शरीर में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनकी कमी के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है! शरीर को व्यवस्थित ढंग से काम करते रहने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की नियमित रूप से आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों के संतुलन में आने वाली कमी कई प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकती है। कॉपर ऐसा ही एक आवश्यक ट्रेस मिनरल है जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक माना जाता है। कॉपर शरीर के सभी ऊतकों में पाया जाता है और मुख्यरूप से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और तंत्रिका कोशिकाओं तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को आहार में उन चीजों को शामिल करने की सलाह देते हैं जिससे शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्वों की आसानी से पूर्ति की जा सके।
अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में कॉपर की अधिकता और कमी, दोनों ही स्थितियां शारीरिक कार्यों, विशेषकर मस्तिष्क के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। जिन लोगों में कॉपर की कमी होती है उनमें मेनकेस और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि आहार के माध्यम से आसानी से कॉपर की पूर्ति की जा सकती है। 20 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों को 1,400 माइक्रोग्राम और महिलाओं के लिए 1,100 माइक्रोग्राम की मात्रा में इस पोषक तत्व की रोजाना जरूरत होती है। कई प्रकार की सब्जियों जैसे कद्दू, आलू, टमाटर आदि से इसकी आसानी से पूर्ति की जा सकती है। इसके अलावा पत्तेदार साग जैसे स्विस चर्ड और पालक आसानी से आपके कॉपर की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। हड्डियों से संबंधित समस्या जैसे गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस रोगों से बचाव के लिए कॉपर वाले आहार का सेवन करना विशेष लाभप्रद हो सकता है। पशुओं पर किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि कॉपर युक्त आहार गठिया को रोकने में मदद कर सकते हैं। पहले लोग इसी कारण से तांबे के कंगन पहनते थे। आहार में इसकी मात्रा को सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक माना जाता है। कॉपर की कमी की स्थिति में शरीर क्षतिग्रस्त ऊतकों को ठीक नहीं कर पाता है।
कॉपर हमारे शरीर के प्रमुख संरचनात्मक घटकों जैसे कोलेजन और इलास्टिन को व्यवस्थित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि कॉपर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा की उम्र बढ़ने को रोकने में मदद कर सकते हैं। कॉपर की कमी की स्थिति में शरीर क्षतिग्रस्त ऊतकों को ठीक नहीं कर पाता है।
शरीर की इम्युनिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए कॉपर की महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है। इसकी कमी के कारण न्यूट्रोपेनिया होने का खतरा बढ़ सकता है। न्यूट्रोपेनिया, सफेद रक्त कोशिकाओं या न्यूट्रोफिल की कमी की स्थिति है, ये संक्रमण से मुकाबले के लिए आवश्यक होता है। न्यूट्रोफिल में कमी के कारण व्यक्ति में संक्रामक रोग होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।
आजकल हर कोई इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में अगर आप अपनी डाइट में कॉपर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो इससे आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रख सकते हैं। शरीर में पर्याप्त मात्रा में तांबे की कमी न होने के कारण किसी को भी न्यूट्रोपेनिया हो सकता है, जिसके कारण श्वेत रक्त कोशिकाएं भी कम होने लगती है। इसके कारण आप कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप चयापचय को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कई तरह के फूड्स है जो आपके लिए बहुत जरूरी है, कॉपर से युक्त खाद्य पदार्थ आपके चयापचय को हमेशा बढ़ावा देते हैं जो आपको वजन कम कनरे में भी मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही ये आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा भी प्रदान करते हैं जिसकी मदद से आप खुद को दिनभर एक्टिव रख सकते हैं। आफको बता दें कि तांबे से भरपूर खाद्य पदार्थों को चयापचय के समर्थन के लिए माना जाता है। नट्स में भारी मात्रा में कॉपर मौजूद होता है जो आपको आसानी से स्वस्थ रखने में मदद करता है। आप असानी से अपनी डाइट में नट्स को शामिल कर सकते हैं।
झींगा मछली भी लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती है, इसमें कई तरह के जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिसकी मदद से आप खुद को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। झींगा मछली में भी भारी मात्रा में कॉपर मौजूद होता है। आप झींगा को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
पत्तेदार साग आपको कई तरह से स्वस्थ रख सकता है, क्योंकि इसमें कई जरूरी पोषण मौजूद होते हैं जैसे- विटामिन्स, फाइबर और कैल्शियम। जो आपको स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
डार्क चॉकलेट में काफी मात्रा में कोको होता है, इसके साथ ही इसमें भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और कई दूसरे पोषण मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।