क्या बालासोर हादसे में देवदूत बने RSS के जवान?

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हाल ही में बालासोर में हुए हादसे में RSS के जवान देवदूत बनकर सामने आए! बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ है, घायलों को खून की जरूरत है, बालासोर रेल हादसे के बाद व्हाट्सऐप पर ये मैसेज आया और हजारों युवा अस्पतालों में रक्तदान करने पहुंच गए। अस्पताल में ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। ये मैसेज बालासोर के राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस के एक ग्रुप में भेजा गया था। रात से ही संघ के कार्यकर्ता देवदूत बनकर यात्रियों की मदद कर रहे हैं। जिस जगह ये हादसा हुआ, वहां पास में ही संघ की शाखा लगती है, जहां के कार्यकर्ताओं ने जब हादसे की आवाज सुनी तो वो तुरंत मौके पर पहुंच गए। अन्य स्थानीय लोगों की मदद ली और अपने वाहनों से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। जब तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, तब तक करीब 250 कार्यकर्ता लोगों की मदद के लिए पहुंच चुके थे। ओडिशा के आरएसएस कार्यकर्ता रविनारायन बताते हैं कि ये रेल हादसा बालासोर के महानगा गांव के पास हुआ था। इस गांव में कई संघ के कार्यकर्ता रहते हैं। घटनास्थल से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही संघ के बालासोर जिले के कार्यवाह का घर है। एक्सीडेंट के बाद वो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। जब उन्होंने देखा कि स्थिति बेहद भयावह है, तो उन्होंने व्हास्टऐप मैसेज और कॉल के माध्यम से कार्यकर्ताओं से जल्द से जल्द महानगा आने की अपील की। ये हादसा रात करीब 6.50 बजे हुआ। 7 बजे तक संघ के कार्यकर्ता पहुंच गए थे।

संघ के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों की मदद ली। ट्रेन के दरवाजे खोल कर घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। पुलिस और अन्य बचाव दल के पहुंचने से पहले ही उन्होंने रेस्क्यू शुरू कर दिया। ओडिशा के आरएसएस कार्यकर्ता रविनारायन बताते हैं कि ये रेल हादसा बालासोर के महानगा गांव के पास हुआ था। इस गांव में कई संघ के कार्यकर्ता रहते हैं। घटनास्थल से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही संघ के बालासोर जिले के कार्यवाह का घर है। एक्सीडेंट के बाद वो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। जब उन्होंने देखा कि स्थिति बेहद भयावह है, तो उन्होंने व्हास्टऐप मैसेज और कॉल के माध्यम से कार्यकर्ताओं से जल्द से जल्द महानगा आने की अपील की। ये हादसा रात करीब 6.50 बजे हुआ। 7 बजे तक संघ के कार्यकर्ता पहुंच गए थे।लोगों ने अपनी मोटर साइकिल, गाड़ी और ट्रैक्टर की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। रात करीब साढ़े 8 बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। जब तक वहां एम्बुलेंस पहुंची तब तक कार्यकर्ताओं ने घायलों को अस्पताल ले जाना शुरू कर दिया।

रविनारायण ने बताया कि एनडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन में संघ के कार्यकर्ता मदद करते रहे। संघ के एक कार्यकर्ता रमेश ने बेहद बहादुरी दिखाई। दरअसल ट्रेन की तीन बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गई थीं। वहां फंसे लोगों को निकालना मुश्किल भरा काम था। बचाव दल भी बोगी पर चढ़ने से सहम रहे थे, लेकिन संघ कार्यकर्ता रमेश बिना झिझक बोगी पर चढ़ गया और अंदर से लोगों को रेस्क्यू करने लगा। इसके बाद एनडीआरएफ समेत अन्य बचाव टीमें भी रमेश के साथ लोगों को वहां से निकालने लगीं।

एक और हादसे वाली जगह स्थानीय लोग, ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता जुटे हुए थे, तभी आरएसएस के एक ग्रुप में करीब सवा नौ बजे मैसेज आया कि हादसे में घायल लोगों को खून की जरूरत है।ओडिशा के आरएसएस कार्यकर्ता रविनारायन बताते हैं कि ये रेल हादसा बालासोर के महानगा गांव के पास हुआ था। इस गांव में कई संघ के कार्यकर्ता रहते हैं। घटनास्थल से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही संघ के बालासोर जिले के कार्यवाह का घर है। एक्सीडेंट के बाद वो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। जब उन्होंने देखा कि स्थिति बेहद भयावह है, तो उन्होंने व्हास्टऐप मैसेज और कॉल के माध्यम से कार्यकर्ताओं से जल्द से जल्द महानगा आने की अपील की। ये हादसा रात करीब 6.50 बजे हुआ। 7 बजे तक संघ के कार्यकर्ता पहुंच गए थे। व्हास्ट्सऐप पर आए एक मैसेज को निर्देश मानकर हजारों युवा बालासोर के अस्पतालों में पहुंचना शुरू हो गए। रात 10 बजे तक बालासोर के अस्पताल में 300 से 400 युवा ब्लड डोनेट करने पहुंच गए। इसके अलावा सोरो अस्पताल में भी तमाम कार्यकर्ता पहुंच गए। ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए।

आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता हरेंद्र बताते हैं कि कई लोग रात से ही लोगों की मदद में लगे हुए हैं। रात में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने रेस्क्यू में मदद की और ब्लड डोनेट किया, तो सुबह से वही लोग यात्रियों के परिजनों और बचाव कर्मियों के भोजन-पानी की व्यवस्था में लग गए। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भोजन और पानी पहुंचाने लगे। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती यात्रियों के परिजनों से संपर्क कराने में भी आरएसएस के कार्यकर्ता मदद कर रहे हैं।