क्या 60 साल की उम्र के बाद भी कर सकते हैं योगाभ्यास?

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senior woman exercising in gym on mat, with the weight of her boy on one knee and on one hand, the other leg and arm is outstretched. in background there are mats and balls

योग किसी भी उम्र में किया जा सकता है यह फायदेमंद ही होता है !लेकिन 60 साल की उम्र के बाद एक ऐसी स्टेज आ जाती है जब आपका शरीर अधिकतर काम करना बंद कर देता है! शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से योगासन-व्यायाम करना बहुत आवश्यक माना जाता है। योग, शारीरिक और मानसिक फिटनेस को बनाए रखने के साथ हड्डियों के स्वस्थ रखने और उम्र के साथ होने वाली कई तरह की समस्याओं के जोखिम को कम करने में काफी कारगर हो सकते हैं। शोध बताते हैं कि दिनचर्या में रोजाना 30 मिनट के योग-व्यायाम को शामिल करके आप शरीर को आसानी से सक्रिय बनाए रख सकते हैं, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों की कई तरह की समस्याओं का जोखिम स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या  60 साल की आयु के बाद भी योग किया जा सकता है?

योग विशेषज्ञ कहते हैं, बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक सक्रियता पर ध्यान देना और भी आवश्यक हो जाता है, इसके लिए योग-व्यायाम के अभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद हो सकती है। 60 साल की आयु वाले लोगों को भी अपने सेहत और क्षमता के अनुसार विशेषज्ञों की सलाह और निगरानी में नियमित योगाभ्यास की आदत बनानी चाहिए।

यह आदत आपको कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं जैसे गठिया, अंगों में दर्द आदि से बचाने के साथ याददाश्त और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी सहायक है।

उम्र बढ़ने के साथ होने वाली जटिलताओं को कम करने और शरीर को फिट बनाए रखने के लिए सभी लोगों नियमित रूप से चेयर पोज योग का अभ्यास करना चाहिए। 60 साल की आयु वाले लोग दीवार का सहारा लेकर भी इस योग का अभ्यास करके लाभ पा सकते हैं।

यह योगासन शरीर के लचीलेपन में सुधार करने के साथ अंगों में होने वाले दर्द के प्रबंधन और बेहतर रक्त परिसंचरण बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह योग शरीर के संतुलन में सुधार करने के साथ पैरों और घुटनों की समस्याओं को कम करने में भी सहायक है।

60 साल की आयु वाले लोगों में अक्सर शारीरिक संतुलन में कमी की समस्या देखने को मिलती है। ट्री पोज योग की आदत बनाकर आपको इसमें लाभ मिल सकता है। ट्री पोज़ आपके पोश्चर और शरीर के एलाइन्मेंट में सुधार करने में सहायक है। उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने में इस योगाभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभदायक हो सकती है।

वरिष्ठजनों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में प्राणायाम के अभ्यास की आदत विशेष लाभकारी हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ अल्जाइमर जैसी याददाश्त से संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक होता है, नियमित प्राणायाम का अभ्यास करके इससे बचा जा सकता है। प्राणायाम की आदत बनाकर आप मन को शांत रखने, प्रसन्न रहने और चिंता विकारों को दूर रखने में सफल हो सकते हैं।