बिहार के रणजी क्रिकेटर शाकिब अल गनी ने फर्स्ट क्लास मैच के डेब्यू मैच में तिहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया . क्रिकेट की दुनिया मे एक और नाम और एक अनोखा रिकार्ड के साथ दर्ज किया गया Sakibul Gani ऐसा करने वाले वह दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए. यह ऐतिहासिक कारनामा कोलकाता में मिजोरम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान अंजाम दिया गया . 22 साल के शाकिब अल-गनी ने 387 गेंदों में 50 चौकों की मदद से तिहरा शतक पूरा किया.और इसी के साथ क्रिकेट के दुनिया मे एक और रिकार्ड जुड़ गया है . अंत में शाकिब अल गनी 341 रन बनाकर आउट हो गए. उन्हें इकबाल अब्दुल्ला ने त्रावर कोहली के हाथों कैच कराया. उन्होंने अपनी 405 रन की पारी में 56 चौकों और दो छक्के लगाए. इससे पहले फर्स्ट क्लास डेब्यू में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अजय राजकुमार रोहिरा के नाम है. रोहिरा ने 2018-19 के रणजी सीजन में मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए हैदराबाद के खिलाफ नाबाद 267 रन की पारी खेली |
कौन है Sakibul Gani?
बिहार के मोतिहारी में 2 सितंबर 1999 को जन्मे Sakibul Gani इससे पहले 14 लिस्ट-ए और 11 टी20 मैच खेल चुके हैं. लिस्ट ए मैचों में उन्होंने अब तक 31.41 की औसत से 337 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है. उन्होंने टी20 मैचों में 27.42 की औसत से 192 रन भी बनाए हैं.
शाकिब गनी ने चौथे विकेट के लिए बाबिल कुमार के साथ 538 रन की साझेदारी की. बाबुल कुमार ने दोहरा शतक लगाया. कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सर्वाधिक भागीदारी का रिकॉर्ड है. श्रीलंका के दोनों बल्लेबाजों ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 624 रन बनाए थे |
मां ने गहने गिरवी रख खरीदे बैट
मोतीहारी के मोहल्ला अगरवा निवासी मो. मन्नान गनी का पुत्र Sakibul Gani (22) ने विगत दो-तीन सत्र से बीसीसीआई के द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धाओं में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है. उन्होंने वर्ष 2015 में अंडर-14, 2016-17 में अंडर-19 तथा 2017 व 18 में बिहार अंडर-23 के अलावा 2019 व 2021 के विजय हजारे सीनियर ट्रॉफी, 2020 में चेन्नई और 2021 में दिल्ली में आयोजित आयोजित मुश्ताक अली (20-20) व विजय हजारे (50-50) ट्रॉफी में भी बेहतर प्रदर्शन किया था. Sakibul Gani बिहार अंडर-23 के लिए 306, 281 व 147 रन की जबरदस्त पारी खेल चुके हैं. वहीं विजय हजारे टूर्नामेंट में खेलते हुए बिहार के लिए 113 व 94 रन तथा मुश्ताक अली टूर्नामेंट में भी एक अर्द्धशतकीय पारी खेली है. साथ ही कई अवसर पर गेंदबाजी भी कर चुके है . Sakibul Gani के सपनों में रंग भरने में उनकी मां आजमा खातून ने गरीबी को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया. बैट के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे तो उसकी मां ने अपने गहने गिरवी रख कर तीन बैट खरीदे थे. सकीबुल की मां ने बताया कि परिवार में इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी. सकीबुल का बैट देते हुए उसकी मां ने कहा था, जा.. बेटा तीन बैट दे रही हूं. तीन शतक लगाकर आना,और उसने मेरी बात सच कर दिखाया शाकिबुल परिवार में छह बच्चों में सबसे छोटा है. उनकी मां अस्मा खातून ने बताया कि उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कोलकाता के लिए घर से निकलने से पहले उन्हें तीन नए बैट उपहार में दिए थे उन्होंने कहा, ‘‘अम्मा, नज़र उतर दीन (इनकी नजर उतार दो)।’’ अस्मा ने तुरंत सरसों के धुएं के साथ उनकी नजर उतारी.इसी में से एक बैट से गनी ने 341 रन बनाए |
आईपीएस अधिकारी भी साथ खेल चुके है सकिब के साथ
अम्मा ने कहा, “हम चौआ-चक्का ना बुझत रहना, लेकिन बीटा लोग के खेले से खुशी होखे ला (मुझे चौके और छक्के नहीं समझ आए लेकिन मेरे बेटों ने अच्छा खेलकर मुझे खुशी दी है), वह अब आईपीएल मैच देखती है और खेल के छक्के और चौके से ज्यादा जानती है. फैसल ने याद करते हुए कहा, “हम गांधी मैदान में क्रिकेट खेलते हुए बड़े हुए हैं.हमने जितेंद्र राणा (एक आईपीएस अधिकारी, जो यहां एसपी के रूप में लगभग 8-9 साल पहले तैनात थे तक घास काटकर पिच तैयार की थी.”
