लिवर की खराबी दे सकती है, कई रोगों को जन्म!

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आमतौर पर वर्तमान में सभी लोगों को लिवर की कोई ना कोई समस्या जरूर हो जाती है, 

इस समय वैश्‍व‍िक महामारी के साथ और भी कई बीमार‍ियां बढ़ रही हैं जैसे पीलिया या जॉन्‍ड‍िस ज‍िसका सीधा संबंध ल‍िवर से है

जॉन्‍ड‍िस या पील‍िया का ल‍िवर से क्‍या संबंध है? इस समय पूरा व‍िश्‍व वैश्‍व‍िक महामारी कोव‍िड का सामना कर रहा है पर ऐसा नहीं है कि बाक‍ि रोगों ने अपनी पकड़ कमजोर कर ली है। बाक‍ि रोग भी तेजी से फैल रहे हैं ज‍िनमें से एक है पील‍िया या जॉन्‍ड‍िस। ये बीमारी गर्मी के द‍िनों में ज्‍यादा देखने को म‍िलती है। जॉन्‍ड‍िस या पीलिया का सीधा संबंध ल‍िवर से है। अगर आपका ल‍िवर कमजोर है तो आपको पील‍िया होने की आशंका बढ़ जाती है वहीं अगर आपको पील‍िया है तो आपके ल‍िवर पर इसका असर देखने को म‍िलता है इसल‍िए दोनों का आपस में संबंध है। अगर आपको पील‍िया से बचना है तो ल‍िवर को स्‍वस्‍थ्‍य रखना जरूरी है। पील‍िया होने पर बुखार आता है, आपको भूख कम लगती है, त्‍वचा और आंखें पीली हो जाती हैं और थकान महसूस होती है।

ल‍िवर हमारे पेट की दायीं ओर और पसल‍ियों के नीचे होता है। ल‍िवर हमारे मेटाबॉल‍िज्‍म को ठीक रखता है। ये खाना और पोषक तत्‍व पचाता है। पील‍िया या जॉन्‍ड‍िस होने पर ल‍िवर पर इफेक्‍ट पड़ता है और कमजोर ल‍िवर है तो पील‍िया होने की आशंका बढ़ जाती है इसल‍िए दोनों का आपस में संबंध है। ल‍िवर ग्‍लूकोज को स्‍टोर करके रखने का काम करता है। जब हमें एनर्जी की जरूरत होती है ये ग्‍लूकोज र‍िलीज करता है। ल‍िवर में मौजूद बाइल एक ल‍िक्‍व‍िड है जो शरीर की गंदगी को बाहर करता है और छोटी आंत में फैट को पचाने में मदद करता है। ये शरीर को कई बीमार‍ियों से बचाता है। ल‍िवर की खास‍ियत है क‍ि इसकी कोश‍िकाएं बीमारी से इफेक्‍ट होने के बाद भी काम करती रहती हैं क्‍योंक‍ि वे खुद दोबारा बनना शुरू हो जाती हैं। लेक‍िन इसका ये मतलब नहीं है क‍ि हम ल‍िवर का ध्‍यान न रखें, उसे स्‍वस्‍थ रखना जरूरी है। ल‍िवर में अगर ज्‍यादा नुकसान होगा तो आंत या पेट से खून न‍िकल सकता है और मरीज कोमा में जा सकता है इसल‍िए इस बीमारी को हल्‍के में न लें। 

पील‍िया होने पर आपको हल्‍का भोजन लेना है, आराम करना है। इससे पील‍िया हफ्ते भर या एक महीने में ठीक हो जाएगा। बीमारी का अंतराल इस बात पर न‍िर्भर करता है क‍ि आपकी इम्‍यूनिटी क‍ितनी मजबूत है। इसके साथ ही आपको अपने ल‍िवर को भी हेल्‍दी रखना है। लापरवाही बरतने पर स्‍थ‍ित‍ि गंभीर हो सकती है। चल‍िए जानते हैं पील‍िया से बचने के ल‍िए ल‍िवर को हेल्‍दी रखने के कुछ ट‍िप्‍स, आपको पील‍िया से बचना है तो ल‍िवर को फैटी होने से बचाना है उसके ल‍िए आपको मोटापे से बचना होगा, इससे फैटी ल‍िवर, हेपेटाइट‍िस, सिरोस‍िस जैसी बीमार‍ियां भी हो सकती हैं। 

हम जो कुछ खाते हैं उसमें मौजूद फैट हमारे शरीर में जमा हो जाता है ज‍िसमें व‍िटाम‍िन मौजूद होते हैं, अगर आप व‍िटाम‍िन ई, डी, ए, के का सेवन ज्‍यादा करेंगे तो लि‍वर इफेक्‍ट होगा इसल‍िए ज्‍यादा व‍िटाम‍िन लेने से बचें। 

