अति किसी भी चीज की हो, वह नुकसानदायक ही होती है! लेकिन यदि खाने पीने की वस्तुओं में भी आप अति करने लगेंगे तो वह और भी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है! हम किस तरह के आहार का सेवन करते हैं, यह सीधे तौर पर हमारी सेहत को प्रभावित करता है। यही कारण है कि अध्ययनों में विशेषज्ञ सभी लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के सेवन की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक भोजन हमेशा स्वस्थ-पौष्टिक और ताजा हो, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। विशेषकर गर्मियों के इस मौसम में भोजन से संबंधित बरती गई जरा सी भी लापरवाही फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकती है। स्वस्थ भोजन के सेवन को बढ़ावा देने और खाद्य जनित जोखिमों को रोकने के उद्देश्य से हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
देश में खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान आधारित मानकों को निर्धारित करने और उनके निर्माण, भंडारण, वितरण आदि को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण विशेष निगरानी करता है। खाद्य सुरक्षा से संबंधित रिपोर्ट के अनुसार, 113 देशों के जीएफएस इंडेक्स 2021 में भारत 57.2 अंकों के के साथ 71वें स्थान पर रहा। यह इंडेक्स खाद्य सुरक्षा के विभिन्न मानकों को निर्धारित करती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि हम में से ज्यादातर लोग अक्सर ऐसी चीजों का सेवन करते हैं, जो स्वाद के लिए तो अच्छे होते हैं, पर इनसे गंभीर बीमारियों के पनपने का जोखिम हो सकता है। इतना ही नहीं कुछ खाद्य पदार्थ तो कैंसर और पेट की गंभीर समस्याओं के खतरे को कई गुना तक बढ़ा देते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को हमेशा स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के सेवन का ही चयन करना चाहिए।
हम में से ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत नाश्ते में व्हाइट ब्रेड और इससे बनी हुई चीजों से होती है। हालांकि सेहत के लिहाज से इसे विशेषज्ञ हानिकारक मानते हैं। व्हाइट ब्रेड, रिफाइंड गेंहू से बनाई जाती है, जिसमें न सिर्फ पौष्टिकता की कमी होती है, साथ ही इसका अधिक सेवन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है।
इसके अलावा शोध में पाया गया है कि रिफाइंड ब्रेड का अधिक सेवन करने वाले लोगों में पेट की चर्बी बढ़ने का भी खतरा अधिक होता है। ऐसे में व्हाइट ब्रेड की जगह अनाज युक्त ब्राउन ब्रेड का सेवन करना ज्यादा अच्छा माना जाता है!
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फलों और इसके जूस के सेवन की बार-बार सलाह दी जाती है, पर इसके लिए ताजा फलों के रस को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। पैक्ड फ्रूट जूस में अधिक मात्रा में फ्रुक्टोज (एक प्रकार की चीनी) हो सकती है। फ्रुक्टोज की अधिकता इंसुलिन प्रतिरोध और लिवर डैमेज जैसी समस्याओं का कारक मानी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ पैक्ड फ्रूट जूस की जगह ताजे फलों के रस के सेवन की सलाह देते हैं।
अधिक मात्रा में मीठी चीजों के खाने-पीने की आदत आपकी सेहत को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाती है। अधिकांश मीठे खाद्य में रिफाइंड शुगर, मैदा और अतिरिक्त फैट वाली चीजों की अधिकता होती है। ऐसी चीजों के अधिक सेवन से वजन बढ़ने और पेट की तमाम समस्याओं का खतरा भी अधिक हो सकता है। रिफाइंड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण हृदय रोगों का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है।