वर्तमान में लड़कियां भी ड्रग्स तस्करी कर रही है! पंजाब सप्लाई के लिए काफी मशहूर रहा, लेकिन अब ड्रग्स के काले कारोबार का धंधा दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश तक भी बढ़ता जा रहा है। इन राज्यों के युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ी है, या यूं कहे कि लड़के-लड़कियों को जानबूझकर नशे में डुबोने कोशिश की जा रही है। ड्रग्स के धंधे को फैलाने के लिए अब तस्कर लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रग स्मगलिंग में लड़कियां कारोबारियों की पहली पसंद बनती जा रही हैं।लड़कियों को ड्रग्स को एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई करने का काम दिया जाता है। दरअसल बड़े वेंडर के पास से छोटे वेंडर्स तक ड्रग सप्लाई करने में काफी रिस्क होता है। इसके अलावा जहरली ड्रग्स पार्टी के लिए भी होटल्स, रेस्टोरेंट, पब, डिस्को तक पहुंचाई जाती है। इस काम अक्सर पुलिस को भनक लग जाती है और फिर कई बार ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी होती है, लेकिन अब यही काम लड़कियों की मदद से किया जा रहा है।
लड़कियों के लिए ड्रग्स की सप्लाई करना आदमियों के मुकाबले आसान होता है और उनपर शक भी कम होता है। ये लड़कियां अपने अंडरगारमेंट्स में नशीली ड्रग्स को छुपा लेती हैं। जब तक पुलिस के पास पूरे सबूत न हो किसी लड़की की चेकिंग करना आसान नहीं है और इसी बात का फायदा ड्रग तस्कर उठाते हैं। इन लड़कियों को हिदायतें दी जाती हैं कि महंगी ड्रग को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाएं। अपनी ब्रा या पेंटी के अंदर ये ड्रग्स रख लेती हैं और फिर बड़ी ही आसानी से स्मगलिंग के काम को अंजाम देती हैं।
मध्यप्रदेश क्राइम ब्रांच की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में पकड़े गए ड्रग तस्करों में अब 10 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल हैं। इंदौर में ही 100 ऐसी लड़कियों और महिलाओं की पहचान की गई है जो ड्रग्स के धंधे से जुड़ी हुई हैं। इस काम के लिए इन्हें अच्छी खासी रकम मिलती है। पैसे के लालच में ये लड़कियां नशे के कारोबार से जुड़ जाती हैं। तस्करों को लगता है कि लड़कियों की गिरफ्तारी की संभावनाएं कम हैं और इसलिए इन्हीं अच्छा खासा पैसा देने को भी तैयार हो जाते हैं।
ये नेटवर्क सिर्फ राज्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश बल्कि विदेशों से भी यहां लड़कियों के जरिए ड्रग्स स्मगलिंग का कारोबार चल रहा है। ये खूबसूरत लड़कियों को ड्रग्स स्मगलिंग के लिए चुनते हैं। मध्यप्रदेश के इटारसी से पिछले साल 100 करोड़ रुपए की हेरोइन के साथ मिजोरम की लड़कियां गिरफ्तार हुई थीं। ये जिम्मबावे से ड्रग तस्करी कर रही थीं। गिरफ्तारी के बाद इन लड़कियों ने खुलासा किया था कि इन्हें ड्रग स्मगलिंग के लिए हर ट्रिप पर दो-दो लाख रुपये तक मिलते हैं। इसी तरह इंदौर से भी इसी साल मुन्नीबाई नाम की एक महिला को ड्रग तस्करी करते हुए पकड़ा गया था। ये अपनी सैंडिल में रखकर ड्रग्स ले जा रही थी। ये महिला यहां की बड़ी तस्कर मानी जाती है और राजस्थान से ड्रग्स मंगवाकर यहां खपाने का काम करती थी।
लड़कियों के इस धंधे में आने की एक और वजह है और ये कि जो पुरुष पहले इस धंधे में लगे थे पुलिस उनकी पहचान कर चुकी है और इसलिए उनके लिए तस्करी करना आसान नहीं होता। धंधे को फैलाने के लिए अब तस्कर लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रग स्मगलिंग में लड़कियां कारोबारियों की पहली पसंद बनती जा रही हैं।लड़कियों को ड्रग्स को एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई करने का काम दिया जाता है। इंदौर में ही 100 ऐसी लड़कियों और महिलाओं की पहचान की गई है जो ड्रग्स के धंधे से जुड़ी हुई हैं। इस काम के लिए इन्हें अच्छी खासी रकम मिलती है। पैसे के लालच में ये लड़कियां नशे के कारोबार से जुड़ जाती हैं। तस्करों को लगता है कि लड़कियों की गिरफ्तारी की संभावनाएं कम हैं और इसलिए इन्हीं अच्छा खासा पैसा देने को भी तैयार हो जाते हैं।दरअसल बड़े वेंडर के पास से छोटे वेंडर्स तक ड्रग सप्लाई करने में काफी रिस्क होता है। इसके अलावा जहरली ड्रग्स पार्टी के लिए भी होटल्स, रेस्टोरेंट, पब, डिस्को तक पहुंचाई जाती है।गिरफ्तारी हो गई तो करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त कर ली जाती है और इसमें मुनाफाखोरों का बड़ा नुकसान होता है। ऐसे में थोड़ा ज्यादा पैसे देकर ये लड़कियों से सप्लाई करवाना ज्यादा मुनासिब समझते हैं।