रुपये खाली हो गए। दरअसल वो साइबर क्रिमिनल्स के जाल में फंस चुके थे थे। इंटरनेट पर जब उन्होंने अपनी स्पीड पोस्ट ट्रैक की तो साइट उन्होंने खोली वो फर्जी थी और जो नंबर उसमें लिखे गए थे वो उन्हीं जालसाजों के थे।उस नंबर पर फोन किया। वो जानना चाह रहे थे कि उनकी पोस्ट कब तक पहुंचेगी।बस उसमें लिखे गए नंबर और लिंक हर चीज फर्जी थी। ये सिर्फ स्पीड पोस्ट ही नहीं दूसरी साइट्स की भी डुप्लिकेट साइट बनाकर लोगों को ठगते हैं। आप जैसे ही इंटरनेट पर किसी भी साइट को देखने के लिए जाएंगे, आपको उससे मिलती जुलती दूसरी साइट भी मिल जाएगी। वो देखने बिल्कुल सेम लगेगी जिससे पहचान करना मुश्किल हो जाए। अगर एक बार आप नकली साइट में चले गए तो समझो डॉक्टर तिलक की तरह ही इनके जाल में फंस गए।दरअसल जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे उतनी जल्दी आपका पैसा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। डाक्टर तिलक ने भी शिकायत दर्ज करवा दी है और अब पुलिस तलाश कर रही है उन लोगों की जो इसके पीछे हैं।