हमारे शरीर में स्थित नाखून भी आने वाली कई बीमारियों का पहले से ही संकेत दे देते हैं! नाखूनों के रंग और आकार में होने वाले परिवर्तन हमारे शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में बताते हैं। अगर आपको कोई समस्या है। तो नाखूनों का रंग भी बदल जाता है और कई बार उनका आकार भी परिवर्तित हो जाता है। इसलिए आपके नाखून भी अगर कुछ बदले नजर आ रहे हैं। तो आपको अपनी सेहत पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है।
नाखूनों के रंग?
नाखूनों का रंग अगर नीला हो गया है। तो आप समझ जाएं कि ब्लड सरकुलेशन बराबर नहीं है। आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं मिल रहा है। क्योंकि इसी कारण से नाखून नीले होते हैं। इस अवस्था में नाखून का कुछ हिस्सा या पूरे नाखून नीले हो जाते हैं। ऐसे में तुरंत चिकित्सक को दिखाकर जांच करवानी चाहिए।अगर ऐसी स्थिति है तो यह ह्रदय की कमजोरी को भी दर्शाता है।
अगर आपके नाखून पीले हो रहे हैं। तो यह फंगल इंफेक्शन या सिरोसिस जैसी बीमारी का लक्षण हो सकते हैं। क्योंकि ब्लड में पित्त की मात्रा अधिक होने, लाल होने पर कफ और पित्त का असंतुलन और त्वचा पर सफेद चकते , वात का असंतुलित होने का कारण होता है। लीवर में गड़बड़ी होने पर भी यह समस्या होती है। कई लोगों को पीलिया होने पर भी नाखून पीले होते हैं। इसलिए अगर आपके नाखून भी पीले हैं। तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। क्योंकि कमजोरी और पीलिया के कारण भी ऐसी समस्या होती है।
जिन लोगों के नाखूनों पर सफेद धब्बे नजर आ रहे हैं। उन की हड्डियां कमजोर, तनाव और मानसिक दबाव की समस्या हो सकती है। हालांकि कई बार नाखूनों की यह स्थिति इन समस्याओं के कम होने पर ठीक होने लगती है।
नाखूनों पर सीधी खड़ी लाइन उभरती हुई दिखाई देती है। यह लाइन स्थिति के अनुसार रंग बदलती है। अगर यह लाइन लाल रंग की होती है। तो यह किसी अंदरूनी चोट को दर्शाती है। अगर यह नीले रंग की होती है। तो यह ब्लड से संबंधित समस्याओं के बारे में बताती है। यह भूरे रंग की होती है, तो मेलानोमा नामक के कैंसर का लक्षण हो सकते हैं। वहीं अगर यह सफेद रंग की लाइन है। तो यह शरीर में न्यूट्रिशन की कमी को दर्शाती है।
नाखून का टूटना भी कई प्रकार की बीमारियों के लक्षण बताता है। कई बार नाखून बहुत आसानी से टूट जाते हैं। यह लक्षण लीवर और थायराइड जैसी बीमारी के बारे में इशारा करते हैं। अगर आपके नाखूनों की स्थिति ऐसी बन रही है। तो आप शीघ्र ही चिकित्सक से सलाह लें और उपचार शुरू करें।
नीले नाखून आपके शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन का स्तर कम या ऑक्सीजन के कमी के कारण होती है। इस स्थिति को सायनोसिस नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या तब होती है जब आपके रक्त में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होती है। जिसके कारण हमारे नाखूनों के नीचे मौजूद त्वचा बैंगीनी-नूीली पड़ जाती है।
त्वचा की रंगत का बदलना खून के उच्च स्तर के असामान्य होने के रूप को दर्शाता है जो आपके पूरे शरीर में लगातार फैलता रहता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो आपके रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए जिम्मेदार है। ठंडे तापमान के कारण भी आपके नाखून नीले पड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंडे तापमान की वजह से आपकी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने या छोटी होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में आपके नाखूनों में ऑक्सीजन से भरपूर रक्त को पर्याप्त मात्रा में पहुंचा पाना मुश्किल हो जाता है।
ठंडे तापमान के कारण उंगलियों का नीला पड़ना शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है। जिससे शरीर के आंतरिक अंगों के तापमान को बनाए रखा जा सके। हालांकि, अगर नाखूनों की नीली रहने की समस्या लगातार बनी रहती है तो यह कोई रोग या इसका कोई अन्य कारण भी हो सकता है जो ऑक्सीजनयुक्त लाल रक्त को पूरे शरीर में फैलने से रोकता है।
पल्स ऑक्सीमीटर रक्त की ऑक्सीकरण की क्षमता को मापने का सबसे सरल तरीका है। जो आपके रक्त में ऑक्सीजन कितना है इसे मापने के लिए धमनी रक्त गैसों को खींचा जाता है। यह निर्धारित करने में मदद करता है कि नीले नाखूनों के लिए कौन से कारक जिम्मेदार हो सकता हैं। इस उपचार के द्वारा रोग के अंतर्निहित कारण की पहचान की जा सकती है साथ ही रक्त में पर्याप्त ऑक्सीजन को ठीक प्रकार से रक्त वाहिकाओं में पहुंचाने का काम करती है।