क्या आपके पैरों में भी होता है बहुत तेज दर्द ?

0
178

अक्सर आपने देखा होगा कि आपके पैरों में रात के समय बहुत ज्यादा दर्द होता है! काम का दबाव, दिन भर की थकान और पोषण की कमी के कारण यदि आपके हाथ-पैरों या नसों में दर्द रहता है तो आप इन घरेलू उपायों को आजमा सकती हैं।

हाथ-पैरों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। पर कभी-कभी यह इतना सामान्या होता है कि आप इसे लगातार नजरंदाज करती रहती हैं। जबकि यह आपकी प्रोडक्टिविटी और नींद को भी प्रभावित कर सकता है। हर बार पेन किलर दवाओं पर भरोसा करने की बजाए क्यों न कुछ घरेलू उपाय अपनाए जाएं। क्योंकि इनसे आप दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से भी बची रह सकती हैं।

एनसीबीआई में प्रकाशित शोध के अनुसार रोजाना ब्रीथिंग एक्सरसाइज करना आपको हाथ-पैरों और नसों में होने वाले दर्द से छुटाकारा दिला सकती है। शोध के अनुसार धीमी गति से की गई ब्रीथिंग एक्सरसाइज ऑटोनॉमिक फंक्शन (नर्वस सिस्टम से जुड़ा) में सुधार का काम करती है। वर्तमान अध्ययन में 17-19 वर्ष के आयु वर्ग के युवा लोगों पर श्वास अभ्यास के प्रभाव का प्रदर्शन किया गया।इसमें 60 मेडिकल छात्रों को दो समूहों में विभाजित किया गया। एक धीमी गति से सांस लेने वाला समूह (जो धीमी गति से सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करता था) और तेज़ सांस लेने वाला समूह (जो तेज़ सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करता था)।

तीन महीने की अवधि के लिए श्वास अभ्यास इन्होंने किया फिर सांस लेने के व्यायाम के अभ्यास से पहले और बाद में ऑटोनोमिक फंक्शन टेस्ट किया गया। जिसमें धीमी गति से सांस लेने वाले समूह में पैरासिम्पेथेटिक की गतिविधि बढ़ी हुई थी जबकि तेज सांस लेने वाले समूह में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया।

ग्रीन टी का सेवन करने से नसों में होने वाले दर्द में भी राहत मिल सकती है। ये तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। इसमें एल-थीनिन होता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है। रोजाना दो से तीन कप ग्रीन टी आपको हाथ-पैरों और नसों में होने वाले दर्द से राहत दे सकती है।

नसों के दर्द को कम करने में नीलगिरी का तेल लाभकारी होता है। आपको बस इस तेल को सूंघने भर की जरूरत होती है या आप इसे किसी अन्‍य तेल में मिलाकर इससे मालिश भी कर सकती हैं।

हल्दी बहुत ही गुणकारी हर्ब है। आप हल्दी का इस्तेमाल तेल में मिलाकर या दूध में डालकर भी कर सकती है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो नस में हो रहे दर्द के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। हल्दी पाउडर के साथ-साथ इसके तेल में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।

नसों में दर्द की समस्‍या से निजात पाने के लिए ऊपर बताए गए सभी उपाय बहुत ही लाभकारी हैं। इसे अपनी सहुलियत और अपने डॉक्टर से मशविरा करने के बाद ही उपयोग में लाएं।

जीवन की इस भाग-दौड़ में लोग हमेशा तनाव ग्रस्त रहने लगे हैं। इसके पीछे अनियमित जीवनशैली और असंतुलित आहार जैसे कई कारण हैं। जिनकी वजह से हमें कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कई शारीरिक समस्याएं एसी भी होती हैं जिनका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है! कई बार शरीर में खून की कमी या एनीमिया, निम्न रक्तचाप का कारण बनती है। किसी शारीरिक चोट या अंदरूनी हिस्सों में हुए रक्तस्राव के कारण शरीर में अचानक खून की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।पोषण की कमी और कमजोरी लो ब्लड प्रेशर का एक बड़ा कारण है। जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी होने पर शरीर पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाता जिससे रक्तचाप बेहद कम हो जाता है।

एनसीबीआई में प्रकाशित शोध के अनुसार रोजाना ब्रीथिंग एक्सरसाइज करना आपको हाथ-पैरों और नसों में होने वाले दर्द से छुटाकारा दिला सकती है। शोध के अनुसार धीमी गति से की गई ब्रीथिंग एक्सरसाइज ऑटोनॉमिक फंक्शन (नर्वस सिस्टम से जुड़ा) में सुधार का काम करती है। वर्तमान अध्ययन में 17-19 वर्ष के आयु वर्ग के युवा लोगों पर श्वास अभ्यास के प्रभाव का प्रदर्शन किया गया।जिनकी वजह से हमें कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कई शारीरिक समस्याएं एसी भी होती हैं जिनका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है! कई बार शरीर में खून की कमी या एनीमिया, निम्न रक्तचाप का कारण बनती है। किसी शारीरिक चोट या अंदरूनी हिस्सों में हुए रक्तस्राव के कारण शरीर में अचानक खून की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।