Saturday, March 15, 2025
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क्या शिवसेना पर हो सकता है कब्जा?

महाराष्ट्र में अब शिवसेना के पद की कवायद चल रही है! उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल करने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर कब्जे की ओर अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। बीते सोमवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने पुरानी कमेटी को बर्खास्त कर नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इस बीच संजय राउत ने किसी का नाम न लेते हुए एकनाथ शिंदे पर तंज कसा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर शायराना अंदाज में लिखा है कि “फन कुचलने का हुनर भी सीखिए, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते।” इस ट्वीट के अंत में उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में ‘जय महाराष्ट्र!!’ भी लिखा। दरअसल, उद्धव ठाकरे इन दिनों शिवसेना पर कंट्रोल के लिए जूझ रहे हैं। वह और उनकी पार्टी बीच मझधार में फंसी हुई है। पहले ही 55 में से 40 विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। इसके अलावा पार्षदों ने भी बागवत कर दी है। वहीं सांसदों के भी शिंदे गुट के संपर्क में होने की खबर है। इससे पहले सांसद संजय राउत ने शिंटे गुट पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, “शिवसेना से टूटे हुए लोगों के गुट ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बना ली और हमारी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया…आप लोग (एकनाथ शिंदे गुट) टूट कर अलग चले गए। 20 तारीख से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी कि आप विधायक रहेंगे या नहीं और आप हमें ही बर्खास्त कर रहे हैं।

सोमवार को होटल ट्राईडेंट में हुई शिंदे गुट के विधायकों की बैठक में शिवसेना के 14 सांसदों ने भी ऑनलाइन हिस्सा लिया। शिवसेना के कुल 18 सांसद हैं जिसमे से 14 के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि दक्षिण-मध्य मुंबई के सांसद राहुल शेवाले लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता बनाए जा सकते हैं। वहीं, भावना गवली को मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा सकता है। उद्धव ठाकरे ने हाल में ही भावना गवली को इस पद से हटा दिया था।दरअसल गौर किया जाए तो वे यह संदेश वे शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को देना चाह रहे हैं. सोमवार को तेजी से बदलते घटनाक्रमों पर आश्चर्यजनक रूप से उद्धव ठाकरे ने खामोशी बरती है. उन्होंने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वे अब बिखरी हुई चीजों को समेटने की कोशिश करते हुए भी दिखाई नहीं दे रहे हैं. सोमवार को शिंदे गुट ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को ही बर्खास्त कर दिया. नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया. लेकिन उद्धव ठाकरे ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. संजय राउत शायद उन्हें यह नसीहत देना चाह रहे हों कि लड़ाई से पीछे हटने की जरूरत नहीं है. शिंदे गुट के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता के मामले की 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. यानी वो यह कहना चाह रहे हों कि अभी तो ये अंगडाई है, बाकी बहुत लड़ाई है!

जंगल नहीं छोड़ा करते…उद्धव ठाकरे के लिए कहा है ?

सोमवार के घटनाक्रमों को लेकर संजय राउत ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और इस पूरे मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. संजय राउत की सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके अलावा उद्धव ठाकरे के साथ रह गए बाकी छह सांसद भी मौजूद थे. बस उद्धव ठाकरे मौजूद नहीं थे. इनती तेजी से बदलती घटनाओं को लेकर उन्होंने मीडिया से बात नहीं की. आगे की उनकी रणनीति का कोई खुलासा नहीं किया. ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे को राजनीति से वैराग्य सा हो गया है, जिससे पीछे खींचने के लिए संजय राउत ने अपने शेर में कहा है कि ‘सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते…’

इससे पहले सांसद संजय राउत ने शिंटे गुट पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, “शिवसेना से टूटे हुए लोगों के गुट ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बना ली और हमारी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया…आप लोग (एकनाथ शिंदे गुट) टूट कर अलग चले गए। 20 तारीख से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी कि आप विधायक रहेंगे या नहीं और आप हमें ही बर्खास्त कर रहे हैं।

सोमवार को होटल ट्राईडेंट में हुई शिंदे गुट के विधायकों की बैठक में शिवसेना के 14 सांसदों ने भी ऑनलाइन हिस्सा लिया। शिवसेना के कुल 18 सांसद हैं जिसमे से 14 के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि दक्षिण-मध्य मुंबई के सांसद राहुल शेवाले लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता बनाए जा सकते हैं। वहीं, भावना गवली को मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा सकता है। उद्धव ठाकरे ने हाल में ही भावना गवली को इस पद से हटा दिया था।

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