क्या आपके सीने में भी होता है जोर से दर्द?

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अक्सर आपने देखा होगा कि लोगों के सीने में बहुत तेज दर्द उठ जाता है! सीने में दर्द कई कारणों होता है, यह सीने में तेज चुभन से लेकर मंद दर्द तक हो सकता है। सीने के दर्द में कभी दबाव व जलन जैसा भी महसूस होता है। कुछ मामलों में दर्द सीने से गर्दन और जबड़ों में भी होने लगता है।

आयुर्वेद के अनुसार सीने में दर्द होने के पीछे वात, पित्त और कफ तीनों दोष होते हैं। लेकिन सीने में दर्द सिर्फ दिल का दौरा पड़ने से ही होता है ये गलतफहमी नहीं करना चाहिए। बहुत सारे कारणों के सीने में दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इसके बारे में नीचे विस्तार से विश्लेषण करेंगे।

आयुर्वेद में सीने में दर्द होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। हृदय में तीनों ही दोष यानि वात, पित्त और कफ समान रूप में रहते हैं। परन्तु तीनों दोषों का अलग -अलग क्षय एवं वृद्धि होने से सीने में दर्द की समस्या होती है।

जब मुख से भोजन लेते है तो मुख में लार उत्पन्न होता है यह लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है। इसके बाद भोजन, भोजन नली से होते हुए पेट में आता है जहाँ पेट के अंदर की परत भोजन को हजम करने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है। इसी प्रक्रिया के दौरान एसिड भी बनता है। कई लोगों में लोवर इसोफैगिदल स्फिक्टर (भोजन नलीका) ठीक से बन्द नहीं होती है और अक्सर खुला रह जाता है। जिससे पेट का एसिड वापस बाहर इसोफैगस में चला जाता है।

इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है। इसे ही जीई आरडी या एसिड रिफ्लकस कहते है। दिल का दौरा पड़ने से पहले दर्द और जकड़न शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। इससे बाँह, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्से से शुरु होकर सीधे सीने तक भी पहुँच सकता है। इसलिए लोग इसे हार्ट बर्न से जोड़ देते है, पर ऐसा हमेशा उचित नहीं होता है।

सीने में दर्द हृदय संबंधी समस्याओं के अलावा कुछ और अन्य कारणों से भी हो सकता है। यह समस्या फेफड़ों में संक्रमण आहार नली, मांसपेशियों, पसलियों तंत्रिकाओं की किसी समस्या के कारण भी हो सकता है। गर्दन के निचले हिस्से से लेकर पेट के ऊपरी हिस्से तक कहीं भी छाती या सीने में दर्द महसूस हो सकता है।

चलिये जानते हैं सीने में दर्द किन-किन कारणों से हो सकता है-

फेफड़े की बीमारी-फेफड़े की बिमारी होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है इस अवस्था में छाती के बगल में दर्द है सांस लेने या खाँसने से ये दर्द बढ़ जाता है। सीने में दर्द के सामान्य कारणों में फेफड़ों के परत में सूजन सीने में दर्द के कारण बनता है। फेफड़ो  की बिमारी जैसे निमोनिया और दमा भी सीने में दर्द का कारण बन सकता है।

प्ल्यूराइटिस (छाती की अंदरुनी दिवारों में सूजन)-छाती की अंदरूनी झिल्ली में सूजन के कारण सीने में दर्द हो सकता है। यदि  फेफड़े की उपरी सतह पर मौजूद झिल्ली में सूजन आ जाए तो छाती की अंदरूनी झिल्ली की सूजी हुई सतह से सांस लेने पर हवा रगड़ खाने लगती है, जिससे असहनीय दर्द होता है। इस स्थिति को प्ल्यूराइटिस कहा जाता है। ज्यादातर प्ल्यूराइटिस का कारण टीबी का संक्रमण या निमोनिया होता है।

टीबी-सीने में दर्द का मुख्य कारण टीबी भी हो सकता है। इस बीमारी में भी फेफड़ों की झिल्ली में सूजन आ सकती है जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने पर सूजी हुई सतह में हवा रगड़ खाने से दर्द होने लगती है।

एंजाइना पेक्टोरिस-सीने के बाई ओर से दर्द का एक कारण हार्ट अटैक भी हो सकती है। सीने में बार‚बार दर्द होना एंजाइना पेक्टोरिस  का लक्षण होता है जो दिल की बिमारी का रुप ले लेता है। इस समस्या में हृदय तक पहुँचने वाले रक्त की मात्रा कम हो जाती है। दिल को ऑक्सीजन की पूर्ति न होने से सीने में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज-हृदय की धमनियों के दर्द को पेरिफेरल वैस्कुलर कहा जाता है। हृदय से जुडने वाले शरीर के आंतरिक अंग और दिमाग को रक्त पहुँचाने वाली धमनियों में रक्त का संचरण बाधित होने पर सीने में दर्द होता है।

कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन-कोरोनरी धमनी में किसी छेद या खरोंच होने को कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन कहा जाता है। यह स्थिति कई प्रकार के कारको की वजह से पैदा हो सकती है। इसके कारण अचानक गम्भीर दर्द हो सकता है।

हड्डी/तंत्रिका समस्याएँ-सीने की पसली टूटने के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है। पसलियों की सूजन के रुप में जाना जाता है, जो सीने में दर्द का कारण बन जाता है। स्पाइन में इंजरी के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है, जिसमें कार्डियक पेन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। हर्पिस की वजह से नसों में होने वाली सूजन के कारण सीने में दर्द हो जाती है।

पेट की समस्या-पेट के कई तरह के बीमारियों के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है। एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स की वजह से कई बार सीने में दर्द और बेचैनी हो सकती है। कई बार भोजन नली में ऐंठन या पेप्टिक अल्सर (जख्म) की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है। जब  पित्त की थैली में गैस बनती है और ये गैस छाती के तरफ जाती है तो सीने में दर्द होने लगता है।