नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुंबई में विध्वंसक आईएनएस ‘उदयगिरि’ एवं सूरत को लॉन्च किया। इस मौके पर नौसेना के जवानों एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बात में अब कोई संदेह नहीं है कि भारत अपने लिए युद्धपोतों का निर्माण करने के साथ-साथ दुनिया के लिए इसका निर्माण करेगा। हमारा उद्देश्य केवल ‘मेक इन इंडिया’ ही नहीं बल्कि ‘मेक फॉर वर्ल्ड है। फ्रंटलाइन युद्धपोत ‘सूरत’ (प्रोजेक्ट 15बी डिस्ट्रॉयर) और ‘उदयगिरी’ (प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट) अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं। आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15बी का चौथा युद्धपोत और प्रोजेक्ट 15ए यानि कोलकता-क्लास डेस्ट्रोयर युद्धपोत के मुकाबले एक बड़ा मेकओवर है। युद्धपोत सूरत को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है और इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक-राजधानी सूरत के नाम पर रखा गया है। सूरत को मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉमर्शियिल-हब माना जाता है।P17A कार्यक्रम के तहत कुल सात जहाज निर्माणाधीन हैं, जिनमें से 04 एमडीएल में और 03 जीआरएसई में हैं। इस परियोजना में स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में पहली बार विभिन्न नई अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों जैसे एकीकृत निर्माण, मेगा ब्लॉक आउटसोर्सिंग, परियोजना डेटा प्रबंधन परियोजना जीवनचक्र प्रबंधन आदि को लागू किया गया है।युद्धपोत ‘उदयगिरी’ (फ्रिगेट), जिसका नाम आंध्र प्रदेश में पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखा गया है, प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा जहाज है। यह उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। यह युद्धपोत उदयगिरी के पिछले संस्करण का दूसरा रूप है जिसने 18 फरवरी 1976 से 24 अगस्त 2007 तक तीन दशकों की अपनी सेवा में कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में 50 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां बन रही हैं, और भारतीय नौसेना में लगभग 150 जहाज और पनडुब्बियां पहले से ही शामिल हैं। आत्मनिर्भरता पर बोलते हुए, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने दिसंबर 2021 में कहा था कि पिछले सात वर्षों में, नौसेना में शामिल सभी 28 जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण भारत द्वारा किया गया। इस श्रेणी का पहला जहाज 2021 में नौसेना में शामिल किया गया था। दूसरे और तीसरे जहाजों का जलावतरण हो चुका है और वे परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं। ‘उदयगिरि’ पोत का नाम आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा पोत है। यह पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है जिसमें बेहतर हथियार और सेंसर तथा मंच प्रबंधन प्रणाली लगी हैं। 15बी और पी17ए दोनों जहाजों का डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है।