Friday, October 18, 2024
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क्या योग कर सकता है पाचन तंत्र को सही? जानिए!

सामान्य तौर पर योग हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाता है! शरीर के बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए पाचन स्वास्थ्य का ठीक रहना काफी आवश्यक माना जाता है। भोजन के पाचन से लेकर पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण तक में पाचन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हालांकि कई कारणों से पिछले कुछ वर्षों में लोगों का पाचन स्वास्थ्य काफी गड़बड़ होता देखा जा रहा है। पाचन से संबंधित कई तरह की बीमारियों का निदान किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं जिन लोगों का पाचन स्वास्थ्य ठीक नहीं होता है उनमें कई तरह की अन्य समस्याओं का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है, इसलिए सभी लोगों को इस दिशा में विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि हम अपने दिनचर्या में योगासनों को शामिल कर लेते हैं तो पाचन से संबंधित कई तरह की समस्याओं के जोखिम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। योगासन, पेट की अंगों की मालिश करने के साथ उनके कार्यों को आसान बनाते हैं। कई अध्ययनों में जिक्र मिलता है कि योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाकर लिवर, आंत और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है जो पाचन क्रिया को ठीक बनाए रखने में विशेष भूमिका निभा सकते हैं।

पेट की कई तरह की समस्याओं से राहत पाने के लिए पश्चिमोत्तासन योग का अभ्यास करने को विशेषज्ञ काफी लाभकारी मानते हैं। पश्चिमोत्तासन को गैस और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करने वाला अभ्यास माना जाता है। पेट की चर्बी को कम करने के साथ पेट के अंगों की मालिश करने के लिए इस योग के अभ्यास की आदत बनाना काफी फायदेमंद माना जाता है। पश्चिमोत्तासन योग हर उम्र के लोग कर सकते हैं।

बालासन या चाइल्ड पोज के अभ्यास की आदत पेट, पीठ और कमर की समस्याओं से राहत दिलाने में काफी कारगर मानी जाती है। दिमाग को शांत करने के साथ यह योग मुद्रा आपकी जांघों, कूल्हों और लसीका तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। बालासन योग पाचन तंत्र को ठीक रखने और लिवर-किडनी की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए सबसे प्रभावी अभ्यास माना जाता है।

पेट की तमाम तरह की समस्या जैसे गैस, कब्ज और अपच आदि की दिक्कतों से राहत दिलाकर पाचन को आसान बनाने के लिए पवनमुक्तासन योग विशेष लाभकारी माना जाता है। आपके पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करने के साथ पेट से संबंधित कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए पवनमुक्तासन योग की आदत बनाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

जब आपका पेट गैस और एसिडिटी से भर जाता है, तो आप खुद को असहाय और परेशान महसूस करती होंगें। उस समय आप कितने परेशान हैं, यइ किसी को बता भी नहीं पाते। जब पेट में दर्द होता है, तो कब्ज भी होने लगती  है? अगर ऐसा कुछ है जिससे आप नियमित रूप से पीड़ित हैं, तो हमें यकीन है कि आप एंटासिड पर निर्भर होंगेी। लेडीज़, अब उस आदत से छुटकारा पाएं क्योंकि हमें आपके लिए एक प्राकृतिक इलाज मिल गया है।

दुर्भाग्य से, हमारे गतिहीन जीवन और खाने की आदतों के कारण, अपच हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है। कभी-कभी, दर्द और असुविधा इतनी ज्‍यादा हो जाती है कि आप इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं! यह विशेष रूप से बुजुर्ग आबादी के बीच आम है, क्योंकि वे अपनी उम्र के कारण बहुत कम शारीरिक गतिविधि कर पाते हैं।

1.अपनी पीठ के बल या अपने शरीर के बगल में अपनी बाहों के साथ लेट जाएं।

2.श्वास छोड़ते हुए अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर लाएं, और अपनी जांघों को अपने पेट पर रखें। 

3.श्वास लें और सांस छोड़ते हुए, अपने सिर को फर्श से ऊपर उठाएं, अपनी ठुड्डी या माथे को अपने घुटनों को छूने दें।

4.इस मुद्रा को तब तक जारी रखें जब तक आप गहरी, लंबी सांस अंदर और बाहर लेते हैं।

5.शुरू की स्थिति में वापस आने के लिए इस मुद्रा को धीरे – धीरे छोड़ें। पहले अपना सिर नीचे लाएं।

6.और फिर अपने पैरों को 2-3 राउंड के लिए दोहराएं और फिर आराम करें।

योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर के अनुसार, पवनमुक्तासन का अभ्यास पाचन को बेहतर बनाने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इस मुद्रा को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि हवा से राहत देने वाली मुद्रा और यहां तक कि गैस रिलीज करने वाली मुद्रा।

यह पेट की चर्बी कम करने और आपके चयापचय को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छे आसनों में से एक माना जाता है। मनपसंद खाने को कम करने, नियमित रूप से मल त्याग को बढ़ावा देने और वजन घटाने में सहायता करने के लिए अपनी दैनिक दिनचर्या में पवनमुक्तासन को शामिल करें।

1.यदि आपको उच्च रक्तचाप, हर्निया, स्लिप डिस्क, हृदय की समस्याएं, गर्दन और पीठ आदि में समस्‍या है, तो यह आसन आपके लिए नहीं है। 

2.यदि आप गर्भवती हैं या मासिक धर्म हैं, तो इस मुद्रा को न करें।

इसलिए सखियों, अपने आप को पेट में बढ़ती गैस के कारण शर्मिंदा न होने दें और इस आसन का हर रोज अभ्‍यास करें।

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