आपने अक्सर लोगों को अपने नाखूनों को चलाते हुए या मुंह से काटते हुए जरूर देखा होगा! इस भागदौड़ भरी जिंदगी में बढ़ते तनाव और चिंता के कारण आपको भी दांत से नाखून कुतरने की आदत है, तो इसे बिना देर किए बदल डालिए। बने रहिए इस लेख के साथ और जानिए क्यों इस आदत को तुरंत छोड़ना है जरूरी।जब भी तनाव में होती हैं तो क्या आप भी औरों की तरह दांतों से नाखून कुतरना शुरू कर देती हैं? आमतौर पर देखा गया है कि जब लोगों को ज्यादा तनाव और चिंता होती है, तो वे अपनी एंग्जायटी कंट्रोल करने के लिए नाखून चबाना शुरू कर देते हैं। जबकि यह आदत स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही हानिकारक और निराशा बढ़ाने वाली है। ऐसा करने से आपके नाखून काफी भद्दे दिखने लगते हैं। साथ ही इस आदत से आपको ढेर सारी बीमारियां भी घेर लेती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप नेल बाइटिंग के कारणों को जानकर इसके समाधान की ओर बढ़ें।
क्यों लग जाती है नाखून चबाने की आदत?
दांतों से नाखून कुतरने की आदत से छुटकारा पाने के उपायों के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरुरी है कि किन कारणों की वजह से लोगों को इसकी लत लग जाती है। हैरान कर देने वाली ये आदत आमतौर पर बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। हालांकि आजकल बड़ों में भी ये आम हो चली है या फिर एक बार उनको इसकी आदत लग जाने पर वह भी इससे बाहर नहीं निकलना चाहते हैं। यहां कुछ कॉमन कारण दिए गए हैं, जिनमें लोग नाखून चबाने लगते हैं –इस आदत की एक अहम वजह है चिंता और तनाव। ज्यादातर देखा गया है कि बच्चे कम उम्र में इसके आदी हो जाते हैं और दांतों से नाखून कुतरने की आदत बचपन से शुरु होकर उनके बड़े होने तक रहती है। वयस्क हो जाने के बाद भी इस आदत की उन्हें लत लगी रहती है।
आमतौर पर, कुछ आदतें ज्यादातर लोगों में वयस्क अवस्था या बड़े होने पर नहीं होती है या उन्हें उस आदत की लत नहीं हो पाती है। लेकिन कुछ खास परिस्थितियों से बाहर निकलने या किसी अहम पहलू को देखने, समझने, जानने के दौरान वह दांतों से नाखून काटते हुए दिख जाते हैं। यह आदत कुछ लोगों में तब देखने को मिलती है जब वह किसी बात को लेकर बोर हो रहे हो, किसी परेशानी से बाहर निकलने के रास्ते उन्हें समझ न आ रहे हो या फिर लंबे समय से किसी का इंतजार कर रहे हों।
नाखून कुतरने की लत का संबंध कुछ लोगों में उनकी अवस्था से है। इस बात को ऐसे समझिए कि एक शख्स जन्म से लेकर अपनी 18 साल तक की आयु के बीच चीजों को देख उसके सभी पहलुओं को समझ रहा है और उसके बारे कुछ कह व सुन रहा है। मतलब उसमें मानसिक और मनोवैज्ञानिक विकास हो रहा है। इस ऊहापोह के दौरान ही कुछ लोग नेल बाइटिंग की हेबिट डेवलप कर लेते हैं।
जो लोग खुद को परफेक्शनिस्ट समझते हैं, उनमें इस लत के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।परफेक्शन का संबंध नाखून चबाने की लत से भी है क्योंकि जो लोग परफेक्शनिस्ट होते हैं उनमें तनाव और चिंता ज्यादा देखने को मिलती है। यही कारण है कि वह इस लत के आदी होते हैं। वास्तव में इस तर्क को माना जा सकता है। साइंटिफिक अमेरिकन मांइड जर्नल ने भी पाया है कि जो लोग हाई लेवल के परफेक्शनिस्ट होते हैं, वे बाकी लोगों की तुलना में ज्यादा नाखून चबाने के आदी होते हैं।
जो लोग कभी कभार अपना नाखून चबाते हुए दिखाई देते हैं, हो सकता है कि वे किसी ऐसी परिस्थिती से गुजर रहे हों, जिससे वह बाहर निकलने का भरसक प्रयास कर रहे हैं मगर हर बार वह विफल हो रहे हैं। ये भी हो सकता है कि वह काफी निराश है इसलिए ऐसा कर रहे हैं। इससे जुड़े जर्नल ऑफ बिहेवियर थेरेपी एंड एक्सपेरिमेंटल साइकियाट्री में प्रकाशित शोध में बताया गया कि हमारे चार भावों में से एक भाव निराशा भी है, जो नाखून चबाने की वजह बनती है।
क्या है नुकसान?
