Saturday, October 19, 2024
HomeIndian Newsबुलडोजर की कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार -सुप्रीम कोर्ट

बुलडोजर की कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार -सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान की आड़ में दो हफ्ते से उपद्रव तथा हिंसा करने के साथ कानून-व्यवस्था का माखौल उड़ाने वालों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक नहीं लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से तीन दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में अब अगले हफ्ते सुनवाई होगी। जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहाकि, कोर्ट यूपी सरकार को निर्देश दे कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे कोई विध्वंस नहीं किया जाए। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर की कार्यवाही पर रोक नहीं लगा सकते। कोर्ट ने यूपी सरकार से 3 दिनों में जवाब देने के लिए कहा है। बुलडोजर चलाने की कार्यवाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से याचिका दायक की गई थी। SC कोर्ट ने यूपी सरकार से 3 दिन में हलफनामा मांगा। स बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की वकेशन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से हालिया अतिक्रमण अभियान को लेकर जवाब तलब किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोई भी कार्रवाई नियम के अनुसार ही चलनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन मामलों में कार्यवाही हुई है उन्हें पहले से नोटिस दिया गया। फिर चाहे वो प्रयागराज की हो या कानपुर की। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से  तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली के जहांगीरपुरी वाले मामले में भी हमारा यहीं स्टैंड था। डेमोलिशन से कोई प्रभावित पक्ष नहीं आया। उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद ने याचिका दाखिल की, जो सीधे तौर पर प्रभावित नहीं है। कोर्ट ने इस पर कहा कि प्रभावित पक्ष  पक्षकार की बात अभी नहीं करें। जब एक राजनीतिक पार्टी याचिका दाखित करती है को उसके अपने निहित स्वार्थ होते हैं। मामले की अगली सुनवाई अब अगले हफ्ते मंगलवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि कोई भी तोड़फोड़ की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया से हो. कोर्ट ने कहा कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये बदले की कार्रवाई है. अब ये कितनी सही है, हमें नहीं मालूम. ये रिपोर्ट्स सही भी हो सकती हैं और गलत भी. अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं तो कम से कम जो कुछ किया जा रहा है, वह कानून की प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 3 दिन में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने 3 दिन में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सब कुछ निष्पक्ष दिखना चाहिए। अब इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में याचिकाकर्ता के अभियान रोकने की मांग को नहीं माना और पथराव के आरोपियों के घरों को ढहाने के लिए बुलडोजर के कथित इस्तेमाल पर राज्य सरकार से जवाब मांग लिया है।  जमियत की ओर से वकील सीयू सिंह ने जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोर्ट तुंरत कार्रवाई पर रोक लगाए। कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि, रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपेरशन एक्ट के मुताबिक बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है। इस पर जस्टिस बोपन्ना ने कहा कि, नोटिस जरूरी होता है, हमें इसकी जानकारी है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments