क्या अब भी है यूट्यूबर एलविश यादव की जमानत के आसार?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यूट्यूबर एलविश यादव की जमानत के आसार अब भी है या नहीं! रेव पार्टी और पार्टियों में सांप का जहर सप्लाई करने के मामले में एल्विश यादव बुरी तरह फंस गए हैं। नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने उन्‍हें अरेस्‍ट कर 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि 25 साल के एल्विश यादव ने पुलिस पूछताछ में उसने रेव पार्टी में सांप के जहर की सप्‍लाई की बात स्‍वीकार कर ली है। उसने माना कि वह विभिन्न रेव पार्टियों में आरोपियों से मिला था और उनके संपर्क में था। अगर उसके ऊपर आरोप साबित हो जाते हैं तो उसे 20 साल तक की जेल हो सकती है। वहीं दूसरी और एल्विश की जमानत के लिए उसके वकीलों ने तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आज यानी सोमवार या मंगलवार को उसकी जमानत का आवेदन कोर्ट में भेजा जाएगा। उधर, यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी-2 विनर एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा कमिश्नरेट पुलिस पहले ही गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर चुकी है। लेकिन पेच यह है कि गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय के वकील आज यानी सोमवार को हड़ताल पर है। इसलिए आज एल्विश यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई होने भी मुश्किल है।

नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने एल्विश के ऊपर जांच के दौरान एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में बढ़ोतरी की गई है। थाना सेक्टर-20 पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत धारा-8/20/27/27ए/29/30/32 शामिल किया है। अगर उसके ऊपर इन धाराओं के तहत आरोप साबित हो जाते हैं तो उसे कितने साल की सजा हो सकती है? आरोप सिद्ध होने के बाद उसे कितनों दिनों तक जेल काटनी पड़ी सकती है?इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रुद्र विक्रम सिंह ने एनबीटी की टीम को जानकारी देते हुए बताया कि आरोप साबित होने के बाद 20 साल तक की जेल हो सकती है।उसे जमानत मिलना भी मुश्किल है। अमूमन जिला अदालतें ऐसे मामलों में चार्जशीट फाइल होने के बावजूद भी जमानत देने से बचती हैं। जिला अदालत से खारिज होने के अगले दिन भी हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं, कोई टाइम लिमिट नहीं है। साथ ही इस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। धारा-27ए में 10 से 20 साल, धारा-20 में 10 से 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। चूंकि एनडीपीएस की वो धाराएं भी लगी हैं जिसमें 20 साल तक की सजा है। इसलिए अभी कुछ महीनों तक जमानत मिलना मुश्किल है। कम से कम तब तक, जब तक पुलिस चार्जशीट फाइल नहीं कर लेती है। प्राथमिक तौर पर वह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ही बेल लगायेंगे, उसके बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे पर यह तय है कि अगले कुछ महीनों तक जेल में रहेंगे।

 सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रुद्र विक्रम सिंह ने आगे बताया कि वाइल्ड लाइफ की जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज था उसमें अधिकतम सजा तीन वर्ष की थी। इसी वजह से पुलिस एल्विश को गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अर्नेश कुमार स्टेट ऑफ बिहार में यह कहा है कि सात साल से कम की सजा वाले अभियुक्त की सीधे तौर पर गिरफ्तारी नहीं हो सकती। अब चूंकि जिन मामलों में वह अभियुक्त है उसमें 20 वर्ष तक की सजा है। इसलिए पुलिस के पास उसे गिरफ्तार करने का भी अधिकार था और अब कम से कम जब तक चार्जशीट फाइल नहीं हो जाती, उसे जमानत मिलना भी मुश्किल है। अमूमन जिला अदालतें ऐसे मामलों में चार्जशीट फाइल होने के बावजूद भी जमानत देने से बचती हैं। जिला अदालत से खारिज होने के अगले दिन भी हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं, कोई टाइम लिमिट नहीं है।

वरिष्ठ वकील रुद्र विक्रम सिंह ने बताया एनडीपीएस की धारा-27ए एल्विश यादव को सबसे अधिक मुसीबत में डाल सकती है। यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी-2 विनर एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा कमिश्नरेट पुलिस पहले ही गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर चुकी है। लेकिन पेच यह है कि गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय के वकील आज यानी सोमवार को हड़ताल पर है। इसलिए आज एल्विश यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई होने भी मुश्किल है।एनडीपीएस एक्ट लगने के बाद उसे जेल भेजना पुलिस के लिए आसान हो गया। एनडीपीएस एक्ट का मतलब होता है नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट अधिनियम 1985, जिसे आम तौर पर एनडीपीएस एक्ट के रुप में जाना जाता है। भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो किसी भी व्यक्ति को उत्पादन, विनिर्माण, खेती, कब्जा, ब्रिकी, खरीद या किसी भी नशीली दवाई का सेवन करता है। उस पर ये एक्ट लगाया जाता है।