Wednesday, March 12, 2025
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क्या आपके शरीर पर भी है दाद? तो करें ये उपाय!

सामान्य तौर पर दाद खाज खुजली एक बीमारी होते हैं, जिन्हें औषधियों से दूर किया जा सकता है! दाद एक प्रकार की त्वचागत समस्या है जो फंगल संक्रमण के कारण होता है। यह त्वचा की ऊपरी परत पर होता है तथा यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है। दाद को चिकित्सकीय भाषा में टिनीया कहते है। यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है और इसमें खुजली एवं जलन होते है। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े उपयोग करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।अत्यधिक मीठा, नमकीन, बासी भोजन, दूषित आहार और साफ-सफाई की कमी के कारण कफ और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं जिससे त्वचा पर खुजली, जलन और लालिमा जैसे लक्षण उत्पन्न होकर दाद का रूप ले लेते हैं।

दाद एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है जो एक तरह के फंगस के संक्रमण से होता है, इसमें खुजली एवं जलन होती है तथा यह गोल चकत्तो के रूप में होते है। वहीं एक्जिमा में भी तवचा पर खुजली और लाल चकत्ते हो जाते है परंतु यह फंगल इंफेक्शन नहीं है। एक्जिमा के पीछे का सही कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है परंतु कुछ ऐसे ट्रिगर है जो एक्जिमा को शुरू या खराब करने में जिम्मेदार होते है जैसे कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी जैसे-डेयरी उत्पाद, खट्टे भोजन, मछली, अंडे, मसालेदार भोजन आदि या फिर किन्हीं विशेष पदार्थों के सम्पर्क में आने से जैसे-धूल के कण, पराग, बैक्टिरीया, वायरस रूली आदि। दूसरी तरफ एक्जिमा अनुवांशिक भी होता है, दोनों माता-पिता में से यदि किसी एक को भी यह समस्या रहती है तो सन्तान में भी एक्जिमा होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

दाद फंगल के संक्रमण के कारण होता है, यह फफूंदी जैसा परजीवी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है। यह बड़ी ही आसानी से तथा कई तरीकों से फैल सकता है। अगर किसी जानवर को दाद हुआ है तो उस जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्ण के शरीर में फैल सकता है। मनुष्य द्वारा किसी संक्रमित वस्तु को छूने से भी दाद का संक्रमण उनमें फैल सकता है जैसे कंघी, ब्रश, कपड़े, तौलिया, बिस्तर आदि।

दाद होने पर खुजली होने के अलावा और भी लक्षण होते हैं-

दाद वाली जगह पर खुजली एवं जलन दोनों हो सकता है।

यह लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है।

दाद वाले चकत्ते बाहरी तरफ से किनारों पर लाल होते है।

यह गोल चकत्तों के रूप में होते है तथा ऊपर की और उभरा हुआ होता है।

दाद-खाज और खुजली से बचने के लिए अपने आहार और जीवनशैली में ये सारे बदलाव लाने ज़रूरी हैं। अपने आहार में निम्न सारे आहार शामिल करने से फंगल संक्रमण होने का खतरा कम होता है-

विटामिन-ई से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसकी मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है जिसकी मदद से शरीर ल्यूकोसाइट्स का उत्पादन करता है तथा फंगस को नष्ट करने में मदद करता है। विटामिन-ई के लिए जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल, अखरोट, मसूर की दाल, पालक, बादाम, तिल आदि का सेवन करें।

भोजन में लौंग का प्रयोग करें। इसके सेवन से फंगल संक्रमण दूर होता है।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए कपड़े, वस्तुएँ आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे पालतु जानवरों से भी दूर रहना चाहिए जो संक्रमित होते हैं।

अधिक पसीने से परहेज रखना चाहिए इसके लिए एंटी-फंगल का इस्तेमाल करें।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग की हुई वस्तुओं को प्रयोग नहीं करना चाहिए।

अत्यधिक नमकीन एवं मीठे खाद्य पदार्थ, गुड़, चॉकलेट, सोडा युक्त पेय पदार्थ, अत्यधिक तला-भुना एवं मिर्च मसालेदार भोजन, जंक फूड, शराब, धूम्रपान तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

दाद वाली जगह पर बार-बार खुजलाना नहीं चाहिए।

नारियल का तेल त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह न सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत प्रदान करता है बल्कि त्वचा को चिकना और नरम भी बना देता है। इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।लहसुन में अजोइना नाम एक प्राकृतिक एंटी फंगल एजेंट होता है जो फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है। लहसुन की एक फांक छीलकर उसकी पतली स्लाइस काट लें, प्रभावित क्षेत्र पर पतली स्लाइस को रखे और उसके चारों ओर एक पट्टी लपेट लें और रात भर के लिए इसे छोड़ दें। इसकी जगह पर लहसुन के पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है। हल्दी और पानी को मिलाकर अच्छी प्रकार पेस्ट बना लें और रूई की सहायता से इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ।

एलोवेरा एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी होते है। प्रभावित त्वचा पर सीधे ऐलोवेरा जेल को लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें। यह दाद चकत्ते आदि को ठीक करता है तथा यह त्वचा की स्वस्थ करने के लिए कईं पोषक तत्व और मिनरल प्रदान करता है।

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