हाल ही में खालिस्तान भारत को दहलाना चाहता था! पाकिस्तान की तरफ से हमेशा देश में आतंकवाद फैलाने की साजिश होती रहती है, लेकिन अब खालिस्तान भी रच रहा है देश को दहलाने की साजिश। देश की राजधानी दिल्ली में बम धमाके करने का प्लान तैयार किया गया और ये प्लानिंग हुई सात समंदर पार कनाडा से। कनाडा में बैठे पंजाब के एक गैंगस्टर ने दिल्ली में आतंकी हमले को अंजाम देने की पूरी तैयारी कर ली थी। दिल्ली पुलिस ने किशन और गुरविंदर नाम के दो 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने हैंड ग्रेनेड, एक पिस्टल और पांच कारतूस बरामद किए हैं। दिल्ली पुलिस को खुफिया एजेंसियों से इनके बारे में सूचना मिली थी जिसके आधार पर कल देर रात छापे मारे गए जिसके बाद ये दो शूटर गिरफ्तार हुए। बताया जा रहा है कि ये दोनों शूटर पंजाब में कांग्रेस नेता और सरपंच की हत्या करके दिल्ली में छुप गए हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान से इन दोनों गिरफ्तार किया गया!
खुफिया एजेंसियों की जानकारी के मुताबिक ये दोनों शूटर कनाडा में बैठे आतंकी अर्शदीप डाला के है और ये दिल्ली में हमला करने के मकसद से यहां छुपे हुए थे। कौन है ये अर्शदीप डाला और क्यों ये दिल्ली में आतंकी हमले करवाना चाहता है। हम आपको बता दे देश का दुश्मन बन चुका अर्श डाला पंजाब के मोगा का रहने वाला है और लंबे समय से कनाडा में छुपा हुआ है। खालिस्तान टाइगर फोर्स केटीएफ से जुड़े अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला को सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है। अर्श डाला के इसी साल जून में मारे गए आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर से करीबी संबंध रहे हैं और ये दोनो मिलकर ही देश में दहशत फैलाने साजिश रच रहे थे।
अर्श डाला पहले पंजाब में गैंगस्टर हुआ करता था और उसपर हत्या, लूटपाट, किडनैपिंग जैसे कई मामले दर्ज हैं। बाद में वो कनाडा फरार हो गया और वही से अपना नेटवर्क चलाने लगा। अब ये कनाडा में रहकर ही टारगेट किलिंग, एक्सटॉर्शन, टेरर फंडिंग, हत्या की कोशिश, अलग-अलग समुदायों में नफरत और पंजाब के लोगों में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। इतना ही नहीं इसका सबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर से भी है। ये पाकिस्तान के जरिए देश में हथियारों की तस्करी करवाता है।
निज्जर के साथ मिलकर अर्श डाला ने एक आतंकी संगठन तैयार किया है। इसमें 700 से ज्यादा शूटर हैं। पंजाब के लड़कों को बहला फुसलाकर ये अपने गैंग का हिस्सा बनाता है। उन्हें कनाडा आने का लालच दिया जाता है और इसके बदले देश में दहशत फैलाने का काम सौंपा जाता है। पाकिस्तान से इस गैंग के लिए हथियार आते हैं और उन्हें फंडिंग भी होती है। अर्शदीप उर्फ अर्श डाला के खिलाफ सरकार ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। बता दें कि पंजाब में आए दिन खालिस्तान समर्थकों द्वारा कानून तोड़ा जा रहा है। पुलिस पर हमला हो रहा है। बड़े नेताओं को अटैक की धमकी मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, ऐसी घटनाओं पर नजर रखे हुए है। जानकारों का कहना है कि पंजाब में जो कुछ चल रहा है, वह ठीक नहीं है। ‘खालिस्तान’ पर आंखें मूंदना, बहुत महंगा पड़ सकता है। पंजाब में लंबे समय तक इंटेलिजेंस से जुड़े रहे एक अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, खालिस्तान को लेकर सियासतदानों की ‘सॉफ्ट’ पॉलिसी, राज्य की युवा पीढ़ी को तबाही के रास्ते पर ले जा सकती है।
यहि नहीं पंजाब के अजनाला में पुलिस और खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के लोगों के बीच बड़ी झड़प हो गई। हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। उनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। वे लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी तूफान सिंह की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। बाद में पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का एलान कर दिया। उससे पहले उग्र भीड़ थाने के भीतर घुस आई। इस झड़प में करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। दूसरे पक्ष के लोगों को भी चोट लगने की बात कही जा रही है। अमृतपाल के समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
पूर्व आईपीएस अधिकारी बताते हैं कि शासन प्रशासन की जरा सी ढिलाई, अस्सी के दौर वाली मिलिटेंसी का दौर लौटा सकती है। खालिस्तान को पड़ोसी मुल्क से तो समर्थन मिल ही रहा है, मगर बड़ी बात यह है कि अपने ही देश में उनका अपना कोई तो मददगार है। पिछले कुछ वर्षों से पंजाब में खालिस्तान विंग अपना विस्तार कर रही है। अधिकांश जिलों में इसके सहयोगी संगठन खड़े हो गए हैं। खालिस्तान मूवमेंट को राजनीतिक समर्थन मिल रहा है। पंजाब में पाकिस्तान सीमा से हथियार और नशे की खेप आ रही है। मोहाली स्थित पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर रॉकेट लांचर से हमला होता है। उसके बाद भारत-पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर दूर सरहाली थाने पर राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड का हमला होता है। पुलिस की जांच शुरू भी नहीं होती, जब तक खालिस्तान संगठन, हमले की जिम्मेदारी ले लेते हैं। पंजाब में खालिस्तान के पोस्टर बैनर दिखना आम बात हो चली है।