कोई भी बीमारी होने पर दवाएं खुद से न लें, इससे ल‍िवर पर असर पड़ सकता है। दवाएं ल‍िवर के जरिए शरीर से बाहर न‍िकलती है इसल‍िए उनका साइड इफेक्‍ट ल‍िवर पर पड़ सकता है। 

हेपेटाइट‍िस ए, सी, डी, ई से भी ल‍िवर खराब हो सकता है इसल‍िए आपको वैक्‍सीन लगवानी है और दूष‍ित पानी से दूर रहना है साथ ही अपनी चीजों को क‍िसी के साथ शेयर नहीं करना है इससे बीमारि‍यां फैलती हैं। 

अध‍िक मात्रा में एल्‍कॉहोल लेने से ल‍िवर प्रभाव‍ित होता है और पील‍िया हो सकता है इसल‍िए इसका सेवन न करें। एल्‍कॉहोल से टॉक्‍स‍िकेशन होता है और वो ल‍िवर को खराब कर सकता है।

जॉन्‍ड‍िस या पील‍िया का ल‍िवर से क्‍या संबंध है? इस समय पूरा व‍िश्‍व वैश्‍व‍िक महामारी कोव‍िड का सामना कर रहा है पर ऐसा नहीं है कि बाक‍ि रोगों ने अपनी पकड़ कमजोर कर ली है। बाक‍ि रोग भी तेजी से फैल रहे हैं ज‍िनमें से एक है पील‍िया या जॉन्‍ड‍िस। ये बीमारी गर्मी के द‍िनों में ज्‍यादा देखने को म‍िलती है। जॉन्‍ड‍िस या पीलिया का सीधा संबंध ल‍िवर से है। अगर आपका ल‍िवर कमजोर है तो आपको पील‍िया होने की आशंका बढ़ जाती है वहीं अगर आपको पील‍िया है तो आपके ल‍िवर पर इसका असर देखने को म‍िलता है इसल‍िए दोनों का आपस में संबंध है। अगर आपको पील‍िया से बचना है तो ल‍िवर को स्‍वस्‍थ्‍य रखना जरूरी है। पील‍िया होने पर बुखार आता है, आपको भूख कम लगती है, त्‍वचा और आंखें पीली हो जाती हैं और थकान महसूस होती है।

 पील‍िया या जॉन्‍ड‍िस होने पर बुखार आता है।  

जॉन्‍ड‍िस होने पर त्‍वचा और आंखों का रंग पीला पड़ जाता है।

इसके अलावा पेट में दर्द और सूजन भी होती है।

कुछ लोगों को स्‍टूल में खून भी आ जाता है।

पील‍िया से पीड़‍ित मरीज को थकान महसूस होती है।

पील‍िया में भूख लगना बंद होती है।  

ल‍िवर हमारे पेट की दायीं ओर और पसल‍ियों के नीचे होता है। ल‍िवर हमारे मेटाबॉल‍िज्‍म को ठीक रखता है। ये खाना और पोषक तत्‍व पचाता है। पील‍िया या जॉन्‍ड‍िस होने पर ल‍िवर पर इफेक्‍ट पड़ता है और कमजोर ल‍िवर है तो पील‍िया होने की आशंका बढ़ जाती है इसल‍िए दोनों का आपस में संबंध है। ल‍िवर ग्‍लूकोज को स्‍टोर करके रखने का काम करता है। जब हमें एनर्जी की जरूरत होती है ये ग्‍लूकोज र‍िलीज करता है। ल‍िवर में मौजूद बाइल एक ल‍िक्‍व‍िड है जो शरीर की गंदगी को बाहर करता है और छोटी आंत में फैट को पचाने में मदद करता है। ये शरीर को कई बीमार‍ियों से बचाता है। ल‍िवर की खास‍ियत है क‍ि इसकी कोश‍िकाएं बीमारी से इफेक्‍ट होने के बाद भी काम करती रहती हैं क्‍योंक‍ि वे खुद दोबारा बनना शुरू हो जाती हैं। लेक‍िन इसका ये मतलब नहीं है क‍ि हम ल‍िवर का ध्‍यान न रखें, उसे स्‍वस्‍थ रखना जरूरी है। ल‍िवर में अगर ज्‍यादा नुकसान होगा तो आंत या पेट से खून न‍िकल सकता है और मरीज कोमा में जा सकता है इसल‍िए इस बीमारी को हल्‍के में न लें।