नाखून को हमेशा कुतरने, दांतो से खींचने और चबाते रहने से उसमें संक्रमण होने की संभावना रहती है।
जहां तक नाखून फैला रहता है उसके इर्दगिर्द और उंगलियों के आखिरी छोर पर दर्द का होना।
इससे दांतों के स्वास्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
नाखून का टेढ़ा-मेढ़ा और विचित्र आकार का हो जाना
उंगलियों के माध्यम से हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं का हमारे मुंह, चेहरा और पेट तक पहुंचकर संबंधित बीमारियों को बुलावा देना।
कुल मिलाकर नाखून चबाने की लत से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि इन आदतों से दूर रहकर बीमारियों और होने वाले नुकसान से बचने की कोशिस करें।
दांत से नाखून चबाने की आदत बहुत अच्छी नहीं है। इसे आसानी से छोड़ा जा सकता है। ऐसे बहुत लोग हैं जो दृढ़ संकल्प लेकर, और कुछ दूसरों से प्रेरित होकर इस आदत को छोड़ चुके हैं। जो लोग छोड़ने का मन बना रहे हैं, वे भी याद रखें कि आखिर इस लत को पकड़ने का कारण क्या है। उन कारणों पर काम करके ही आप नाखून चबाने की आदत को छोड़ सकते हैं।
तस्मानिया यूनिवर्सिटी के द्वारा साल 2016 में किए गए एक शोध के मुताबिक, तनाव और चिंता जेसे शारीरिक असंतुलन के कारण नाखून चबाने की लत लगती है। इसलिए इन दोनों में कमी करके इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है। योग, मेडिटेशन और अन्य शरीर को आराम दिलाने वाली तकनीक के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर तनाव को कम किया जा सकता है और ऐसा करके आप ये आदत छोड़ सकते हैं, इस आदत को छोड़ने के लिए शुरुआती दिनों में नाखून पर कड़वे स्वाद वाली नेल पॉलिश या पट्टी या फिर हथेलियों में ग्लोव्स पहनी जा सकती है। इन सब के आलावा सिरके का इस्तेमाल करके आदत छुड़ाया जा सकता है।
मन भटकाकार भी नाखून चबाने की आदत को छोड़ा जा सकता है। यानी जब भी आपका मन नाखून चबाने का हो तब हाथो में स्ट्रेस बॉल लेकर उसके साथ व्यस्त हो सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने मन को विचलित कर सकती हैं। डॉ आनंद भी बताती हैं कि मन को विचलित करके, फिडगेट डिवाइस या स्ट्रेस बॉल एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं इस आदत से छुटकारा दिलाने में।
नाखून काटने या मेनीक्योर करवाने का सप्ताह में एक दिन तय कर लें ऐसा करके नाखून को छोटा और काफी साफ सुथरा व आकर्षक बनाया जा सकता है। इससे नाखून चबाने की आदत से खुद को दूर रखा जा सकता है।कुछ मामलों में इसके लिए सीबीटी जैसी साइकोथेरेपी या अन्य चिकत्सकीय परामर्श यानी मेडिकल मैनेजमेंट की जरुरत भी पड़ सकती है। खैर इससे घबराने की जरुरत नहीं है। बताई गई टिप्स अपनाकर इस आदत पर लगाम लगाई जा सकती है।