जिला क्रिकेट संघ के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम ने कहा, “अगर उचित सुविधाएं दी जाएं तो मोतिहारी में कम से कम 10 खिलाड़ी हैं जो चमक सकते हैं. ”
Shakib Al Hasan कैसे बना ‘क्रिकेट का दीवाना ‘
Sakibul Gani बचपन से ही क्रिकेट खेलता था मगर इसके प्रति उसकी दीवानगी के पीछे का राज बड़ा रोचक है. Sakibul Gani अपने बड़े भाई फैसल गनी को वर्ष 2009 में अंडर 19 खेलने के लिए पटना एयरपोर्ट छोडऩे गए थे. फैसल ने बताया कि मुझे हवाई जहाज में बैठते देख Sakibul Gani को लगा कि वह भी क्रिकेट खेलेगा तो फ्लाइट से यात्रा कर सकेगा.और उसके बाद से उसपर क्रिकेट का जुनून सवार हो गया.मोतिहारी अब गनी की ख्याति से सराबोर है, जो बिहार में बड़े पैमाने पर क्रिकेट के बुनियादी ढांचे के बावजूद एक नायक के रूप में उभरा है, अपने साथ बाधाओं का सामना करने के लिए दृढ़ता और पारिवारिक समर्थन की कहानी लेकर आया है.
सकीबुल के पिता मो. गन्नान गनी पीडीएस दुकान चलाते हैं. मो. गन्नान ने बताया कि बच्चों की परवरिश के बीच उन्होंने कभी मुफलिसी को नहीं आने दिया. उनकी मां ने गहने गिरवी रखकर बैट खरीदे. मैंने दिन-रात मेहनत कर उसकी सुविधाओं और जरूरतों का खयाल रखा. उसकी मेहनत और लोगों की दुआ रंग ला रही है. अल्लाह से दुआ है कि वह अपने देश के लिए भी खेले |
सकीबुल ने वर्ष 2021 में इंटर एग्जाम के दौरान बंगलुरू में चल रहे विजय हजारे सीनियर ट्रॉफी में भाग लेने के लिए इंटर की परीक्षा बीच में ही छोड़ दी. बडे भाई फैसल गनी बताते हैं कि सकीबुल को क्रिकेट गॉड गिफ्टेड है. पढ़ाई से ज्यादा खेल में रूचि है. यही वजह कि इंटर आर्टस का तीन पेपर की परीक्षा देने के बाद बीच में ही विजय हजारे खेलने चेन्नई रवाना हो गया था. वर्ष 2022 में भी इंटर परीक्षा नहीं दे सका, पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने सकीबुल गनी के असाधारण प्रदर्शन पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि रणजी ट्रॉफी के उपरांत सकीबुल गनी के जिला मुख्यालय पहुंचते ही जिला प्रशासन एक कार्यक्रम आयोजित कर उसे सम्मानित करेगा. इसके साथ साथ शहर भर के लोगों खास कर क्रिकेट खेल रहे युवा मे काफी जोश है . शहर भर मे चर्चा का मुद्दा छा गया है |