कुछ आदतें ऐसी होती है जो हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मानसिक संताप को भी बढ़ाती है! अर्थात यदि आदतें गलत हो तो हम सेहद से भी अस्वस्थ हो जाते हैं और आदते अच्छी हो तो हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं! शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए आहार और जीवनशैली को ठीक रखना सबसे आवश्यक माना जाता है। इनमें होने वाली कोई भी गड़बड़ी कई तरह की गंभीर बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती है। पिछले कुछ समय से बढ़ती बीमारियों की सूची देखें तो स्पष्ट होता है कि ज्यादातर रोग आहार और जीवनशैली की खराबी से ही संबंधित हैं, यानी कि अगर इसमें सुधार कर लिया जाए तो जीवन को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है। हालांकि ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है कि रोजाना वह जाने-अनजाने कई ऐसे काम करते रहते हैं जिनसे बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ कहते हैं, हम सभी की कोई न कोई एक (या शायद अधिक) बुरी आदत होती है जिसे दूर करना मुश्किल होता है। कभी-कभी हमें इसका अंदाजा भी नहीं होता कि यह आदतें हमारे शरीर को गंभीर रूप से बीमार तक कर सकती हैं।
हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, प्रजनन विकार, मानसिक स्वास्थ जैसी समस्याओं के लिए जीवनशैली की गड़बड़ आदतों को ही मुख्य कारक माना जाता है।
शराब और सिगरेट के सेवन की आदत शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। कम मात्रा में भी इनके सेवन के गंभीर नुकसान हो सकते हैं। सिगरेट को फेफड़े-हृदय सहित मस्तिष्क से संबंधित कई तरह की बीमारियों का कारण माना जाता है, इसी प्रकार शराब का सेवन शरीर के कई अंगों को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है। इस आदत को छोड़कर आप कई गंभीर बीमारियों के खतरे को काफी कम कर सकते हैं।
जिन लोगों की रोजाना रात में नींद पूरी नहीं होती है या जो रोज रात में 6 घंटे से कम सोते हैं उनकी उत्पादकता और कार्यक्षमता पर नकारात्मक असर देखा जा सकता है। नींद की कमी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, अवसाद, दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकती है। वयस्कों को हर रात 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। कोशिश करें कि जल्दी सो जाएं और पर्याप्त नींद लें ताकि आपका शरीर बेहतर तरीके से काम कर सके।
व्यायाम की कमी या एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने की आदत आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक मानी जाती है। गतिहीन जीवनशैली न केवल मांसपेशियों को कमजोर करती है बल्कि कई प्रकार के अन्य बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देती है। ऐसे लोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर,मोटापा, हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या काफी अधिक होती है।