वर्तमान में बड़े ब्रांड के डुप्लीकेट बड़ी तादाद में बिक रहे हैं! त्योहारों की सीजन शुरू हो चुका है। त्योहारों के आते ही शुरू हो जाती है शापिंग। लोग पूरे साल इंतजार करते हैं कि त्योहारों के आते ही घर में नए-नए सामान खरीदेंगे। कंपनी कई डिस्काउंट भी देती हैं और इस सीजन में होती है सबसे ज्यादा सेल, लेकिन आपके साथ-साथ कोई और भी इस सीजन का इंतजार कर रहा था। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे गैंग की जो आपको लूटने की पूरी तैयारी कर चुका है। अगर आप अपने घर के लिए टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, एसी, माइक्रोवेव या फिर कोई और इलेक्ट्रिक सामान खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। कही आप भी अपने घर में नकली सामान न उठाकर ले आएं। बड़ी कंपनी के प्रोडक्ट्स को कॉपी करके बनाए जा रहे हैं नकली सामान। सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक सामान में हो रही है डुप्लिकेसी। ये सामान दिखने में बिल्कुल वैसे ही नजर आते हैं जैसे महंगे ब्रांड्स के असली प्रोडक्ट होते हैं और इसलिए इनमें फर्क करना आसान नहीं है। हो सकता है आप जिस सामान के लिए पूरे पैसे दे वो सामान असल में नकली हो और थोड़े समय बाद ही खराब हो जाए।
मध्यप्रदेश में ये गैंग काम कर रहा है। ये सस्ती चीजों का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट असेंबल करवाता है और फिर उनपर बड़ी कंपनी की स्टांप लगा देता है। से मोहर बिल्कुल वैसे ही ही होती है जैसी ओरिजिनल कंपनी की होती है। अगर दोनों प्रोडक्ट को एक साथ रख दिया जाए तो पता ही नहीं चल सकता, लेकिन नकली प्रोडक्ट में काफी चीप क्वालिटी का सामान इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में ये गैंग काफी समय से इस तरह के प्रोडक्ट मार्केट में उतार रहा था और लोग असली समझकर इसे खरीद भी रहे हैं।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस गैंग के 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लाखों रुपये का नकली सामान बरामद हुआ है जिसे ये महंगी कंपनी का बनाकर बेचने वाले थे। ये लोग नकली सामान दिल्ली की सस्ती बाजारों लेकर आते थे और फिर उन्हें बड़ी कंपनियों की मोहर लगाकर और पैकेट में डालकर शोरूम्स में बेचते थे। पुलिस इन दोनों से पूछताछ कर रही है।
देखना ये है कि क्या इस गैंग से और भी लोग जुड़े हुए हैं? मध्यप्रदेश के अलावा ये और कहां-कहां इस तरह से नकली सामान को खपा रहे थे। एक चीज और भी इससे जुड़ी हुई है कि क्या कोई शोरूम्स मालिक भी इस काम में लगे हुए हैं क्योंकि बिना दुकानदारों की मदद के इस तरह का नकली सामान बेचना आसान नहीं है। दरअसल ये लोग जानते थे कि अगले कुछ महीने लोग काफी ज्यादा शॉपिंग करेंगे और इसी का फायदा ये दोनों उठाना चाह रहे थे। अगर आप भी कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो सामान खरीदने से पहले उसे सही तरीके से जांच ले ताकि आपके घर ओरिजनल सामान ही आए। यहि नहीं आपको बता दें कि करछना के पनासा गांव के रहने वाले राजेश कुमार पांडेय 25 बीघे के काश्तकार हैं। उन्हें नौ बीघा धान की बुआई करनी है। उन्होंने बताया कि वह करछना स्थित बीज की दुकान से 10 किलो धान का बीज खरीदा। बेहन डालने पर केवल तीस फीसदी बीज ही अंकुरित हुआ। इससे परेशानी खड़ी हो गई है। धान की रोपाई दूसरे किसान से बेहन खरीदकर लगवानी पड़ेगी। इसी तरह की बात करछना के बसही गांव के दयाशंकर तिवारी भी बताते हैं कि तीन बीघा धान की बुआई के लिए बीज खरीदा था। बीज आने का प्रतिशत बहुत ही कम है। अंकुरित होने के बाद पौधे ज्यादा बढ़े नहीं। गंगापार और यमुनापार के सैकड़ों किसानों का कहना है कि धान के बीजों में अधिकतर ऐसा ही हुआ है। जिला कृषि अधिकारी कहते हैं कि वह जांच कराकर डुप्लीकेट बीज बेच रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
मौसम की मार, साहूकारों के कर्ज से त्रस्त किसानों को बीज बेचने वाले दुकानदार भी नहीं छोड़ रहे हैं। ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर डुप्लीकेट बीज बेच रहे हैं। जानकारी के अभाव में किसान उनके झांसे में आकर ऐसे बीजों की खरीददारी कर रहे हैं, जो अंकुरित ही नहीं हो रहे हैं। किसान इसकी शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कृषि विभाग ने चुप्पी साध रखी है। कहा जा रहा है कि इस धंधे में कृषि विभाग के लोग खुद ही शामिल हैं। इसी के चलते ने धंधे में खेल किया जा रहा है।