क्या आप की हड्डियां भी कम उम्र में कमजोर हैं? तो अपनाएं यह उपाय!

0
266

अक्सर आपने अपने बच्चों को देखा होगा कि उनकी कम उम्र में ही हड्डियां कमजोर हो गई है! शारीरिक संरचना और संतुलन को बेहतर बनाए रखने के लिए हड्डियों का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। इसमें होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर पूरी सेहत को प्रभावित कर सकता है। हड्डियों की समस्या के कारण जीवनशैली के सामान्य कामकाज करने तक में दिक्कत हो सकती है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को हड्डियों को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।

कुछ वर्षों पहले तक हड्डियों की समस्या को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कतों के तौर पर देखा जाता था, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कम आयु के लोगों में भी इस तरह की दिक्कतों का निदान किया जा रहा है।

विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में लोगों में बढ़ी आहार और जीवनशैली की गड़बड़ आदतों ने कम उम्र में ही हड्डियों से संबंधित खतरों को बढ़ा दिया है। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों में 30 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते हड्डी के द्रव्यमान में कमी की समस्या देखी जा रही है। ये स्थितियां आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस या आर्थराइटिस जैसी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देती हैं। हड्डियों को स्वस्थ रखने में आहार की विशेष भूमिका होती है, ऐसे में सभी लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के सेवन पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

मांसपेशियों को स्वस्थ रखने और शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करना बहुत आवश्यक माना जाता है, हालांकि यदि आप प्रोटीन का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करते हैं तो इससे हड्डियों को नुकसान भी हो सकता है। बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन वाली चीजों के सेवन की स्थिति में शरीर को अधिक मात्रा में कैल्शियम का उत्सर्जन करना पड़ता है जिससे हड्डियों को यह आवश्यक खनिज पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है। कैल्शियम की कमी हड्डियों को कमजोर कर देती है।

सेंडेंटरी लाइफस्टाल यानी कि शारीरिक निष्क्रियता के शरीर पर कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, हड्डियों की समस्याएं भी इनमें से एक हैं। एक ही स्थान पर ज्यादा देर तक बैठे रहने या फिर घर के अंदर रहने की ही आदत आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। यह आदत न सिर्फ शारीरिक निष्क्रियता को बढ़ाती है साथ ही आपका सूर्य के प्रकाश से संपर्क भी कम हो जाता है।

सूरज की रोशनी विटामिन-डी का  अच्छा स्रोत है, जो कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है। ऐसे में घर से बाहर न जाने की आदत भी आपकी हड्डियों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

सोडियम वाली चीजों के अधिक सेवन को हाई ब्लड प्रेशर के कारक के तौर पर जाना जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि इससे हड्डियों को भी नुकसान पहुंचता है। सोडियम के साथ-साथ धूम्रपान को भी हड्डियों के लिए नुकसानदायक माना जाता है।  शोध के अनुसार, धूम्रपान करने वाली महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है जिससे समय पहले रजोनिवृत्ति हो सकती है। यह स्थिति आपमें ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों के तमाम रोगों के जोखिम को बढ़ा देती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सभी आयु वाले लोगों को हड्डियों को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने चाहिए। इसके लिए जीवनशैली और आहार को स्वस्थ रखना बहुत आवश्यक है। 

हरी सब्जियों का सेवन करें।

नियमित रूप से योग-व्यायाम की आदत बनाएं।

कैल्शियम और विटामिन-डी वाली चीजों का सेवन करें।

शराब-धूम्रपान से हड्डियों को नुकसान पहुंचता है, इससे परहेज करें।

हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सूर्य के संपर्क में रहने की कोशिश करें। कैफीन विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए परेशानी का सबब है, जो अपने दिन की शुरुआत उसी से करती हैं और इस कारण से वो कैल्शियम नहीं प्राप्त कर पाती हैं। दरअसल अगर आप 100 मिलीग्राम का सेवन करते हैं तो आप करीब 6 मिलीग्राम तक कैल्शियम का नुकसान कर बैठते हैं, जो आपकी हड्डियों में जमा होता है।धूम्रपान न सिर्फ हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि हड्डियों को भी कमजोर करता है। निकोटिन हमारी हड्डियों को ठीक होने में बाधा पैदा करता है, जो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है। इतना ही नहीं धूम्रपान को हड्डी के फ्रैक्चर की बढ़ती संभावनाओं से भी जोड़ा गया है। इसके अलावा, धूम्रपान से चोट लगने के बाद हड्डियों को होने वाले नुकसान से भी उबरने में मुश्किल होती है।​हड्डियों को मजबूत और हेल्दी रखने के लिए आपको अपने रोजाना के कैल्शियम और विटामिन डी इनटेक को पूरा करने की जरूरत होती है। सही मात्रा लेने से आपके शरीर को अवशोषण में मदद मिलती है और आपका शरीर भी ठीक रहता है। इसलिए अपने रोजाना के कैल्शियम और विटामिन डी इनटेक का ख्याल रखें।खुद को कभी भी शारीरिक गतिविधियों को करने से न रोकें। अगर आप जिम नहीं जा सकते तो घर में ही काम करके शारीरिक गतिविधियों को करके सेहत को दुरुस्त रखा जा सकता है। इसके अलावा अगर आपको इंटेंस वर्कआउट की जरूरत है तो आप जिम ज्वाइन कर सकते हैं ताकि आप खुद को फिट रख सकें।