वर्तमान में बैंक में फेक क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं! क्रेडिट कार्ड यानी एक ऐसा कार्ड जिसके जरिए आप लाखों रुपये का पैसा एडवांस में ले सकते हैं। जिसके आधार पर बैंक आपको लोन देते हैं और फिर धीरे-धीरे आपके अकाउंट से पैसे को डिडक्ट किया जाता है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कई लोग करते हैं, लेकिन कई इससे बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन बावजूद इसके क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए अक्सर फोन आते रहते हैं। अगर आपके पास भी इस तरह के फोन आते हैं तो एक बार अपने बैंक में फोन करके ये चेक जरूर कर लीजिए कि आपके नाम से कहीं कोई क्रेडिट तो नहीं बना हुआ या फिर जो क्रेडिट कार्ड आप इस्तेमाल कर रहे हैं उसके अलावा भी कोई और कार्ड बैंक ने आपके नाम से जारी तो नहीं किया। ये हम आपको इसलिए कह रहे क्योंकि क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए एक बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है और 200 लोग इस जाल में पहले ही अपने लाखों रुपये गवां चुके हैं। ये ऐसे लोग जिन्हें पता ही नहीं था कि इनके नाम से किसी ने क्रेडिट कार्ड जारी करवा रखा है। इनके नाम पर बैंक में क्रेडिट कार्ड बना हुआ था, लेकिन इन्हें पता ही नहीं था और वो इसलिए क्योंकि ये काम किया था एक बहुत बड़े रैकेट के लोगों ने।
अब जान लीजिए वो तरीका कैसे ये फर्जीवाड़ा हो रहा है। कैसे आप भी इस बड़े गैंग का शिकार बन सकते हैं। दरअसल इस फर्जीवाड़े की शुरुआत होती हैं उन कॉल्स से जो हमारे पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड बनवाने के लिए आते हैं। बैंक के एक्जीक्यूटिव बनकर इस गैंग के लोग फोन करते हैं और क्रेडिट कार्ड बनवाने की बात करते हैं। ये क्रेडिट कार्ड पर काफी लुभावने ऑफर देते हैं। इसी बहाने ये लोगों से उनका एड्रेस और उनकी डिटेल ले लेते हैं।
अब शुरू होता है इस गैंग का अगला स्टेप। इस गैंग की महिला कर्मचारी उस बैंक में फोन करती हैं जहां आपका बैंक अकाउंट है। ये उस बैंक में खुद को ग्राहक के परिवार से या फिर ऑफिस से बताती हैं और क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करती हैं। बैंक सारी डीटेल्स मांगते हैं जो इनके पास पहले से ही होती हैं। जब बैंक को सारी डिटेल्स मिल जाती हैं तो कार्ड इश्यू कर दिया जाता है, लेकिन ये कार्ड पहुंचता है इस गैंग के एड्रेस पर। क्योंकि ये बैंक को अपना पता बताते हैं। उसके बाद ये कस्टमर से बात करना बंद कर देते हैं।
लोगों का लगता है कि शायद बैंक से कार्ड नहीं मिला होगा, लेकिन असल में कार्ड तो जारी हो चुका होता है। इस गैंग के लोग उस कार्ड का इस्तेमाल खुद करते हैं। इस कार्ड के आधार पर ये लोग बैंक से लाखों रुपये एडवांस ले लेते हैं और ग्राहक को पता ही नहीं चलता। इस फर्जीवाड़े की शुरुआत होती हैं उन कॉल्स से जो हमारे पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड बनवाने के लिए आते हैं। बैंक के एक्जीक्यूटिव बनकर इस गैंग के लोग फोन करते हैं और क्रेडिट कार्ड बनवाने की बात करते हैं। ये क्रेडिट कार्ड पर काफी लुभावने ऑफर देते हैं। इसी बहाने ये लोगों से उनका एड्रेस और उनकी डिटेल ले लेते हैं।जब कई महीने बाद पैसा कटना शुरू होता है तो पता चलता है कि वो तो क्रेडिट कार्ड के नाम पर उधार लिया गया था।
मुंबई पुलिस के पास इस रैकेट की जानकारी आई थी। दरअसल एक शख्स ने इस गैंग के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उस शख्स के साथ भी इसी तरह क्रेडिट कार्ड और होम लोन के नाम पर धोखाधड़ी हुई थी। इस गैंग के लोगों ने उससे साढ़े चार लाख रुपये भी ऐंठ लिए थे। जिसके बाद इस शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। मुंबई पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया ये बड़ा फर्जीवाड़ा। पुलिस इस मामले में 4 महिलाओं समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये एक फ्लैट किराए पर लेकर इस गैंग को चला रहे थे। इस फर्जीवाड़े की शुरुआत होती हैं उन कॉल्स से जो हमारे पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड बनवाने के लिए आते हैं। बैंक के एक्जीक्यूटिव बनकर इस गैंग के लोग फोन करते हैं और क्रेडिट कार्ड बनवाने की बात करते हैं। ये क्रेडिट कार्ड पर काफी लुभावने ऑफर देते हैं। इसी बहाने ये लोगों से उनका एड्रेस और उनकी डिटेल ले लेते हैं। पास से 200 क्रेडिट कार्ड समेत फर्जी आईटी रिटर्न, टीडीएस फॉर्म, बिजली बिल, विभिन्न कंपनियों के स्टांप और सील, चार्टर्ड अकाउंटेंट , 56 सिम, पैन कार्ड, आधार कार्ड, स्टांप, 10 स्वाइप मशीनें, 14 मोबाइल फोन और 60,000 रुपये नकद बरामद हुए हैं।