लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण असम में जल जीवन अस्त व्यस्त हो गया है । वहीं बारिश के कारण असम में हालात भयावह होते दिख रहे हैं। लोग अपना घर छोड़ राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। अलग-अलग इलाके में बाढ़ के पानी से राज्य डूबा हुआ है ।
जानकारी के मुताबिक कुल 43338.39 हेक्टेयर फसल भूमि पानी में डूब गई है । सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बदली बताया जा रहा है ,जहां बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हुए हैं । बाढ़ की स्थिति के चलते घर डूब गए हैं , जिससे हजारों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं । जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि असम के 28 जिलों में इस साल लगभग 14 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सड़कें बाढ़ के पानी में डूब गई है । लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 55 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। बाढ़ की मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशासन जिले के लगभग 16000 बाढ़ प्रभावित लोगों को शिविरों में रहने की जगह दे रहा है, प्रशासन की ओर से जिले में 54 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं ।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पीएम मोदी ने असम के सीएम से बात की है। बीते दिनों ही मौसम विभाग में एक बार फिर से भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया था , बाढ़ के कारण कई गांव जलमग्न हो गए । पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से कुछ क्षेत्रों में भारी तबाही मची हुई है , तो वही गुवाहाटी में भी हालत दयनीय है।
भारतीय जवान कर रहे आम नागरिकों की मदद
एन डी ई आर एस और एसडीआरएफ के जवान बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने और उन्हें राहत सामग्री मुहैया करवाने में मदद कर रहे हैं । असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह से असम के कई इलाके के रास्ते बंद हो गए हैं, जिसमें गीता नगर, सोनापुर ,काला पहाड़ और निजारापार शामिल है। भारी बारिश के कारण असम में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। असम के कई जिलों में बत्ती गुल हो गई है । जहां बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड शहर में बिजली आपूर्ति बाहर करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है । साथ ही सरकार की तरफ से पीने के पानी के टैंकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं, और राहत सामग्री मुहैया करवाया जा रहा है , वहीं सरकार की तरफ से रेड अलर्ट चेतावनी जारी होने के बाद सभी स्कूल कॉलेज अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं ।
गौरतलब हो कि असम में बाढ़ के कारण रविवार को स्थिति भयावह हो गई थी , जिसमें जानकारी के अनुसार कुल 9 लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है । मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल हैं । उसके अलावा कई लोग के घायल होने की बात भी सामने आ रही है । राज्य में अभी और बारिश का भी अनुमान जताया जा रहा है । मौसम विभाग की ओर से असम में मंगलवार से गुरुवार तक कई जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है और सोमवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है । कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं । केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के मुताबिक निमती घाट, तेजपुर, गुवाहाटी ,कामरूप धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा बराक विकी कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है तथा कामरूप एवं करीमगंज में दिन में भूस्खलन देखने को मिला था । मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा बुधवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में एनडीआरएफ टीम के साथ बाढ़ के इलाकों का जायजा करने निकले । उन्होंने कहा कि जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी । इससे पहले उन्होंने बाढ़ प्रभावित नलबाड़ी और कामरूप जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया था। साथी मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की 4 इकाइयां बचाओ अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई हैं। अधिकारियों के अनुसार भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एनडीआरएफ के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गए हैं । एनडीआरएफ की 4 इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाओ अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गए हैं । साथ ही मदद के लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है। बता दे कि जानकारी के अनुसार 1,13,485.37 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल एवं 35 लाख जानवरो पर बाढ़ का असर पड़ा है 316 सड़कें और 20 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं साथी दो तटबंध टूट गए हैं।